Sunday, 25 August 2013

भारत में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (mobile number portability (MNP) in india )

 Mobile Number Portablity in India 

for port ur mo. no. sent a sms to 1900 no.
port <ur mo. no.> 
if ur mo no is  9812345678 then sent sms - 
 
port 9812345678  - send to 1900 

then  You will receive a UPC Code in message. Note it down. The UPC is valid for 15 days (30 days in case of J&K, NE & Assam Service Areas).
                                                                                        Now goto the nearest Customer service centre or the retailer of the operator you want to shift to and fill the Form and pay Rs. 19. In the form you have to mention UPC Code ( From Step 1). Submit your Identity, Address Proof and Photograph. For Corporate/Company connections a NOC is required for MNP, duly signed and stamped on the company letter head by the authorized signatory of the company along with the other documents.
                                                                                The customer centre will give a empty sim, after your payment and document submission. With in 1 day you will receive an acceptance message to confirm the porting.
                                                       Change over takes place on the 7th working day (15th working day in case of Jammu & Kashmir, Assam and North East service areas). You will get an SMS from the operator with the date and time for porting. The service disruption time shall be around 2 hrs during night time of the date/time of porting.
Insert the new sim in your phone, Now you are in the new network with old number.

आइए जाने भारत में मोबाइल ओपरेटर बदलने पर ग्राहक को क्या करना होगा ?
                                       भारत में मोबाइल ओपरेटर बदलने पर ग्राहक जिस नई कम्पनी के पास जाता है, उस कम्पनी को इसकी जिम्मेदारी उठानी होती है. यानी कि प्रबंधन नई कम्पनी से होता है और इसके लिए उसे ग्राहक एक शुल्क चुकाता है.
कोई भी ग्राहक 19 रूपए चुकाकर ऑपरेटर बदल सकता है. परन्तु मोबाइल ओपरेटर इससे कम भी शुल्क ले सकता है अथवा शुल्क माफ भी कर सकता है.
यदि प्रीपेड ग्राहक है तो वह जब ओपरेटर बदलता है तो उसका टॉकटाइम उसके साथ नहीं जाता.
यदि पोस्टपेड ग्राहक है तो वह तब तक ओपरेटर नहीं बदल सकता जब तक की उसकी बकाया राशि चुका ना दी जाए.
ओपरेटर बदलने के लिए ग्राहक को अपने फोन से 1900 नम्बर पर एक एसएमएस भेजना होता है.
उपभोक्ता को वर्तमान सेवा प्रदाता कंपनी की ओर से एसएमएस के रूप में एक यूनिक पोर्टिंग कोड प्राप्त होता है.
उपभोक्ता को नए सेवा प्रदाता के पास अपना नम्बर स्थानांतरित करने के लिए उस कोड के साथ एक आवेदन पत्र भरना होता है.
आवेदन करने के चार दिनों के भीतर उपभोक्ता की मोबाइल कंपनी बदल जाती है
एक बार कम्पनी बदल जाने पर 90 दिनों के लिए उपभोक्ता को उसी कम्पनी की सेवा लेनी पडती है. वह वापस पुरानी कम्पनी की सेवा इस बीच नही ले सकता.
 
ओपरेटर बदलने के लिए ग्राहक को अपने फोन से 1900 नम्बर पर एक एसएमएस भेजना होता है
 port <************>
मान लीजिये आपका नंबर है 9812345678, तो इस प्रकार भेजना होगा-

port 9812345678  - send to 1900

विस्तार से जानने के लिये नीचे पढें -कैसे बदलें अपना ऑपरेटर (मोबाइल कंपनी)

पोर्टेबिलिटी के निवेदनों को सेवा प्रदाताओं द्वारा अस्वीकृत करने के प्रमुख कारक है – 
  1. पोर्टिंग फॉर्म में उपभोक्ताओं द्वारा गलत यूनिक पोर्टिंग कोड देना। 
  2. मोबाइल नंबर को चालू हुए 90 दिन पूरा न होना, 
  3. पहले से लागू अनुबंधात्मक बाध्यताएं और बकाया बिलों का निपटारा न करना। 
MNP के उपरोक्त पहलुओं के विषय में उपभोक्ताओं को सर्तक रहना चाहिए|

