Saturday 6 October 2012

The Vinci Code - दा विंन्सी कोड


दा विंन्सी कोड

 भूमिका:

Louvre Museum, Paris
७६ वर्षीय क्यूरेटर Jacques Sauniere म्युसियम की दीवार पर मुश्किल से पहुँचते हुए एक पेंटिंग को खींचने में सफल होते हैं और पेंटिंग खींचते ही शोर के साथ अलार्म बजता है तथा गैलेरी के को कोठरों में बाँटते हुए लोहे के सलाखों वाले गेट गिर जाते हैं |
Jacques Sauniere हांफते हुए अपने आप को जीवित होने का दिलासा देते हुए छुपने का स्थान तलाश करते हैं तभी एक आवाज़ से जिस्म में सिहरन आ जाती है " एक इंच भी नहीं हिलाना "
Jacques Sauniere आवाज़ की दिशा में देखते हैं और उन्हें एक ठीक सामने सलाखों के पीछे से लंबी आकृति प्रकट होती हुई दिखती है | लंबा कद, पीला सा बदन, सगेद बाल, गुलाबी आँखों में लाल डोरे जैसे नरक का दूत सामने खड़ा हो | वो अपनी कोट की जेब से पिस्तौल निकाल कर क्यूरेटर की तरफ तानते हुए " तुम्हे भागना नहीं चाहिए "
उसकी आवाज़ में रहम की कोई जगह नहीं है " अब बताओ मुझे वो कहाँ है "
" मुझे नहीं पता तुम किस बारे में बात कर रहे हो " क्यूरेटर ने कहा |
हत्यारे ने क्यूरेटर के सिर पर निशाना लगाते हुए कहा " क्या ये सच इतना महत्वपूर्ण है की उसके लिए तुम अपनी जान दे सको ? "
क्यूरेटर " रुको, मैं बताता हूँ ! "
और उसके बाद के शब्द Jacques Sauniere ने बड़ी सावधानी से कहे | ये वह झूठ था जिसका वो रोज अभ्यास करते रहे और साथ ही प्रार्थना भी करते थे कि इसे कभी प्रयोग ना करना पड़े किन्तु आज...
क्यूरेटर के शब्द खत्म होते ही हत्यारे ने क्रूरतापूर्वक हंसते हुए " ये वही झूठ है जो बाकी तीनों ने मुझसे कहा "
क्यूरेटर भयमिश्रित आश्चर्य से सिहरते हुए सोचने लगे कि उनके राज़ का इस तीसरे को कैसे पता चला | तभी हत्यारे ने पुनः कहा " जब तुम मर जाओगे तो ये राज़ बस मेरे पास रहेगा | "
क्यूरेटर छिपने का प्रयास करते इससे पहले ही एक आवाज़ हुई और क्यूरेटर को अपने पेट पर गर्म सा महसूस हुआ | यह उनके पेट में गोली द्वारा बनाये गए ताज़ा छेद से निकलता खून था |
हत्यारे ने अपनी पिस्तौल को देखा और जैसे स्वयं को काम खत्म होने का दिलासा दिया और अँधेरे में गायब हो गया |
क्यूरेटर ने अपने लंबे कार्यकाल में कई भयानक मृत्यु देखि थीं और उन्हें पता था कि सलाखों से सील होने के बाद इन गेटों को खोल कर सुरक्षा दल को आने में बीस मिनट लगेंगे | गोली ने उनके पेट को छेद दिया है जिससे निकला पाचक रस धीरे धीरे उन्हें दिल तक पहुंचेगा और उस ज़हर से उनकी पीड़ादायक मृत्यु होने में पन्द्रह मिनट लगेंगे |
इन सभी विचारों के बीच क्यूरेटर को एक उससे भी बड़ा भय सताने लगा ! " मुझे उस राज़ को किसी को बताना ही होगा " पिछली पीढ़ी की लाखों सावधानियों के बाद भी आज भाग्य के खेल देखो कि क्यूरेटर अकेले व्यक्ति हैं जो प्रकृति और मानव सभ्यता के इस सबसे बड़े राज़ को अकेले जानने वाले हैं और अकेले ही मृत्यु की और बढ़ रहे हैं | " मुझे इसे किसी ना किसी तरह अगली पीढ़ी को बताना ही होगा " स्वयं से यह निश्चय करते हुए क्यूरेटर लड़खड़ाते क़दमों से आगे बढते हैं | असहनीय दर्द, टूटती सांसें और अकेले में मरने का दुःख ! इन सभी हताशाओं पर विजय पाने की कोशिश करते हुए वह शरीर उस राज़ को सुरक्षित अगली पीढ़ी को पहुँचाने का तरीका ढूंढ रहा है |
Chapter-1

