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Wednesday, 4 September 2013

उबुन्टू लिनक्स कैसे इंस्टाल और प्रयोग करें (How to install and run windows programs in linux operating system)


उबुन्टू लिनक्स आप यहाँ से फ्री मंगवा सकते है -  क्लिक करेंhttp://ubuntu.com/
लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में फोटोशोप , ड्रीम वीवर , टेली आदि विण्डो में चलने वाले कई सोफ्टवेयर उबुन्टू लिनक्स में चलाने के लिए वाइन (wine) का प्रयोग करें
 
उबुन्टू लिनक्स कैसे इंस्टाल करें

                 लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानकारी न होने के कारण इसका इस्तेमाल बहुत ही कम हो पा रहा है | वायरस फ्री व मूल्य फ्री होने के बावजूद जानकारी के अभाव में लोग लिनक्स का इस्तेमाल करने से वंचित है | और महंगा विण्डो ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने को मजबूर है | मैंने Red Hat, Fedora, ubuntu आदि linux के ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करके देखे जिनमे नए लोगो के लिए ubuntu linux ऑपरेटिंग सिस्टम मुझे इस्तेमाल करने में बहुत आसान लगा | कम्पूटर में कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करने हेतु सबसे पहले चुना गया ऑपरेटिंग सिस्टम इंस्टाल करना होता है जो सबसे मुश्किल कार्य लगता है और इसके लिए ज्यादातर लोग हार्डवेयर इंजिनियर से यह काम करवाते है पर इन इंजीनियर्स में भी बहुत कम लोग है जो लिनक्स इंस्टाल करना जानते हो | जबकि ubuntu linux इंस्टाल करने में विण्डो एक्स पी. से भी ज्यादा आसान है | आइए आज जानते है ubuntu linux installation के बारे में | उबुन्टू को दो तरीके से इंस्टाल किया जा सकता है एक विण्डो एक्स.पी के अंदर और दूसरा सेपरेट यहाँ दुसरे तरीके पर चर्चा करते है | विण्डो एक्स.पी में इंस्टाल करने का तरीका है | 


                तो जानते है उबंटू को अपने कम्प्यूटर मे कैसे इंस्टाल किया जाए। मैं यहाँ जो तरीका बताने जा रहा हूँ वो सबसे आसान और सबसे सुरक्षित है।  वूबी उबंटू का वर्चुअल इंस्टाल और भी आसान है।
          आइये जानते है वूबी क्या है । वूबी का पूरा नाम है विन्डोज़ बेस्ड उबंटू इंस्टालर। आप विन्डोज़ उपयोगकर्ता हैं। लाइनेक्स उपयोग करना चाहते हैं? पार्टीशन करने मे दिक्कत हो रही है? या फ़िर लाइनेक्स कोई कुछ दिनों तक ट्राई करना चाहते हैं? यदि इनमे से किसी का भी जवाब हाँ है तो उबंटू + वूबी आपके लिए है.
                            वूबी अब उबंटू का आफिशीयल इंस्टालर बन गया है। जब आप इसके जरिये उबंटू इंस्टाल करते हैं तो ये किसी असली पार्टीशन मे इंस्टाल होने के बजाये एक वर्चुअल हार्ड डिस्क फाइल मे इंस्टाल होता है। इस फाइल का साइज़ कुछ भी हो सकता है 5GB -10 GB -15GB कुछ भी ... जो भी आप निर्धारित करेंगे। चलिए शुरू करते हैं।

  सबसे पहले उबंटू की सी डी को कम्प्यूटर मे डाला। इसका ऑटो रन चला और आपके सामने एक विंडो आयेगी । जिसमें तीन विकल्प होंगे-
  1. demo and full installation
  2. install inside windows
  3. Learn more
इसमे आप दूसरा विकल्प "इंस्टाल इनसाइड विन्डोज़" चुनेगे।

अब एक और विंडो खुलेगी -
                          इसमे पूछा जाता है कि आप उबंटू को कहाँ इंस्टाल करना चाहते हैं। और ये भी कि उसकी वर्चुअल हार्ड डिस्क का साइज कितना होना चाहिए। यूजर नेम और पास वर्ड सावधानी से भरें और इंस्टाल पर क्लिक कर दे।
             अब करीब 5 मिनट तक इंतज़ार करें । इसके बाद वूबी आपसे सिस्टम को रिस्टार्ट करने के लिए कहेगा। वैसा ही करें। इस बार आपको अपना कम्प्यूटर ड्युलबूट जैसा दिखेगा यानी कि आपको दो विकल्प दिखेंगे: एक विन्डोज़ और एक लाइनेक्स का। उबंटू को चुने और 15 मिनट इंतज़ार करें। कुछ देर मे उबंटू इंस्टाल हो जाएगा। अब सिस्टम रिबूट करें और उबंटू को चुने।
बधाई हो आपने उबंटू को इंस्टाल कर लिया

