Sunday, 25 August 2013

ऍण्ड्रॉइड - एक सामान्य परिचय (Basic Information about Android Oprating System in hindi)

 गूगल ऍण्ड्रॉइड                           
                                                                 बहुधा विश्वास किया जाता है कि एंड्राइड मोबाइल आप्रेटिंग सिस्ट्म ओपेन सोर्स और मुफ़्त में उपलब्ध होने के कारण किसी के भी द्वारा प्रोग्रामों में बदलाव ,परिवर्त्न ,तथा प्रोग्रामों को विकसित करने के लिये किया जा सकता है
                                                
इसके अवयवों का गठन इस प्रकार का है किउन्हे मन चाहे रूप से अदल बदल करप्रयोग किया जा सकता है,पर एक्मात्र कठिनाई है कि गूगल प्ले स्टोर या जीमेल के अनुप्रयोगों (apps) को आपस में बदलना सम्भव नहीं है l
                             इसके साथ यदि आप इन अनुप्रयोगों को बाजार में लाना चाहते हैं तो इसके लिए लाइसेन्स के साथ साथ एन्ड्राइड विशिष्टियों के मानकों का पालन करना पड़ेगा l

ऍण्ड्रॉइड की शुरुआत

                     
एन्ड्राइड जैसे ओपेन प्लेट्फ़ार्म की रचनाओपेन हैण्ड एलाइन्सनामक संगठन द्वारा की गई गूगल यद्यपि इसका सर्वेसर्वा है,फ़िर भी कुल 84 संगठन इसके सदस्य हैं और इन सबने एन्ड्राइड प्लेट्फ़ार्म को विकसित करने में अपना विशेष योगदान किया है l
             एन्ड्राइड जैसे ओपेन प्लेट्फ़ार्म की रचनाओपेन हैण्ड एलाइन्सनामक संगठन द्वारा की गई गूगल यद्यपि इसका सर्वेसर्वा है,फ़िर भी कुल 84 संगठन इसके सदस्य हैं और इन सबने एन्ड्राइड प्लेट्फ़ार्म को विकसित करने में अपना विशेष योगदान किया है।        
                                    इनमें से 34 सदस्य विभिन्न मोबाइल आपरेटर कम्पनियाँ ,सेमी कण्डक्टर कम्पनियाँ-जैसे एन वीडिय़ा कुआलकम आदि ,कुछ हैण्ड्सेट निर्माता कम्पनियाँ- जैसे सैम्संग , एच टी० सी० ,सोनी , एल० जी०, मोटरोला आदि और कई साफ़्ट्वेयर कम्पनियाँ आदि ।अधिकांशतः इलेक्ट्रानिक, तथा दूर-संचार के क्षेत्र से जुड़ी कम्पनियों के संयुक्त प्रयास से एन्ड्राइड प्लेट्फ़ार्म दिन पर दिन निखर कर सामने रहा है ।इसके तीव्र विकास में इन कम्पनियों के बीच हुए करार का भी विशेष योगदान है - कि वे हमेशा इस समुदाय का सहयोग करेंगी और एन्ड्राइड प्लेट्फ़ार्म से सामंजस्य रखने वाले उपकरणों का उत्पादन ही करेंगी ।इसने केवल इस प्लेट्फ़ार्म के विकास को बल मिला बल्कि इस प्लेट्फ़ार्म से संबधित जो भी खोज की गई उसके प्रमुख घट्कों /तत्वों को मुख्य धारा को प्रयोग हेतु उपलब्ध कराया जाता रहा|
                                           अक्टूबर 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया राज्य के पालो आल्टो नामक नगर में एंडी रूबीन (संस्थापक डेन्जर),रिच माइनर ( संस्थापक वाइल्ड फायर कम्युनिकेसन) , निक सियर्स तथा क्रिस ह्वाइट (डिजान तथा इन्टरफेस बिकास प्रमुख ) नेएण्ड्राइड इनकार्पोरेशन" की स्थापना की एण्डी रूबीन के शब्दों में उनका उद्देश्य था --