पोर्टेबिलिटी से पहले
                               आप यदि प्रीपेड कनेक्शनधारी हैं तो अपना बैलेंस पूरा उपयोग कर लें और लो वैल्यू एडेड सर्विसेज का पीरियड खत्म होने के बाद कंपनी बदलें। यदि तब तक इंतजार नहीं करना चाहते तो जिस भी कंपनी की सुविधाएं लेना चाहते हैं उसके टैरिफ और वीएएस की जानकारी लेकर नफा-नुकसान का आंकलन कर लें।

                                                                          फ्री मैसेज,नेट यूज और एसटीडी कॉल जैसी तमाम सुविधाओं के लिए सभी कंपनियों की नीतियां अलग-अलग होती हैं। पोस्टपेड कनेक्शनधारी अपनी मौजूदा कंपनी के सभी बिलों का भुगतान करने के बाद ही कंपनी बदल सकते हैं।

नई कंपनी के लिए ध्यान दें -
  1. नेटवर्क की क्वालिटी खराब यानी बातचीत के दौरान बार-बार कॉल ड्रॉप होना, आवाज सही न आने की पड़ताल कर लेना
  2. कंपनी की कौनसी सुविधाएं ऐसी हैं जो आपके काम की हैं। जैसे एसीटीडी कॉल्स ज्यादा करते हैं तो कंपनी की क्या स्कीम हैं।
  3. कंपनी बिल को लेकर कितनी पारदर्शी है।
  4. कंपनी ग्राहक की शिकायत पर कितनी जल्दी और कितना रिस्पांस देती है।
कैसे बदलें अपना ऑपरेटर (मोबाइल कंपनी)