Step By Step 


  1. सबसे पहले ubuntu की सी डी. सी डी रोम में डालकर कंप्यूटर को रिस्टार्ट कर सी डी रोम से रिबूट करावें |
  2. सी डी रोम से रिबूट होते ही कंप्यूटर की स्क्रीन पर भाषा चुनने का आप्शन आएगा | जिसमे हिंदी सहित कोई भी मन पसंद भाषा चुनी जा सकती है \
  3. भाषा चुनकर आगे बढ़ते ही कुछ आप्शन मिलते है जिनमे से Install Ubuntu पर क्लिक करके थोडा इंतजार करें |
  4. कुछ इंतजार के बाद स्क्रीन पर Ubuntu Desktop दिखाई देगा व दुबारा भाषा चुनने का आप्शन मिलेगा यहाँ भाषा का चुनाव करने के बाद (Forward ) आगे बढे \
  5. अब टाइम जोन कोलकत्ता चुनने के बाद आगे बढे |
  6. Key Bord layout चुने व आगे बढे |( forward पर क्लिक करें )
  7. अब Prepare Disk Space का पर्चा खुलेगा | विण्डो एक्स पी. को यथावत रखने के लिए Manual पर चेक का निशान लगते हुए आगे बढे |
  8. अब कंप्यूटर के सभी Disk partition की सूची दिखाई देगी जिस डिस्क पार्टीशन में उबुन्टू लिनक्स इंस्टाल करना है उसे सलेक्ट कर Edit Partition पर क्लिक करें |
  9. Edit Partition पर क्लिक करते ही एक पर्चा खुलता है जिसमे : - अ - Partition use as -- में ext2 file system चुने | ब- format the partition के आगे चेक बॉक्स में चेक का निशान लगाएँ | स- choose mount point में / चुने |  और आगे बढे |
  10. अब swap partition के बारे में पूछा जायेगा इसे continue पर क्लिक करके आगे बढे |
  11. आगे बढ़ते ही एक विण्डो खुलेगा जिसमे यूजर नाम व पासवर्ड आदि भरें | यदि auto log in चाहते है तो autometically log in पर चेक का निशान लगाते हुए आगे बढे |
  12. एक पर्चा Migrate Document & Settings के नाम खुलेगा जिसमे विण्डो एक्स.पी. के किस यूजर का document & setting का फोल्डर ubuntu में Migrate करना है पूछा जायेगा | सम्बंधित फोल्डर को सलेक्ट कर आगे बढे |
  13. Ready to install का पर्चा खुलेगा जिसमे Install पर क्लिक करें | थोडा इंतजार करें |
             अब इंस्टालेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है फाइल्स आदि कॉपी होते समय 82% पर आकर एक बार इंस्टालेशन गति कुछ रुक सी जाती है लेकिन कृपया धेर्य रखे व लगभग 20 मिनट तक इंतजार करे | इंतजार का समय कम ज्यादा आपके कंप्यूटर की गति से हिसाब से हो सकता है इस वक्त scanning the mirror की प्रक्रिया चल रही होती है जो कुछ समय लेती है | इस प्रक्रिया के बाद आगे इंस्टालेशन की प्रक्रिया स्वत: ही पूरी हो जाती है और कंप्यूटर को रिस्टार्ट करने को कहा जाता है |
कंप्यूटर रिस्टार्ट होते ही उबुन्टू की सी डी स्वत: ही बाहर निकल आती है | अब आगे उबुन्टू चलाने हेतु विण्डो एक्स.पी व उबुन्टू में से उबुन्टू सलेक्ट कर Enter दबा दे बस कुछ ही क्षणों में उबुन्टू लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम आपके कंप्यूटर के डेस्कटॉप हाजिर है | मजे के साथ नेट चलायें,गाने सुने या ओपन ऑफिस .ओआरजी में अपने ऑफिस का काम करें बिना किसी दिक्कत के ,बिना किसी वाइरस के डर के व बिना कोई ऑडियो वीडियो व अन्य ड्राईवर्स के इंस्टालेशन के |

उबुन्टू लिनक्स आप यहाँ से फ्री मंगवा सकते है -  क्लिक करेंhttp://ubuntu.com/

अपने डुअल बूट कंप्यूटर में कुछ नए प्रयोगों के चलते पिछले दिनों विण्डो एक्सपी करप्ट होने के कारण दुबारा इंस्टाल करनी पड़ गयी | दुबारा विण्डो इंस्टाल करते ही बूट मीनू से कंप्यूटर में इंस्टाल उबुन्टू लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम गायब मिला | पहले भी दो बार एसा हो चूका था और दोनों बार उबुन्टू लिनक्स मेने दुबारा इंस्टाल किया लेकिन इस बार बड़ी मेहनत से उबुन्टू लिनक्स में कई सारे प्रोग्राम आदि इंस्टाल कर इसे अपडेट कर रखा था सो दुबारा उबुन्टू इंस्टाल करना बड़ा भारी लग रहा था साथ ही यह विचार कर कि इस तरह आने वाली समस्या का समाधान इन्टरनेट पर अवश्य होगा अतः समाधान के लिए गूगल बाबा की मदद ली गयी जहाँ हिंदी में तो कोई समाधान हाथ नहीं लगा लेकिन अंग्रेजी में ढेर सारी जानकारियां मिली जिनकी सहायता से कुछ ही देर में उबुन्टू लिनक्स का बूट लोडर री-इंस्टाल कर जैसे ही कंप्यूटर री-बूट किया मेरा मनपसन्द ऑपरेटिंग सिस्टम उबुन्टू लिनक्स बूट मीनू में विण्डो एक्सपी के साथ मौजूद था | दरअसल ऐसे कंप्यूटर में जिसमे लिनक्स व विण्डो दोनों इंस्टाल होती है उस कंप्यूटर में जब भी विण्डो दुबारा इंस्टाल करते है विण्डो का ग्रब बूट लोडर इंस्टाल हो जाता है जो बूट मीनू में लिनक्स को नहीं दिखता अतः लिनक्स ग्रब बूट लोडर री-इंस्टाल करते ही इस समस्या का निवारण हो जाता है |
कभी लिनक्स इस्तेमाल करते हुए इसकी जरुरत आपको भी पड़ सकती है अतः क्यों न यह जानकारी आपस में सांझा की जाय |
1- उबुन्टू की लाइव सी डी सी डी रोम में डाल कर कंप्यूटर को उससे बूट करे जिसमें एक विण्डो खुलेगी जिसमे आप Try Ubuntu without any change to your computer पर क्लिक करे
थोडी देर में हाजिर है उबुन्टू लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम आपके कंप्यूटर पर |
2-A-अब Application-- Accessories-- Terminal खोले व टर्मिनल में टाईप करे sudo grub
B- अपने पासवर्ड टाईप करे व निम्न कमांड दे
> root (hd0,0)