Robert Langdon धीरे से जागते हुए |
अँधेरे में फोन की धीमी धीमी घंटी बज रही है |
" क्या मुसीबत है " नाईट गाउन को पहनते हुए घडी में समय देखते रोबर्ट खुद से कहते हैं | १२:३२ ऍम , होटल रिट्ज, पेरिस के शानदार कमरे में मद्धम सी रोशनी है |
" सॉरी सर, आशा है आपको नींद से नहीं उठाया " फोन के दूसरी तरफ से आवाज़ आती है | " मैं होटल लॉबी से बोल रहा हूँ, आपसे कोई अभी मिलना चाहता है "
" कोई मिलना चाहता है ?, इतनी रात गए " रोबर्ट की आँखें मेज़ पर पड़े एक पेम्पलेट पर केंद्रित होती हैं | जिसमें लिखा है

American University of Paris
proudly presents
An eve with Robert Langdon
professor of religious symbology
Harvard University

" सर मैंने उससे कहा किन्तु . . . "
" ऐसी बात है तो आप कृपया आगंतुक से उसका नाम व फोन नंबर ले लें, और उनसे कह दें कि मैं पेरिस से जाने से पहले उनसे अवश्य संपर्क कर लूँगा " रोबर्ट ने एक सांस में कह डाला |
" सर आपके मेहमान महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और . . . " आगे कुछ ना सुनते हुए रोबर्ट ने फोन रख दिया |
होटल रिट्ज के नरम बिस्तर में बच्चों कि तरह छुपते हुए रोबर्ट ने स्वयं से कहा " तुम्हे छुट्टी लेनी चाहिए " पिछले एक साल से सिर्फ क्लास, एक देश से दूसरे देश कि यात्रा और सेमीनार | तभी फिर से फोन घनघना उठा | जैसी कि आशा था, फोन लॉबी से ही था " सर क्षमा करें किन्तु आपके आगंतुक आपके कमरे कि तरफ आ रहे हैं |
" क्या तुमने उसे कमरे कि तरफ आने दिया ? " रोबर्ट ने झल्लाते हुए कहा |
तभी उन्हें दरवाजे पर खटखटाने की आवाज़ आती है |
" कौन है " रोबर्ट ने घबराते हुए कहा | धार्मिक पेंटिंग व गूढ़शास्त्र विशेषज्ञ के रूप में जब से रोबर्ट की प्रसिद्धि बढ़ी है तभी से कट्टरपंथी और कई संप्रदाय उनके पीछे लगे हैं | प्रसिद्धि अपने साथ मुसीबत भी लाती है |
" मिस्टर रोबर्ट ! मैं लेफ्टिनेंट कोलेट हूँ, DCPJ से | मुझे आपसे ज़रुरी बात करनी है |
फ्रांसीसी DCPJ अमेरिकन एफबीआई के बराबर की एजेंसी है |
रोबर्ट ने थोडा सा दरवाज़ा खोला |
" क्या मैं अंदर आ सकता हूँ " लेफ्टिनेंट ने पूंछा |
रोबर्ट इतनी रात किसी से बात करने के मूड में नहीं थे और उन्होंने ठंडी आवाज़ में पूंछा " मामला क्या है ? "