ऐसा चतुर मोबाइल उपकरण जो अपने प्रयोगकर्ता की प्राथमिकताओं को तथा उसके ठिकानों को पहचाने "

                                    
बाद मे, 17अगस्त 2005 को गूगल द्वारा इस का अधिग्रहण कर इसे गूगल के अधीन कम्पनी के रूप में रखा गया और मूल कम्पनीएण्ड्राइड इनकार्पोरेशन" के एंडी रूबीन ,रिच माइनर, तथा क्रिस ह्वाइट यहाँ कम्पनी के कर्म्चारियों के रूप में काम करते रहे
 
Android लोगो

                                                                                         अन मोर्रिल ने पहला शुभंकर लोगो बनाया लेकिन वर्तमान हरे रंग का Android लोगो Irina Blok द्वारा बनाया गया था. रयान गिब्सन की कन्फ़ेक्शनरी(केक-पेस्ट्री के नाम ) आधारित कल्पना को अधिकांश सार्वजन की विज्ञप्तियों के लिए इस्तेमाल किया गया अप्रैल 2009 में Android 1.5 कप केक के साथ शुरू.
Dessert के नाम पर रखे गये अब तक के सभी Google Android Versions -
  1. Cupcake (Android 1.5)
  2. Donut (Android 1.6)
  3. Eclair (Android 2.1)
  4. Froyo (Android 2.2)
  5. Gingerbread (Android 2.3)
  6. Honeycomb (Android 3.0 .) 
  7. Jely bean 4.0,
  8. Jely bean 4.1,
  9. Jely bean4.2(Ice Cream Sandwich)
वर्तमान हरे रंग का Android लोगो Irina Blok द्वारा बनाया गया था.

गूगल ऍण्ड्रॉइड ओएस को बदलना
 और इनको बदलना बहुत आसान है | फोन को रूट करो और उस जिप फ़ाइल को इंस्टाल कर लो जो ओएस आप चाहते हो | मगर हार्डवेयर कोम्पेतिबिलिती का अवश्य ध्यान रहे। 
चेतावनी-  ओएस किसी  विशेष की देख्रेरेख मे बदले वरना आपका कम्प्यूटर अथवा मोबाइल खराब हो सकते है।

 गूगल ऍण्ड्रॉइड का विकास
                                                  गूगल द्वारा बाजार में आने के बारे में सोचने के बाद रूबीन के नेतृत्व में लाइनक्स कर्नेल पर आधारित मोबाइल उपकरण प्लेटफार्म को विक्सित किया गया गूगल ने इस प्लेटफार्म की मार्केटिग इस वादे के साथ की ,कि हैण्ड सेट निर्माताओ तथा संचार कंपनियों के बीच इस प्लेट फ़ार्म को लचीला (फ्लेक्सिबल ) रखेगा और अपग्रेड करने की सुविधा उपलब्ध करता रहेगा |


वर्ष २००८ में इसका प्रथम सन्स्करण निकाला गया | तब से अब तक कई बार इन संस्करणों को उन्नत (अपग्रेड ) किया गया और हर बार इनका नामकरण किसी किसी खाद्य केक पेस्ट्री के नाम पर किया गया - कपकेक , डोनट एक्लेयर ,जिंजरब्रेड ,आइसक्रीम सैंडविच हनीकाम ,जेलीबीन आदि नामो से किया गया |

२००८ के कप केक संस्करण की विशेषता थी स्क्रीन को घुमाने की सुविधा ,स्क्रीन पर कुंजीपटल तथा टेक्स्ट का अनुँमान लगाने की सुविधा |इसके बाद डोनट ,फ्रोयो एक्लेयर आदि संस्करणों में और अधिक सुविधाए प्रदान की गयी इनमे से सबसे महत्वपूर्ण विशेषता थी लेख (टेक्स्ट ) को आवाज में बदलने के सुविधा .क्लाउड से मोबाइल या टैबलेट में डाऊनलोड की सुविधा बही मेमोरी कार्ड पर अनुप्रयोगों को डाऊनलोड कर इस्तेमाल की सुविधा (फ्रोयो ) |