> setup (hd0)

> exit

3- अब कंप्यूटर को री-स्टार्ट करे बूट मीनू में हाजिर है आपके दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम |



फोटोशोप , ड्रीम वीवर , टेली आदि विण्डो में चलने वाले कई सोफ्टवेयर उबुन्टू लिनक्स में चलाना

                         उबुन्टू लिनक्स इंस्टाल करने के बाद भी विण्डो एक्सपी का मोह छोड़ नहीं पा रहे थे क्योंकि फोटोशोप , ड्रीम वीवर , टेली आदि विण्डो में चलने वाले कई सोफ्टवेयर है जिनके इस्तेमाल के चलते विण्डो एक्सपी इस्तेमाल करना मज़बूरी बनी हुई थी और इसके लिए दिन में जरुरत के हिसाब से अपने डुअल बूट कंप्यूटर को जिसमे विण्डो एक्सपी व लिनक्स दोनों इंस्टाल है को बार बार री -बूट कर कभी विण्डो एक्सपी तो कभी लिनक्स चलाना पड़ता है | 
                                      तो लिनक्स के लिए वाइन (wine) एक ऐसा प्रोग्राम है जो उन ढेरों एप्लीकेशंस को जो सिर्फ विण्डो पर चलती है को लिनक्स प्लेटफार्म पर भी चलाने में सक्षम है | हालाँकि इन सॉफ्टवेयर्स के बदले लिनक्स में कई सारे सॉफ्टवेयर्स है जिनका इस्तेमाल कर अपना काम चलाया जा सकता है लेकिन लिनक्स के नए उपयोगकर्ता के लिए पहले तो इन सॉफ्टवेयर्स को तलाशना मुश्किल होता है और तलाश लिए तो इनके इस्तेमाल हेतु सिखने के लिए नए सिरे से मत्थापच्ची करनी होती है | अतः लिनक्स में वाइन इंस्टाल कर उसके जरिए लिनक्स में विण्डो एप्लीकेशंस चलाना ज्यादा व्यवहारिक है | मेरी नजर में तो वाइन प्रोग्राम एक ऐसी सौगात है जिसके इस्तेमाल से कंप्यूटर उपयोगकर्ता माइक्रोसॉफ्ट के विण्डो की निर्भरता से पूरी तरह मुक्त हो सकता है | कुल मिलाकर वाइन (wine) ने लिनक्स को आम कंप्यूटर उपयोगकर्ता के इस्तेमाल के लिए और व्यवहारिक बना दिया है |
 
वाइन इंस्टाल करना
                     वाइन इंस्टाल करना भी बहुत आसान है इसके लिए एप्लीकेशंस में एड / रिमूव में जाकर वाइन सर्च कर अप्लाई चेंज पर चटका लगा दे आपका लिनक्स कंप्यूटर अंतरजाल के माध्यम से वाइन डाउनलोड कर अपने आप इंस्टाल कर देगा |


वे 5 चीजें जो आपको उबुन्टू स्थापित करने के बाद करनी चाहिए

  1. फ्लैश, एमपी थ्री आदि का समर्थन स्थापित करना
  2. उबुन्टू की मुफ्त पुस्तकें डाउनलोड करना
  3. हिंदी अथवा अन्य भारतीय भाषाओं का समर्थन स्थापित करना
  4. उबुन्टू वन (Ubuntu One) का इस्तेमाल करना

1. फ्लैश, एमपी थ्री आदि का समर्थन स्थापित करना

                ताज़ा ताज़ा स्थापित उबुन्टू में आप फ्लैश या एमपी थ्री फाइलें नहीं चला सकते हैं| इसके लिए उसमे इनका समर्थन स्थापित करना होता है| ऐसा करने के लिए Application > Ubuntu Software Center में जाएँ| फिर दायें कोने में दिए खोज बक्से में restricted लिखें| इतने में आपको एक सूची दिखाई देगी जिसमे Ubuntu Restricted Extras जैसा कुछ लिखा होगा| Ubuntu Restricted Extras में क्लिक करके उसे स्थापित कर लें| ध्यान रहे की इसमे कुछ समय लगता है अत: धैर्य रखें|

2. उबुन्टू की मुफ्त पुस्तकें डाउनलोड करना
                    उबुन्टू के लिए नए हैं? श्री रविशंकर श्रीवास्तव द्वारा हिन्दी में लिखी गई पुस्तक लिनक्स पॉकेट गाइड से आप आसानी से लिनक्स सीख सकते हैं| इसे आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं: क्लिक करें
अंग्रेजी में उबुन्टू मैनुअल यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं: http://ubuntu-manual.org/
अंग्रेजी में उबुन्टू पॉकेट गाइड एंड रिफरेन्स यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं: http://www.ubuntupocketguide.com/index_main.html
 
3 हिंदी अथवा अन्य भारतीय भाषाओं का समर्थन स्थापित करना
                           यदि आप उबुन्टूको हिंदी या किसी अन्य भाषा में उपयोग करना चाहते हैं तो उस भाषा का समर्थन आपको उबुन्टू में स्थापित करना होगा| इसके लिए System > Administration > Language Support में जाएँ|   
4. उबुन्टू वन (Ubuntu One) का इस्तेमाल करना
                         उबुन्टू वन, विंडोज़ के ड्राप बाक्स जैसी सेवा है, जिसमें प्रत्येक उबुन्टू उपयोगकर्ता को दो गीगाबाईट की मुफ्त आनलाइन भंडारण जगह मिलती है| इसमें $10 प्रतिमाह के भुगतान पर 50 गीगाबाईट तक का अपग्रेड उपलब्ध है| यदि आप उबुन्टू वन के लिए नए हैं तो आपको https://one.ubuntu.com/ पर जाकर पंजीकरण कराना होगा|
अब तंत्र > वरीयता > उबुन्टू वन में जाएं|
                          अब खाता टैब में जाकर खाता प्रबंध में क्लिक करें|
 