" मेरे कैप्टन आपसे मिलना चाहते हैं, उन्हें एक व्यक्तिगत मामले में आपकी सहायता चाहिए | "
" अभी ? " रोबर्ट ने घडी देखते हुए पूंछा | " आधी रात का समय है लेफ्टिनेंट "
" आप कल म्यूजियम के क्यूरेटर Jacques Sauniere से मिलने वाले थे ना ? " लेफ्टिनेंट ने विश्वास से कहा |
" हाँ !!! मगर आपको कैसे पता " रोबर्ट चौंक चुके थे |
कोलेट ने सफाई से उत्तर दिया " हमें आपका नाम क्यूरेटर Jacques Sauniere के डेली प्लानर में मिला | "
" क्या कुछ गडबड है ? " रोबर्ट ने डरते हुए पूंछा |
लेफ्टिनेंट ने निराशाजनक रूप से एक फोटो अपने कोट की जेब से निकाली और रोबर्ट की तरफ बढ़ाई |
फोटो देख कर रोबर्ट का दिल दर और आश्चर्य से बैठ गया | अगले ही पल खुद को संभालते हुए गुस्से में कहा " ऐसा किसने किया ? "
" हमें लगा आप ज्यादा अच्छी तरह से बता सकते हैं | आप संकेतों को पहचानने के विशेषज्ञ हैं | इसी मामले में मेरे कैप्टन आपसे मिलना चाहते हैं | " कोलेट ने कहा |
रोबर्ट अभी भी आश्चर्य में डूबे थे कि कोई क्यूरेटर जैसे वृद्ध और विद्वान के साथ ऐसा कैसे कर सकता है |
" सर मेरे कैप्टन प्रतीक्षा कर रहे हैं, हमें चलना चाहिए " कोलेट ने अपनी घडी देखते हुए कहा |
रोबर्ट हकलाते हुए " क्यूरेटर के जिस्म पर ये निशान, और इनका शरीर इतने अजीब . . . "
" . . . स्थिति में रखा है " कोलेट ने वाक्य पूरा किया |
" हूँ हूँ वही तो, कोई किसी के साथ इतनी बेरहमी कैसे कर सकता है " रोबर्ट ने दुखी होते हुए कहा |
" सर अभी आप समझे नहीं ! क्यूरेटर ने मरने से पहले खुद अपना ये हाल किया है, ये फोटो अभी एक घंटे पहले का है | " लेफ्टिनेंट अपना वाक्य पूरा किया |
रोबर्ट के शरीर में झुरझुरी दौड गयी | क्यूरेटर ने खुद अपना ऐसा भयानक हाल किया |
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Chapter-2

सिलास, क्यूरेटर की हत्या करना के बाद, अपने अपार्टमेंट में अपनी जाँघ पर बंधे सेलिस से टपकते खून को देखता है | दर्द अच्छा है

सेलिस - एक प्रकार का चमड़े का पट्टा जिसमें अंदर कि तरफ धातु के दांते होते हैं जो बाँधने वाले के शरीर में गड कर उसे लगातार दुःख देते रहते हैं | यूरोप में कट्टर ईसाईयों की संस्था ओपस देई के सदस्य इसे पहनते थे जिससे उठा दर्द उन्हें प्रतिपल अपने लक्ष्य की याद दिलाता रहे |