इसके बाद हनीकाम टेबलेट पर प्रयोग के लिये विकसित किया गया और इसमे पाई गयी कमियों को अगले संस्करण आइसक्रीम सैंडविच में दूर किया गया | नवीनतम संस्करण जेली बीन के द्वारा यू .एस .बी .आडियो आउट पुट की सुविधा प्रदान की गयी |

संरचना
                                                  
एण्ड्रौइड साफ्टवेयर के पांच भाग या अवयव है जिसके आधार पर पूरा एण्ड्रायिड प्लेट फार्म कार्य करता है | ये किसी अन्य कंप्यूटर आपरेटिंग सिस्टम के अनुरूप ही कई ढीली ढाली साफ्टवेयर पर्तो या के बण्डल है जो आवश्यकतानुसार अन्य पर्तो के साथ जुड कर प्रक्रिया में भाग लेते है | वस्तुतः मोबाईल जैसे सीमित मेमोरी (स्मृति क्षमता) वाले उपकरणों सर्वोपयुक्त उपयोग करने के लिए इसे विकसित किया गया है |
                                                                      
लाइनक्स कर्नेल के उपयोग के कारण यह और अधिक ताकतवर बन कर उभरा है और प्रायः किसी भी अन्य उपकरण पर चलाया जा सकता है जावा वर्चुअल मशीन के अनुरूप इस प्रणाली में डैल्विक वर्चुअल मशीन की परत के कारण बिना किसी चिंता या कठिनाई के किसी भी मोबाइल या टेबलेट पर कोइ भी 'एप" अर्थात अनुप्रयोग (एप्लीकेशन ) चलाया जा सकता है इसी कारण से कोई भी उपकरण जसे घड़ी रेफ्रिजरेटर या कर में चलाया जा सकता है |

कर्नेल
                                                                         
एन्ड्राइड लाइनेक्स कर्नेल पर आधारित प्रणाली है जो मोबाइल हार्ड्वेयर से सीधे जुडकर ड्राइवर को नियमित रूप से मेमोरी पावर ,नेटवर्क तथा विभिन्न अन्य अनुप्रयोगों से जुड़कर विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं को अंजाम देता हैं ।वह पर्त या सतह है जिस पर डैलविक वर्चुअल मशीन तथा कोर लाइब्रेरियाँ चलती हैं और सम्पूर्ण प्लेट्फ़ार्म को नियमित और नियन्त्रित करने में सहायता करती है ।कर्नेल ओपेन सोर्स होने के कारण हैकरों तथा कम्प्यूटर प्रोग्रामों में रूचि रखने वालों को अपने प्रोग्राम बनाने में बढ़ावा देता है ।इसी कारण कई बार इस तरह के उदाहरण सामने आते हैंकि जिन मूबाइल उपकरणों मे वैध एन्ड्राइड बन्डल नहीं हैं,उन पर भी इन्हे चलाया जा रहा है।

डैल्विक
                  
एन्ड्राइड अनुप्रयोग को चलाने के लिये सबसे महत्वपूर्ण अवयव या अंग डैलविक है जो लोग कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग की भाषा जावा के वर्चुअल मशीन से परिचित हैं वे समझ सकते हैं कि यह भी जावा वर्चुअल मशीन का लघु रूप है। इसको इस प्रकार समझा जा सकता है कि पहले जावा कोड में लिखे प्रोग्राम को बाइट कोड में बदला जाता है और फ़िर उसे डैलविक एक्स्क्यूटेबल (डेक्स ) से अर्थात डॆक्स टूल द्वारा डैलविक रूप मे बदल कर प्रयोग किया जाता है  

कर्नेल (कम्प्यूटर)