अपनी वेबसाइट कैसे बनाएं (How to create a Website)

इंटरनेट पर वेबसाइट का ठिकाना यानी वेब सर्वर

                                         वेबसाइट के लिए डोमेन नेम लेने के बाद आपका अगला कदम होता है एक अदद वेब सर्वर की तलाश जहां आप कुछ स्पेस ले सकें। स्पेस का मतलब है, इंटरनेट से जुड़े सर्वर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में कुछ मेगाबाइट या गीगाबाइट की जगह, जिस पर आप अपनी वेबसाइट की फाइल्स रखेंगे। आपकी वेबसाइट दूसरों को तभी दिख सकती है जब वह किसी तरह इंटरनेट पर पहुंचे और इसीलिए वेब सर्वर पर साइट के लिए होस्टिंग स्पेस लेना जरूरी है। हालांकि इसके दूसरे विकल्प भी हैं, लेकिन वे एडवांस्ड लेवल के प्रफेशनल्स के लिए हैं।

                                      अगर आप गूगल पर वेब होस्टिंग सर्च करेंगे तो लाखों नतीजे सामने आएंगे। यह दिखाता है कि इंटरनेट की दुनिया में कितनी कंपनियां और फर्म्स आपकी वेबसाइट को जगह देने के लिए आतुर हैं। होस्टिंग स्पेस पाने के लिए आपको पैसा खर्च करना होता है। भारत में वेब होस्टिंग के सालाना प्लान ज्यादा लोकप्रिय हैं। बहरहाल, प्लान से ज्यादा जरूरी है भरोसेमंद कंपनी और अच्छे वेब सर्वर का चुनाव क्योंकि वह आपकी वेबसाइट की कामयाबी या नाकामी में अहम भूमिका निभा सकता है।

वेब होस्टिंग कंपनियां

भारत में लोकप्रिय कुछ प्रमुख देशी-विदेशी वेब होस्टिंग कंपनियां इस तरह हैं :
1. bigrock.in
2. godaddy.com
3. network solutions.com
4. network solutions.comnety.in
5. hostgator.com
6. siliconhouse.net
7. economicalhost.com
8. manashosting.com
9. speedhost.com
10. hostingraja.in

                                      इन पर 1000 रुपये महीने से लेकर 15-20 हजार रुपये महीना तक की दरों पर वेब होस्टिंग स्पेस उपलब्ध है। स्पेस के लिए कितना धन लिया जाएगा, वह इन बातों पर निर्भर करता है:

  1. कितना सर्वर स्पेस लिया गया है (मेगाबाइट या गीगाबाइट में)
  2. आपके लिए रिजर्व बैंडविड्थ कितनी है
  3. सर्वर विंडोज आधारित है या लिनक्स आधारित
  4. सर्वर किस तरह का है - शेयर्ड या डेडिकेटेड
  5. वेब होस्टिंग कंपनी भारतीय है या विदेशी 
इनके अलावा लोकप्रिय कुछ प्रमुख देशी-विदेशी वेब होस्टिंग साइट्स जो  मुफ़्त  मे वेब स्पेस उपलब्ध कराती है इसके लिए  क्लिक करें -   http://mahaanindia.blogspot.com/2012/10/list-of-free-webhosting-sites-for.html


                                             बैंडविड्थ
 
                    हर बार आपका वेब पेज खोले जाने पर कुछ डेटा डाउनलोड होता है। अलग-अलग पाठकों द्वारा जितनी बार वेबसाइट खोली जाएगी, डाउनलोड होने वाले कुल डेटा की मात्रा उतनी ही बढ़ती जाएगी। बैंडविड्थ का मतलब सर्वर पर होने वाली डेटा की आवाजाही की सीमा से है यानी कुल कितना डेटा आपकी वेबसाइट से डाउनलोड हो सकता है और कितना उस पर अपलोड किया जा सकता है।



                                                                    शेयर्ड होस्टिंग

                              एक ही सर्वर पर जब सैकड़ों-हजारों वेबसाइटों को रख दिया जाए तो माना जाता है कि सर्वर स्पेस उन सबके बीच शेयर किया गया है। यह सस्ता होता है।

                                                                    डेडिकेटेड होस्टिंग

                      जब कोई सर्वर सिर्फ आपकी वेबसाइट के लिए ही इस्तेमाल किया जाए। ऐसे में सर्वर की सारी कम्प्यूटिंग पावर, स्पेस और रफ्तार सिर्फ आपके लिए सुरक्षित होती है, बहुत सारी वेबसाइट्स के बीच बंटती नहीं, लेकिन ऐसी होस्टिंग महंगी होती है।