सिलास, भुतही पीली त्वचा, सफ़ेद बाल, गुलाबी आँखें वाला लंबा चौड़ा आदमी, के अपार्टमेंट में अचानक एक फोन के बजने की आवाज़ आती है |
" हेलो " ठंडी आवाज़ में सिलास ने कहा |
" क्या खबर है ? " दूसरी ओर से टीचर ने कहा
" सभी चारों को खत्म कर दिया " सिलास ने खबर दी |
" बढ़िया, और कुछ खबर मिली ? "
" हाँ " सिलास ने उत्तर दिया |
" तुम्हे लगता है की उन्होंने सच बताया है , उन चारों को गोपनीयता की कसम दी जाती है | उनसे इतनी आसानी से सच नहीं निकलवाया जा सकता | " खुश और सशंकित आवाज़ में टीचर ने कहा |
" सामने खड़ी मौत का डर हर कसम को तुड़वा सकता है | उन सभी ने मरने से पहले एक ही बात बताई है | " सिलास ने अपनी सफलता को बताया |
" तो मेरे शिष्य मुझे वो खबर दो जिसे सुनने को मेरे कान तरस रहे हैं " टीचर ने व्यग्रता से कहा |
" उन सभी ने एक कीस्टोन के होने की पुष्टि की है जिसमें उनके सबसे बड़े राज़ तक पहुँचाने का मार्ग है | " सिलास ने खुशी से बताया |
" वाह ! मेरा शक सही निकला | जब हमें वह कीस्टोन मिल जायेगा तो हम बस एक कदम दूर होंगे, उस सबसे बड़े राज़ से ! " टीचर ने कहा
" असल में हम आपके अनुमान से अधिक करीब हैं, वह कीस्टोन यहीं पेरिस में है | "
" क्या ??? पेरिस में ! मैं विश्वास नहीं कर सकता | " टीचर ने खुशी से कहा |
इसके बाद सिलास ने विस्तार से दिन में हुई घटनाओं की सारी जानकारी दी और बताया की किस प्रकार चारों ने कीस्टोन के पेरिस के एक सबसे पुराने चर्च में होने की पुष्टि की है |
" चर्च में ? ईश्वर के ही घर में छुपाया | तुमने ईश्वर की सच्ची सेवा की है ! मेरे बेटे | इस पल के लिए हमने सदियों तक प्रतीक्षा की है | " टीचर ने खुशी में लथपथ हो कर कहा |
" लेकिन टीचर चर्च की कड़ी सुरक्षा में कैसे . . . ? खासकर रात में कैसे जाया जा सकता है | " सिलास ने अपनी मुश्किल का जिकर किया |
" तुम उसकी चिंता नहीं करो | मैं एक घंटे में सारे इंतज़ाम कर दूँगा, तुम एक घंटे में वहाँ पहुँच जाओ | " टीचर ने विश्वास से कहा |

कार की पिछली सीट पर बैठे रोबर्ट लेफ्टिनेंट के साथ जाते हुए विचारों में डूबे हुए थे | क्यूरेटर ने खुद अपनी ये हालत की | रोबर्ट ने उस पल को याद किया जब उन्हें क्यूरेटर की सेक्रेटरी ने फोन करके बताया कि क्यूरेटर अगली फ़्रांस यात्रा में उनसे मिलना चाहते हैं | रोबर्ट को एक पल को विशवास नहीं हुआ | जिस व्यक्ति कि पुस्तकों से नोट्स लेकर वो पढ़े हैं वो स्वयं उनसे मिलना चाहता है |
" कैप्टन आपको आज रात फ़्रांस में पाकर बड़े खुश हुए " होटल से निकलने के बाद लेफ्टिनेंट ने पहली लाइन कही " कितना अच्छा इत्तेफाक है | "
" इसमें अच्छा क्या है " रोबर्ट ने मन में ऐसा कुछ सोचा | इत्तेफाक एक ऐसा शब्द है जिस पर रोबर्ट ने कभी विशवास किया | जिस व्यक्ति ने पूरे जीवन संकेतों को पढ़ने में अपना समय बिताया है उसके लिए इत्तेफाक पर विश्वास करना असंभव है | प्रत्येक घटना का भूत और भविष्य से सम्बन्ध होता है चाहे वह छुपा हुआ ही क्यूँ ना हो |
" तुम्हारे कैप्टन का क्या नाम है " रोबर्ट ने पूछा
" Bezu Fache " लेफ्टिनेंट ने उत्तर दिया |
Louvre म्यूजियम नज़दीक आ रहा था | ये फ़्रांस का वही प्रसिद्द म्यूजियम है जहां लियोनार्डो कि मोनालिसा पेंटिंग रखी है | पूरा म्यूजियम इतना विशाल है कि उसे घूमने के लिए एक सप्ताह का समय चाहिए इसलिए पर्यटक संक्षेप में प्रमुख पेंटिंग को देख कर लौट जाते हैं | निसंदेह जिनमें मोनालिसा प्रमुख होती है |
म्यूजियम के मुख्य गेट के पास गाड़ी रोकते हुए लेफ्टिनेंट ने रोबर्ट को उतरने का इशारा किया |
" तुम नहीं चलोगे " रोबर्ट ने पूंछा |
" मुझे और भी कार्य निबटाने हैं " लेफ्टिनेंट ने उत्तर दिया " कैप्टन आपको मुख्य द्वार पर मिलेंगे | "
रोबर्ट मुख्य द्वार पर पहुंचे जहां एक रोबीला व्यक्ति उनकी प्रतीक्षा में था | उसने आगे बढ़कर रोबर्ट के हाथ को अपने सख्त हाथों में पकड़ लिया |
" मैंने फोटो देखी ! कितना आश्चर्यजनक है ! क्यूरेटर अपने साथ ऐसा कैसे किया | " रोबर्ट ने आश्चर्य प्रकट किया |
" जो आपने देखा वह मात्र शुरुआत है ! क्यूरेटर ने जो अपने साथ किया उसकी बस एक झलक | " कैप्टन ने आराम से उत्तर दिया |
रोबर्ट इस समय मात्र कैप्टन को घूर रहे थे | आश्चर्य उनके दिमाग में मानों घर बना रहा था |  
Chapter-3