                             
कम्प्यूटर परिचालन तन्त्र (आपरेटिंग सिस्टम )का मुख्य भाग है कर्नेल इसके द्वारा हार्ड्वेयर के स्तर पर की जाने वाली वास्तविक डाटा प्रोसेसिंग तथा अनुप्रयोग अर्थात अप्लीकेशन के बीच सेतु का कार्य करता है इसका मुख्य कार्य साफ़्ट्वेयर तथा हार्डवेयर के बीच संचार स्थापित कर सिस्टम के सभी स्रोतों का आवश्यकतानुसार प्रयोग करना जिससे आवश्यक प्रक्रिया का पालन कर कार्य सुचारु रूप से किया जा सके
                                     
कर्नेल के द्वारा अनुप्रयोग साफ़्टवेयर द्वारा किये जाने वाले कार्यों को आवरण प्रदान किया जाता है, (विशेष रूप से इनपुट आउट्पुट उपकरण को)                                                                                                                                                 विभिन्न आपरेटिंग सिस्टमों मे डिजाइन (अभिकल्प) तथा आवश्यकातानुसार कार्य सम्पादन विभिन्न प्रकार के कर्नेल द्वारा किया जाता है। किन्तु मोनोलिथ कर्नेल (एण्ड्राइड में प्रयुक्त हिए वाला) मे आपरेटिंग सिस्टम कोड एक ही स्थान पर(एड्रेस स्पेस) परकार्य करते हैं जिससे कम स्थान होने पर भी अधिक कार्य किया जा पाता है।
                                   कर्नेल का मुख्य कार्य है कि कम्प्यूटर के सभी स्रोतों का प्रबन्ध करे और प्रोग्रामों को चलाए और वे प्रोग्राम (अनुप्रयोग आदि )उन स्रोतों का सही तरह से उपयोग कर पाएं।
                              
सी.पी यू. मे सभी प्रोग्राम चलते हैं तथा वहीं से कार्यों का सम्पादन और परिचालन होता है।यहाँ कर्नेल का कार्य होता हैकि वह तय करे कि किसी समय विशेष पर चलने वाले अनेकों प्रोग्रामों में सेउस समय विशेष पर कौन सा प्रोग्राम प्रोसेसर पर चलने दिया जाए 

मेमोरी प्रबन्ध

                        
मेमोरी प्रबन्ध में भी कर्नेल की प्रमुख भूमिका है यहाँ इसका काम है कि सुरक्षित रूप से ही मेमोरी में कोई डाटा पहुँचे इसके लिये प्रायः वर्चुअल एड्रेसिंग प्रणाली का सहारा लिया जाता है जिसमें वर्चुअल एड्रेसिंग प्रणाली कर्नेल को एक अतिरिक्त एड्रेस उपलब्ध कराती है ,उस उपलब्ध कराए गए स्थान पर अनेक अलग अलग प्रक्रियाएं (प्रोसेस ) सम्पन्न होती हैं। यहाँ पते (एड्रेस) अलग अलग प्रोग्रामों ले लिए अलग- अलग हो सकते हैं ,इस प्रक्रिया मेंएक बार मे एक ही प्रोग्राम को चलने दिया जाता है जिस से अनुप्रयोग क्रैश होने से बचा रहता है
                                                                                  
अनेक प्रणालियों में इसको वर्चुअल एड्रेस प्रणाली पर भिन्न -भिन्न सतहों पर वर्तमान डाटा को वर्तमान मेमोरी के स्थान पर अन्य स्थानों डाटा को स्टोर पर किया जाता है जैसे -हार्ड ड्राइव ,अन्यथा वह रैम पर जगह घेरता ,इस प्रकार कर्नेल ऑपरेटिंग सिस्टम को और अधिक जगह(रैम मेमोरी ) उपलब्ध करा पाता है जो उसकी उपलब्ध मेमोरी क्षमता से अधिक स्थान होता है इसके लिए सी. पी. यू. के इशारे पर कर्नेल डिस्क के खाली स्थान पर उस डाटा को लिख कर छोड़ देता है और,आवश्यकता होने पर ,वह प्रोग्राम पुनः वहीं से चल पड़ता है। 

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