सर्वर का चुनाव करते समय ध्यान रखें

  1. कीमत कॉम्पिटीटिव हो।
  2. होस्टिंग स्पेस ज्यादा हो।
  3. बैंडविड्थ ज्यादा हो। अनलिमिटेड हो तो बहुत अच्छा।
  4. डेटा के नियमित बैकअप की व्यवस्था हो।
  5. वायरसों और स्पाइवेयर से सुरक्षा का इंतजाम हो।
  6. जरूरत पड़ने पर तकनीकी मदद और कस्टमर सपोर्ट की व्यवस्था।
  7. फ्री कस्टमाइज्ड (आप@आपकीसाइट.कॉम) ई-मेल अकाउंट की सुविधा।
  8. साइट से ई-मेल, कस्टमर फीडबैक आदि रिसीव करने की सुविधा।
  9. वर्डप्रेस, जूमला, द्रूपल जैसे सीएमएस इस्तेमाल करने की सुविधा।
  10. होस्टिंग अगर शेयर्ड है तो उस पर होस्ट की गई वेबसाइटों की संख्या कम हो।


देशी बनाम विदेशी होस्टिंग

                                                देश में ही सर्वर स्पेस लिया जाना बेहतर होता है क्योंकि आमतौर पर ऐसी साइट्स विदेशी सर्वरों पर होस्ट की गई साइट्स से तेज खुलती हैं। दूसरे, तकनीकी मदद की जरूरत पड़ने पर देशी कंपनियों से फोन पर या खुद संपर्क करना मुमकिन है, जो विदेशी कंपनियों के साथ आम तौर पर मुमकिन नहीं हो पाता। अमेरिका और कई दूसरे पश्चिमी देशों में वीकेंड हॉलिडे काफी लंबे होते हैं। अगर वहां छुट्टी चल रही हैं, तो कोई समस्या आने पर आप अटक जाएंगे। हालांकि देशी कंपनियां विदेशियों की तुलना में सर्वर स्पेस के लिए ज्यादा कीमत वसूलती हैं।


वेबसाइट होस्ट कैसे होगी

                        आप गोडैडी, बिगरॉक या ऐसे ही किसी दूसरे सर्वर की वेबसाइट पर जाकर अपनी वेबसाइट के लिए स्पेस ले सकते हैं। सामान्य वेबसाइटों के लिए सौ मेगाबाइट स्पेस काफी होता है। इससे ज्यादा मिल रहा हो तो कोई हर्ज नहीं है। सालाना प्लान बेहतर है ताकि अचानक आपका प्लान खत्म न हो जाए और वेबसाइट डाउन न हो जाए। क्रेडिट कार्ड के जरिये जरूरी रकम का भुगतान करने के बाद आपको सर्वर पर वेब होस्टिंग स्पेस मिल जाता है। सर्वर की वेबसाइट पर ऐसे टूल मौजूद होते हैं जिनकी मदद से आप अपने होस्टिंग स्पेस का इस्तेमाल कर सकते हैं। हर वेबसाइट के स्पेस का ऐडमिनिस्ट्रेशन कंट्रोल पैनल के जरिये किया जाता है, जिसका यूजरनेम और पासवर्ड स्पेस खरीदते समय आपको भेजा जाता है।
डोमेन नेम सेट करना
                             अपनी वेबसाइट को सक्रिय करने से पहले आपको अपने डोमेन नेम के नेमसर्वर की सेटिंग करनी होती है, जिसका मकसद आपके होस्टिंग ठिकाने का पता-ठिकाना बताना है। यह सेटिंग इसलिए जरूरी है ताकि जब कोई श?स आपकी साइट पर जाने के लिए डोमेन नेम (www.yoursite.com) टाइप करे तो इंटरनेट एक्सप्लोरर या दूसरे ब्राउजर उसे आपके वेब सर्वर तक ले आएं। डोमेन नेम लेते समय भी आपको एक यूजरनेम और पासवर्ड मिलेगा, जिसका इस्तेमाल कर आप नेमसर्वर सेटिंग कर सकते हैं।

                           अब सवाल उठता है कि आपने जो वेबसाइट तैयार करवाई है, उसकी फाइलें वेब सर्वर तक भेजी कैसे जाएं? इसके लिए एफटीपी सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह सॉफ्टवेयर आपकी फाइलों को आपके कंप्यूटर से सर्वर तक ट्रांसफर करने के लिए काम आते हैं। इन्हें इस्तेमाल करना उतना ही आसान है जितना अपने कंप्यूटर में फाइलों को एक जगह से दूसरी जगह कॉपी-पेस्ट करना। हालांकि विंडोज में भी एफटीपी सुविधा मौजूद है, लेकिन इस काम के लिए अलग से आने वाले सॉफ्टवेयर ज्यादा लोकप्रिय हैं, जैसे:

  1. Cute FTP
  2. Leech FTP
  3. Free FTP
  4. File Zilla
  5. Core FTP

            इनमें से पहले को छोड़कर बाकी सभी सॉफ्टवेयर फ्री उपलब्ध हैं। कुछ होस्टिंग सर्वर खुद भी अपनी वेबसाइट पर फाइल ट्रांसफर सुविधा मुहैया कराते हैं। सो वेबसाइट तैयार कीजिए या करवाइए और अपनी फाइलें वेब सर्वर पर डाल दीजिए। हो जाएगी आपकी वेबसाइट लाइव।

                            वेबसाइट बनाने और चलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कई जरियों में से एक है- कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS)। यह वेब के जरिये इस्तेमाल होने वाला ऐसा सिस्टम है जिस पर काम करने के लिए आपको ज्यादा तकनीकी जानकारी की जरूरत नहीं होती। सीएमएस चार्जेबल भी होते हैं और मुफ्त भी। दोनों की अपनी-अपनी खूबियां और कमजोरियां हैं। अगर आप वेबसाइट खुद डिजाइन करना चाहते हैं तो दोनों तरह के सीएमएस इस्तेमाल कर सकते हैं। कई कंपनियां सीएमएस के जरिये कमर्शल आधार पर वेब डिजाइन करती हैं।