म्यूज़ियम में प्रवेश करते हुए हर जगह dcjp के ही एजेंट दिख रहे थे |
" म्यूज़ियम के गार्ड . ." रोबर्ट ने सवाल किया |
कैप्टन ने रोबर्ट को घूरते हुए कहा " पूंछ तांछ के लिए बाहर हैं " " आप पहले कितनी बार क्यूरेटर से मिले हैं "
" कभी नहीं ! हमें पहली बार मिलना था लेकिन उससे पहले ही ... " रोबर्ट ने निराशा में उत्तर दिया |
" इसका मतलब आप पहली बार मिलने वाले थे ?, किस मुद्दे पर बात करनी थी " कैप्टन ने पूँछा |
" शायद पेंटिंग के बारे में, हम दोनों के शौक एक से हैं | मुझे कोई खास अंदाजा नहीं है " रोबर्ट ने इधर उधर देखते हुए कहा |
कैप्टन ने झुंझलाते हुए कहा " इस मीटिंग को किसने फिक्स किया था, आपने या क्यूरेटर ने ? "
" क्यूरेटर की सेक्रेटरी ने मुझे पिछले महीने फोन करके इस बारे में बात की थी " रोबर्ट |
" तो आप दोनों के एक ही शौक थे ? " कैप्टन ने आश्चर्य जताया !
रोबर्ट ने झिझकते हुए कहा " मैं एक किताब लिख रहा हूँ जो क्यूरेटर के प्राथमिक विशेषज्ञता वाले क्षेत्र से सम्बंधित है, ये प्राचीन सभ्यता में मात्र पूजा से सम्बंधित सभ्यता के बारे में है "
" आपको लगता है कि क्यूरेटर इसके बारे में जानते थे ? " कैप्टन प्रश्न पर प्रश्न पूँछ रहे थे |
" ये ऐसा ही प्रश्न है जैसे मछली को पूछना कि उसे तैरना आता है या नहीं ! क्यूरेटर से अधिक इस बारे में इस धरती पर कोई और नहीं जानता था " रोबर्ट ने ध्यान से कहा | 
Chapter-4