  1. सबसे पहले आप ऑपरेटर चुनें, जहां पर आप अपना मोबाइल नंबर ट्रांसफर कराना चाहते हैं। अब उस मोबाइल कंपनी के ऑथराइज्ड स्टोर पर जाकर कस्टमर एक्टिवेशन फॉर्म और पोर्टिंग फॉर्म लेकर उसकी शर्तें पढ़ें। अगर आप उस कंपनी की बातों से सहमत हैं तो अपने मोबाइल के मेसेज बॉक्स में जाकर क्कह्रक्रञ्ज लिखें। फिर स्पेस देकर अपना मोबाइल नंबर लिखें और उसे 1900 पर एसएमएस कर दें। यह मेसेज उसी नंबर से करें, जिसका ऑपरेटर आप बदलना चाहते हैं।
  2. मेसेज के जवाब में आपको एक एसएमएस मिलेगा, जिसमें आपको आठ नंबरों का कोड और उसकी एक्सपायरी डेट मिलेगी। यह एक्सपायरी डेट करीब 15 दिनों बाद की होती है। आठ नंबरों के इस कोड के पहले दो अक्षर अंग्रेजी के एल्फाबेट होते हैं। इस आठ कैरक्टर के कोड को यूनीक पोटिर्ंग कोड कहते हैं।
  3. एक्सपायरी डेट से पहले आपको एड्रेस प्रूफ, आइडेंटिटी प्रूफ, यूनीक पोर्टिंग कोड, फोटो के साथ नए सविर्स प्रोवाइडर के नजदीकी ऑथराइज्ड स्टोर पर जाकर फॉर्म भरकर जमा करना होगा। इसके बाद 19 रुपये का भुगतान करने पर आपको नया सिम कार्ड मिल जाएगा। कुछ मोबाइल कंपनियां मुफ्त में सिम कार्ड उपलब्ध करा रही हैं।
  4. आपसे मिले डॉक्युमेंट्स और फॉर्म को सविर्स प्रवाइडर कंपनी मोबाइल क्लियरिंग हाउस को भेजेगी। इसके बाद आपको एक एसएमएस अपने मौजूदा कनेक्शन पर ही मिलेगा, जिसमें वह तारीख और वक्त दिया गया होगा, जब आपका सविर्स प्रवाइडर बदला जाएगा।
  5. आपका सर्विस प्रवाइडर रात 12 बजे से सुबह 5 बजे बजे के बीच बदला जाएगा। इस पूरे प्रोसेस में दो घंटे का वक्त लगेगा। सुबह आप मोबाइल सेट से पुराना सिम निकालकर नया सिम डाल लें। अब आपका मोबाइल नंबर वही रहेगा, लेकिन ऑपरेटर (सर्विस प्रवाइडर) बदल जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में ज्यादा-से-ज्यादा सात दिन लगेंगे।
  6. यह जानना भी जरूरी
  7. नया सर्विस प्रवाइडर चुनने से पहले उसकी शर्तों को अच्छी तरह पढ़ लें।
  8. अगर सर्विस प्रवाइडर का स्टोर तय फीस 19 रुपये से ज्यादा की मांग करता है तो उसका विरोध करें और कंपनी को लिखित रूप से सूचित करें।
  9.  सर्विस प्रवाइडर बदलने के साथ ही आपके पिछले सभी प्लान डिएक्टिवेट (बंद) हो जाएंगे, इसलिए नया प्रवाइडर चुनने के साथ-साथ प्लान भी सोच-समझ कर लें। कुछ कंपनियां पुराने प्लान को जारी रखने की बात भी कर रही हैं।
  10. सभी प्रीपेड कस्टमर्स सर्विस प्रवाइडर बदलने से पहले अपने कार्ड में मौजूद बैलेंस को खत्म कर लें। आपके कार्ड में उस समय जो भी बैलेंस है, प्राइडर बदलने पर वह जीरो हो जाएगा।
  11. पोस्टपेड कस्टमर्स के लिए यह जरूरी है कि वे नया सविर्स प्रवाइडर चुनने से पहले अपना बकाया चुका लें। बकाया राशि का भुगतान किए बिना आप मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का फायदा नहीं उठा सकते।
  12. आप सिर्फ अपने सर्कल में ही सविर्स प्रवाइडर बदल सकते हैं। दूसरे सर्कल में ट्रांसफर के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। मसलन दिल्ली के कस्टमर यूपी सर्कल में अपना नंबर नहीं बदल सकते।
  13.  एक बार सर्विस प्रवाइडर बदलने के 90 दिन बाद तक आप दूसरा सर्विस प्रवाइडर नहीं बदल सकते।
  14. आप अपने सीडीएमए कनेक्शन को जीएसएम या इसका उलटा भी करा सकते हैं। यह सुविधा पोस्ट व प्रीपेड, दोनों के लिए उपलब्ध है।

हेल्पलाइन
                                       मोबाइल नंबर पोटेर्बिलिटी के लिए समयसीमा और फीस तय है। अगर आप इनमें कमी पाएं तो अपने सविर्स प्रवाइडर के कॉल सेंटर पर टोल फ्री नंबर या ई-मेल से शिकायत जरूर करें। यहां पर आपकी समस्या का हल तीन से सात दिनों में हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो आप कंपनी के नोडल ऑफिसर को शिकायत करें। उसके जवाब से संतुष्ट न हों तो मोबाइल कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध फार्म भर कर अपीलेट अथॉरिटी ( Appellate Authority ) को जरूर लिखें।

                 इन सभी अधिकारियों की जानकारी आपको टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) की वेबसाइट www.trai.gov.in पर Customer Information Option में मिल जाएगी। ।

आप अगर मोबाइल कंपनी के दिए गए शिकायत निवारण प्लैटफॉर्म से संतुष्ट न हों तो ट्राई को इस पते पर लिख सकते हैं :

टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया, महानगर दूरसंचार भवन, जवाहरलाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली-110002

फोन : 011-2323 3466, 2322 0534, 2321 3223, फैक्स : 011-2321 3294, ईमेल : ap@trai.gov.in

आप सेक्रेटरी, ट्राई को भी ऊपर दिए गए पते लिख सकते हैं :

फोन : 011-2323 7448, 2321 1847, फैक्स : 011-2322 2816, ईमेल :

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