खास-खास सीएमएस

मुफ्त
वर्डप्रेस (wordpress.org)
जूमला (joomla.org)
दूपल (droopal.org)
सिल्वर स्ट्राइप (silverstripe.org)
अम्ब्रेको (umbraco.com)

पेड
एक्सप्रेशन इंजन (ellislab.com/expressionengine)- 99.95 डॉलर या 5500 रुपये
विवो (vivvo.net)- 245 डॉलर या करीब 13 हजार रुपये
बिट्रिक्स (bitrixsoft.com)- 249 डॉलर या करीब 13,500 रुपये


                                          इनमें वर्डप्रेस और जूमला सबसे लोकप्रिय हैं। इन दोनों में भी वर्डप्रेस, जिसने गैर-तकनीकी लोगों के लिए प्रफेशनल क्वॉलिटी की वेबसाइट तैयार करना मुमकिन बना दिया है। वर्डप्रेस पर दो तरह के सल्यूशन मिलते हैं :
- फ्री ब्लॉग बनाने के लिए wordpress.com
- फ्री वेबसाइट बनाने के लिए wordpress.org


कैसे बनाएं वेबसाइट

वेबसाइट बनाने के लिए आपको कोड डाउनलोड करना होता है जो उस सर्वर पर इंस्टॉल किया जाता है, जहां आपने अपनी वेबसाइट के लिए जगह ली है। कुछ होस्टिंग प्रोवाइडर ऐसे हैं, जो आपके लिए वर्डप्रेस इंस्टॉल करने का काम खुद कर देते हैं। इनमें खास हैं:
-बिगरॉक (bigrock.in)
-नेटवर्क सल्यूशंस (networksolutions.com)
-गोडैडी (godaddy.com)
-डब्लूपीवेब होस्ट (wpwebhost.com)
-ब्लूहोस्ट (bluehost.com)
-होस्टगेटोर (hostgator.com)
-ड्रीमहोस्ट (dreamhost.com)


वर्डप्रेस आधारित वेबसाइट तैयार होने से पहले तीन काम करने जरूरी हैं :
1. वेबसाइट के लिए डोमेन नेम लेना
2. उसे इंटरनेट पर होस्ट करने के लिए सर्वर स्पेस लेना
3. जरूरी नेमसर्वर सेटिंग्स करके यह व्यवस्था करना कि एड्रेस बार में यह डोमेन नेम लिखने पर ब्राउजर आपके सर्वर पर चला जाए


गो-डैडी सर्वर पर वर्डप्रेस वेबसाइट तैयार करना

गो-डैडी अच्छा और सस्ता सर्वर है, जहां वर्डप्रेस को इंस्टॉल और मैनेज करना आसान है। वर्डप्रेस इंस्टॉलेशन के तहत सर्वर पर पीएचपी (PHP) नाम की स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज, माइएसक्यूएल (mysql) नाम का डेटाबेस और वर्डप्रेस कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम की फाइलें इंस्टॉल की जाती हैं। हम यहीं से शुरू करके अपनी वेबसाइट को होस्ट करने तक की प्रक्रिया आजमाकर देखेंगे। वेबसाइट का नाम होगा janvigyan.com। हम गोडैडी के सर्वर पर स्पेस ले चुके हैं और डोमेन नेम भी।


गो-डैडी सर्वर पर वर्डप्रेस इंस्टॉल करना

- सबसे पहले अपने होस्टिंग अकाउंट पर लॉग-इन करें। Account Manager में जाकर माई अकाउंट क्लिक करें। Webhosting लिंक पर क्लिक करें।
- जिस होस्टिंग अकाउंट में वर्डप्रेस एक्टिव करना है, उसके आगे बने Launch बटन को दबाएं। अब Popular Apps मेनू में जाकर wordpress क्लिक करें। इससे Godaddy Hosting Connection खुल जाएगा। अब Install Now! पर क्लिक करें
- आपको चार Steps दिखाई देंगे।
- पहले चरण (Choose Plan) के तहत उस डोमेन नेम को चुनें, जिसकी वेबसाइट के लिए वर्डप्रेस का इस्तेमाल करना चाहते हैं। हम यहां janvigyan.com को चुनेंगे।
- दूसरा चरण (Setup Hosting) हम पर लागू नहीं होता क्योंकि हम पहले ही सर्वर पर होस्टिंग स्पेस ले चुके हैं।
- तीसरे चरण (Setup App) के तहत हम दो छोटी-छोटी सूचनाएं देंगे - डेटाबेस का ब्यौरा और डेटाबेस पासवर्ड। हर वर्डप्रेस वेबसाइट एक डेटाबेस से जुड़ी होती है। डेटाबेस यानी आपकी सामग्री को सहेजने वाली टेबल। आपको इसके बारे में ज्यादा जानने की जरूरत नहीं है, बस इतना पता होना चाहिए कि आपकी साइट का एक mysql डेटाबेस भी है। अब आपसे इस डेटाबेस का ब्यौरा और पासवर्ड लिखने के लिए कहा जाएगा। डेटाबेस के ब्यौरे में अपनी वेबसाइट का नाम (janvigyan.com) लिख दें और दिए गए नियमों का पालन करते हुए एक पासवर्ड भी लिख दें। इसे कहीं नोट कर लें। अब Next बटन दबाएं।
- आपसे पूछा जाएगा कि आप किस फोल्डर में वर्डप्रेस इंस्टॉल करना चाहते हैं। यहां Install it into a folder को चुनते हुए साथ दिए गए टेक्स्ट बॉक्स में WP लिख दें। अब Next बटन दबाएं।
- admin name के सामने लिखे बॉक्स में अपना नाम लिखें। Admin Password के आगे पासवर्ड लिखना होगा। डेटाबेस के साथ दिए गए पासवर्ड की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन यहां दिया जाने वाला पासवर्ड आपको बार-बार इस्तेमाल करना होगा। यहां दी गई E-mail पर आपकी वेबसाइट के जरिए भेजे जाने वाले संदेश और सिस्टम की तरफ से दी जाने वाली सूचनाएं आएंगी, इसलिए इसे सावधानी से लिखें।
- साइट का टाइटल लिखें। टाइटल मतलब आपके वेब पेज के खुलने पर ब्राउज़र विंडो पर सबसे ऊपर दिखने वाली इबारत। हम यहां Welcome to Janvigyan.com लिखते हैं।
- अब Finish बटन दबाएं।
- कुछ घंटे (ज्यादा से ज्यादा 24 घंटे) के इंतजार के बाद गो-डैडी के सर्वर पर आपके लिए वर्डप्रेस इंस्टॉल हो जाएगा। इंस्टॉलेशन पूरा हो जाने पर आपको ईमेल भेजा जाएगा। इसका पता तब भी लगेगा, जब आप दोबारा अपने होस्टिंग अकाउंट में लॉग-इन करेंगे। जब आप संबंधित वेबसाइट के कंट्रोल पैनल पर जाएंगे (यहां janvigyan.com) तो वहीं ऊपर एक स्क्रीन शॉट दिखाई देगा, जो वास्तव में आपकी वेबसाइट का पहला पेज है। चौंक गए ना आप? पहला पेज तैयार भी हो गया? जी हां, ब्राउजर में अपनी साइट का डोमेन नेम टाइप करके देखिए, बेसिक वेब पेज दिखाई देगा। ऊपर मौजूद Sample Page लिंक को दबाकर देखें। एक नया पेज खुल जाएगा जिसमें कुछ सीधा-सादा मैटर और एक कॉमेंट भी दिखाई देगा। होमपेज, अंदरूनी पेज और कॉमेंट की व्यवस्था काम कर रही है। मतलब यह हुआ कि सारी सेटिंग्स और इंस्टॉलेशन सही-सलामत पूरे हो चुके हैं और अब आप अपनी वेबसाइट को बढ़ाना और आकर्षक रूप देना शुरू कर सकते हैं।