अपनी व्यक्तिगत रूचि के साथ ही क्यूरेटर ने अपने बीस वर्ष के कार्यकाल में दुनिया भर के कई कलाकृतियां, पुस्तकें और पांडुलिपियाँ ढूंढ कर म्यूज़ियम के संग्रह को और भी बढ़ाया था |
" शायद क्यूरेटर आपकी पुस्तक के बारे में जानते थे और उसमें आपकी सहायता करने के लिए आपको बुलाया था ! " कैप्टन ने अनुमान लगाया |
किन्तु रोबर्ट ने तुरंत ही ना में सिर हिलाते हुए कहा " वह अभी अपने ड्राफ्ट रूप में है और मात्र मेरे एडिटर ने उसे देखा है "
कैप्टन रोबर्ट की इस बात से कुछ आश्चर्यचकित से लगे | रोबर्ट को अपनी पुस्तक का तीन सौ पृष्ठों का ड्राफ्ट याद आ गया जिसे उन्होंने " सीक्रेट ऑफ लोस्ट फीमेल " नाम से अपने एडिटर को दिया था | आज म्यूज़ियम की गैलरी सामान्य दिनों की अपेक्षा कुछ अँधेरी सी लग रही थीं मानो अपने प्रिय रखवाले के जाने का गम मना रही हों | दीवारों पर लगे कैमरों को देख कर लग रहा था जैसे वो सावधान कर रहे हों कि सावधान कुछ छूना नहीं, हम देख रहे हैं | रोबर्ट ने पूँछा " इनमे से कोई असली है ? "
" कतई नहीं " कैप्टन ने झिझकते हुए कहा | रोबर्ट ने मन ही मन मुस्कुराते हुए सोचा कि इतने बड़े म्यूज़ियम में लगे सैकड़ों कैमरों के लाइव फीड को देखने व उस पर कार्यवाही करने के लिए जितने स्टाफ कि ज़रूरत होगी उसे कोई म्यूज़ियम कैसे वाहन करेगा | विश्व के लगभग सारे बड़े म्यूजियमों ने एक सी सुरक्षा पद्धति अपना ली थी जिसमें चोरों को बाहर रखने कि स्थान पर उन्हें अंदर ही रखने पर जोर दिया जाता है | इस पद्धति को कन्तेंमेंट कहा जाता है जिसमें यदि कोई भी व्यक्ति किसी भी पेंटिंग को हटाने का प्रयास करता है तो तुरंत ही सेक्युरिटी सिस्टम अलर्ट हो जाता है और सारी गैलरियों में छुपे हुए सलाखों वाले दरवाज़े गिरकर गैलरी को छोटे छोटे कोठरियों में बाँटते हुए बंद हो जाती हैं | इससे चोर अंदर ही फस जाता है और यह कम खर्चीला उपाय था |
सामने ही क्यूरेटर का ऑफिस दिख रहा था |
Chapter-5

Opus Dei का न्युयोर्क में नया भवन २०० करोड़ रुपए की कीमत वाली आलीशान संपत्ति है जिसमें सौ से भी अधिक बेडरूम, छः डायनिंग हाल, कई लाइब्रेरी हैं, इसकी दूसरी आठवीं और सोलहवीं मंजिलें प्रार्थना कक्षों में बदली गयी हैं और सत्रहवीं मंजिल मात्र आवासीय रूप में प्रयोग किया जाता है |
आज की ही शाम बिशप मैनुएल एरिन्गोरिसा अपने पेंटहाउस में तैयार होते हुए एक छोटा बैग पैक करते हैं तथा आधिकारिक काला चोगा पहनते हैं | सामान्यतया वे चोगे पर एक बैंगनी पट्टी भी कमर पर बांधते हैं किन्तु क्यूंकि आज वे सामान्य जनता के बीच यात्रा करेंगे अतः उन्होंने इसे ना बंधने का निर्णय लिया है | यह बैंगनी पट्टी उनके उच्च धर्माधिकारी होने का संकेत देती है | मात्र वही लोग उनके रुतबे को पहचान पाएंगे जो उनकी उंगली में फंसी चौदह कैरेट के हीरे वाली अंगूठी को देखेंगे |
रोम को जा रही फ़्लैट में बैठे बिशप ने कुछ दिन पहले उठे विवादों की तरफ ध्यान लगाया | ओपस देई को लेकर सदैव विवाद रहे हैं, मीडिया, प्रेस इसके अतिसंकीर्ण रवैये, सदस्यों द्वारा खुद को शारीरिक कष्ट पहुंचाने जैसे मुद्दों को लेकर शोर मचाती रही है किन्तु कुछ दिन पहले ही ओपस देई के एक सदस्य पर जब एफबीआई ने शिकंजा कसा तबसे स्थिति ज्यादा खराब हो गयी | किन्तु बिशप एरिन्गोरिसा उस सबसे नहीं बल्कि इस नए युद्ध के लिए आशंकित थे जो कि पिछले पांच महीनों से चल रहा था और अब इस अंतिम माह में इसे जीतना अनिवार्य था |
अचानक ही बिशप का फोन साइलेंट मोड में रिंग करता है | एयरलाइन के नियमों के अनुसार फ्लाईट में फोन ऑन रखना वर्जित है किन्तु बिशप को पता था इस काल को वो नहीं छोड़ सकते हैं |
" सिलास ने कीस्टोन ढूंढ लिया है, वह पेरिस में ही है " दूसरी तरफ से टीचर ने कहा |
" बहुत अच्छे ! यह तो बड़ी कामयाबी है " बिशप ने चहकते हुए कहा |
" किन्तु वह यहाँ एक चर्च में है और वहाँ रात में जाने के लिए आपके प्रभाव की आवश्यकता पड़ेगी " टीचर ने विशवास से कहा |
" हाँ हाँ, जरुर कहो मुझे क्या करना होगा " बिशप ने जल्दी से सहमति जताई |
जब बिशप ने फोन रखा तो वो उन सारी घटनाओं में डूबे हुए थे जिन्होंने इस सरे घटनाक्रम को शुरू किया और उधर पांच सौ मील दूर पेरिस की एक सड़क में सिलास गाडी में बैठे हुए आज की हत्या के विषय में सोचते हुए स्वयं से कहता है " यह ईश्वरीय काम है " और गाडी अँधेरे में चली जाती है | 
Chapter-6