ऐसे करें डिजाइन

1. Options and Settings में Popular Apps में जाएं और Word Press पर क्लिक करें। एक नया पेज खुल जाएगा।
2. नए पेज में दाईं ओर My Management सेक्शन दिखेगा। यहीं Manage My Applications लिंक पर क्लिक करें।
3. वेबसाइट के नाम के साथ दिखने वाले View and Manage details लिंक पर क्लिक करें।
4. अब एक अलग विंडो खोलकर वर्डप्रेस की वेबसाइट पर जाएं, जहां हम आपकी वेबसाइट के लिए एक नई थीम (फ्री) डाउनलोड करेंगे। लिंक है http://wordpress.org/extend/themes। इस पेज पर कई वर्डप्रेस थीम्स के लिंक दिए हैं, जिनमें से अपनी पसंदीदा थीम के लिंक पर क्लिक करके उसे डाउनलोड कर सकते हैं। इस थीम को बाद में आप अपनी वेबसाइट के बेस डिजाइन के रूप में इस्तेमाल करेंगे।
5. हम वहीं मौजूद बिजनेस लाइट (http://wordpress.org/extend/themes/businesslite) थीम का लिंक क्लिक करते हैं। अब खुलने वाले पेज पर राइट में लाल रंग का बटन दबाकर इस थीम को अपने कंप्यूटर में डाउनलोड (सेव) कर लेते हैं। Zip फाइल को Unzip कर लेते हैं।
6. अब फिर से Godaddy पर मौजूद कंट्रोल पैनल पर जाएं और FTP File Manager पर क्लिक करें। इससे FTP यूटिलिटी खुल जाएगी, जिसका इस्तेमाल आपके कंप्यूटर से फाइलों को सर्वर पर अपलोड करने के लिए किया जाता है। इसमें राइट साइड में दिखने वाले Wp-content फोल्डर पर क्लिक करें। इसे क्लिक करने पर पेज बदलेगा और अब दो फोल्डर Plugins और Themes दिखाई देंगे। इनमें से Themes को क्लिक करें। यह वह फोल्डर है जहां आप अपनी पसंदीदा थीम्स से जुड़ी फाइलें रखते हैं।
7. अब Upload Folder पर क्लिक करें। पॉप-अप विंडो आपको अपने कंप्यूटर से पसंदीदा वर्ड प्रेस थीम की फाइल्स सर्वर पर अपलोड करने में मदद करेगी। अगर आपसे JAVA runtime इंस्टॉल करने की इजाजत मांगी जाए तो दे दें और जावा को इंस्टॉल होने दें। इसके बाद Unzip किए गए उस फोल्डर को इस सुविधा के जरिए सर्वर पर अपलोड कर दें, जो आपने वर्डप्रेस की वेबसाइट से फ्री डाउनलोड किया था। अपलोड पूरा होने पर इस थीम का डिजाइन और सुविधाएं आपको अपनी वेबसाइट पर इस्तेमाल करने के लिए उपलब्ध हो जाएंगी।
8. अब ब्राउजर में अपनी वेबसाइट का यूआरएल (एड्रेस) टाइप करें। नाम के आगे wp-admin लिखकर Go बटन दबाएं। हमारी वेबसाइट के मामले में यह होगा janvigyan.com/wp-admin जिसके बाद हमें वह यूजरनेम-पासवर्ड टाइप करना होगा जो हमने गोडैडी पर वर्डप्रेस के इंस्टॉलेशन के समय चुना था।
9. इससे वेबसाइट का dashboard खुल जाएगा (देखें चित्र 6)। अगर यूजरनेम-पासवर्ड भूल गए हों तो गोडैडी पर अपने अकाउंट में जाकर फिर से वर्डप्रेस सेक्शन में जाएं और वेबसाइट के नाम पर क्लिक करके ब्यौरा फिर से देख लें।
10. अपने डैशबोर्ड पर जाकर पहले हमें नई थीम का इस्तेमाल करते हुए वेबसाइट का डिजाइन बदलना है। यहां Customize your setting बटन के नीचे Change your theme completely लिंक पर क्लिक करें।
11. अब खुलने वाले पेज में उन Themes (डिजाइनों) का ब्यौरा दिखेगा जो आपके इस्तेमाल के लिए मौजूद हैं (देखें चित्र 7)। आपको याद होगा कि हमने Business lite थीम वर्डप्रेस वेबसाइट से डाउनलोड कर गोडैडी सर्वर पर डाली थी। अपनी वेबसाइट का डिजाइन बदलने के लिए हम उसे चुनेंगे और इसके लिए थीम के चित्र पर क्लिक करेंगे।
12. अब खुलने वाले पेज में थीम का डिजाइन विस्तार से दिखाया जाएगा और ऊपर लेफ्ट की तरफ बने बटन Save and Activate को दबाकर हम अपनी वेबसाइट के लिए यह डिजाइन एक्टिवेट कर सकते हैं। ऐसा होने पर बटन पर लिखा होगा Saved।
13. अब आप ब्राउजर में अपनी वेबसाइट का यूआरएल फिर टाइप करके देखें। आप पाएंगे कि वेबसाइट का डिजाइन बदल चुका है।
14. अब आपको यहां अपनी वेबसाइट के लिहाज से जरूरी बदलाव करने हैं, जैसे लोगो, हेडर, लिंक, मैटर वगैरह। इसके लिए डैशबोर्ड पर ही खुले नए पेज पर मौजूद विकल्पों (Design, Header, Front Page, Blog, Templates, Footer) का इस्तेमाल करें। जैसे साइट का ऊपरी हिस्सा (हेडर) बदलने के लिए Header लिंक पर क्लिक करें और फिर Header Options पर जाकर Browse बटन का इस्तेमाल करते हुए ऊपर लगाने के लिए अपने कंप्यूटर से मनपसंद इमेज अपलोड कर दें। यह इमेज आपको पहले से तैयार करके रखनी है, जिसमें साइट का नाम भी हो और कोई मुफीद चित्र भी। अगर आप सिर्फ अपनी वेबसाइट का नाम ही चाहते हैं तो Custom Logo बटन को Off कर दें। इसी तरह Front Page सेक्शन में जाकर Slider पर क्लिक करें और Browse दबाकर विषय के मुताबिक तीन नए चित्र अपलोड करें। हर चित्र को क्लिक करने पर कोई वेब पेज खुलता है और इस वेब पेज का लिंक भी मौजूद टेक्स्ट बॉक्स (Slide Link) पर दिया जा सकता है।
15. दूसरे सेक्शंस में भी जरूरी सामग्री अपलोड करने के लिए इन्हीं विकल्पों का इस्तेमाल करें। जैसे स्लाइडर के नीचे आने वाले टेक्स्ट के लिए Call Out पर क्लिक करके खुलने वाले बॉक्स में मैटर टाइप करें या पेस्ट करें। इसी तरह नीचे के बॉक्स के लिए भी मैटर दें। हर बदलाव करने के बाद ऊपर Save Options बटन दबाएं।
16. आखिर में अपनी वेबसाइट पर जाकर देखें। उसका चेहरा-मोहरा बदल चुका है। आपकी साइट तैयार है। अब आप अपने Dashboard के विकल्पों को थोड़ा-बहुत आजमाकर देखें और वर्डप्रेस को Explore करें। कुछ ही बार कोशिश करके आप अपने लिए आकर्षक वेबसाइट तैयार कर लेंगे और वह भी वेब डिजाइनर और डेवलपर पर एक भी पैसा खर्च किए बिना।

Monday, 26 August 2013

windows pc पर ड्राईवर update कैसे करें (How to update drivers on windows pc)

windows pc पर ड्राईवर update करने के लिए -

  1. डेस्कटॉप के कंप्यूटर आइकॉन पर राईट क्लिक कीजिये
  2. सेलेक्ट manage - Manage पर क्लीक कीजिये

  3.  लेफ्ट साइड में Device manager का आप्शन आएगा, उस पर क्लिक कीजिये

  4.  अब बीच में एक tree बना मिलेगा जिसके सबसे ऊपर आपके सिस्टम का नाम होगा 

  5. अब Tree के निचे के subtree को खोलिए

  6.  हर पर डबल क्लिक कीजिये

  7. एक पोप अप विंडो आएगा

  8. उसमे ड्राईवर टैब पर जाइये

  9. ड्राईवर को क्लीक कीजिये, निचे अपडेट ड्राईवर का आप्शन आएगा

  10. उसे क्लीक कीजिये 

  11. दो आप्शन आएगा - उसमे Search automatically for update driver पर क्लीक कीजिये. बस काम हो गया. 

  12. लेकिन Subtree के हर ड्राईवर को अप डेट करना होगा.


लेकिन ये करने से पहले आप query तो कर लीजिये की आपके ड्राईवर अप डेट है की नहीं. इसके लिए cmd command में जाकर
driverquery टाइप कीजिये. अगर आपका लगभग सारा ड्राईवर 2007 के पहले का अपडेट है तो फिर अप डेट कीजिये. 

How to update drivers on windows pc - 

My computer >  

Manage > 

 Device manager > 

Double click on driver (which want update) > 

pop up windows opens > 

Driver Tab >

Update Driver >  

Search automatically for update driver

 

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