ऑफिस से होकर कैप्टन रोबर्ट को गैलरी में लेकर आये जहां क्यूरेटर की लाश मिली थी | सारे रस्ते रोबर्ट सोचते रहे कि क्यूरेटर ने इतना लंबा गलियारा क्यूँ पार किया |
" तो क्यूरेटर ने सिक्युरिटी सिस्टम को चला कर अपने हत्यारे को भागने से रोकने का प्रयास किया ? " रोबर्ट ने अनुमान लगाया |
" नहीं, उन्होंने सिक्युरिटी सिस्टम चला कर अपने हत्यारे को अपने से दूर रखा लेकिन उसने सलाखों के पीछे से गोली मारी | " कैप्टन ने अब तक की जांच से मिली जानकारी दी |
" इसका अर्थ है कि वो अपने हत्यारे को जानते थे अन्यथा वे उसे लेकर अपने ऑफिस से यहाँ तक क्यूँ आते " रोबर्ट ने पुनः अनुमान लगाया |
" हो सकता है " कैप्टन ने रोबर्ट को देखते हुए कहा | " तो लाश कहाँ है ? " रोबर्ट ने पूँछा |
" इस तरफ आइये " गैलरी के अँधेरे कोने कि तरफ इशारा करते हुए कैप्टन ने कहा | गैलरी से जाते हुए रोबर्ट वहाँ तंगी महान कलाकृतियों को एक नज़र भी नहीं देख रहे थे | ** इतनी महान पेंटिंग्स का ऐसा अपमान लेकिन मैं इन्हें इस अँधेरे में देख भी तो नहीं सकता |
" सिक्युरिटी को यहाँ आने में पन्द्रह मिनट लगे ? " रोबर्ट ने पुनः सवाल दागा |
" कतई नहीं ! सिक्युरिटी टीम तुरंत हरकत में आई किन्तु उन्हें गैलरी में से किसी के भागने कि आवाज़ आई और उन्होंने पीछा भी किया किन्तु कोई नहीं मिला | सिक्युरिटी वालों को यह चोरी का मामला लगा और उन्होंने प्रोटोकाल के हिसाब से हमें संपर्क किया | हमारी टीम ने यहाँ अलार्म बजने के पन्द्रह मिनट में मोर्चा संभाल लिया | " कैप्टन ने पूरी जानकारी दी |
सामने अब क्यूरेटर का शव दिख रहा था | कैप्टन ने अपनी जेब से क्रिमसन टोर्च निकाल कर जला ली | क्रिमसन टोर्च से उस अदृश्य स्याही को देखा जा सकता था जिसे म्यूज़ियम वाले प्रयोग करते थे | आज रात क्यूरेटर ने उसी का प्रयोग किया था | 
Chapter-7

जैसे जैसे रोबर्ट क्यूरेटर के शव की तरफ बढ़ रहे थे उन्हें अपने अंदर एक सर्दी की लहर सी महसूस हो रही थी | उन्होंने चित्र में देखा था किन्तु फिर भी सामने ये सब देखना अधिक भयावह था | रोबर्ट समझ नहीं पा रहे थे कि अपने जीवन के आखिरी पल क्यूरेटर ने खुद को इस प्रकार करने में क्यूँ बिताया |
रोबर्ट शव के ठीक बगल में खड़े देख रहे थे ! ये मेरे जीवन का सबसे विचित्र दृश्य है | क्यूरेटर ने खुद को गैलरी कि लम्बाई मने लिटाया था और अपने शरीर पर कपडे का एक वर्ग इंच टुकड़ा भी नहीं छोड़ा था | क्यूरेटर अपनी उम्र के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति थे और उनकी सभी माशपेशियाँ एकदम सपाट हो चली थीं | उन्होंने अपने हाथ और पैर उड़ने जैसी हालत में फैलाए हुए थे जैसे किसी बच्चे को स्नो एन्जिल बनाने के लिए करते हैं | ठीक पसलियों के नीचे एक छोटा सा छेद था जो कि गोली से बना था | अपेक्षाकृत रूप से घाव काफी छोटा था | क्यूरेटर के बाएं हाथ की तर्जनी ( सबसे छोटी उंगली ) खून में भीगी हुई थी | इसी उंगली को पेन की तरह अपने घाव में डुबो कर खून को स्याही के रूप में प्रयोग करके अपने पेट पर पांच कोनों वाला सितारा बनाया था | " इसे पेंटाकल कहते हैं | " रोबर्ट धीरे से बुदबुदाए | " प्रथ्वी के सबसे प्राचीन चिन्हों में से एक, इसे ईसा से भी चार हज़ार साल से प्रयोग किया जा रहा था "
" और इसका क्या अर्थ है " कैप्टन ने स्वाभाविक सा प्रश्न किया | रोबर्ट ने इस प्रश्न पर काफी असहज अनुभव किया, जैसा कि उन्हें हमेशा अनुभव होता था जब भी कोई उनसे किसी चिन्ह का अर्थ पूंछता था | प्रत्येक चिन्ह का अलग अलग परिस्थिति में अलग अर्थ होता है जैसे एक स्वास्तिक के चिन्ह का भारतीय सभ्यता में अर्थ धार्मिक होता है जबकि यूरोप में यही चिन्ह हिटलर और उसकी क्रूर नीतियों कि याद दिलाता है | एक निश्चित चिन्ह अमेरिका में नस्लवादी होने का पर्याय है किन्तु स्पेन में वही धार्मिक महत्त्व का है |
" भिन्न भिन्न परिस्थितियों में इसके भिन्न अर्थ होंगे | " रोबर्ट ने सीधा सा उत्तर दिया | " मूलतः यह पैगन पूजा से सम्बंधित है "
" तंत्र मन्त्र ? " कैप्टन ने समझते हुए प्रश्न किया |
" नहीं नहीं बिलकुल नहीं " रोबर्ट ने तुरंत ही कैप्टन को टोका, रोबर्ट ने महसूस किया कि उन्हें शब्दों का चयन सावधानी से करना होगा | इस समय पैगन पूजा को अघोरपंथियों से जोड़ कर देखा जाता है जिससे इसका सीधा अर्थ तंत्र मन्त्र या शैतान पूजा लगाया जाता है जो कि इसका एकदम गलत अर्थ है |
" यह पांच कोने वाला सितारा या पेंताकल ईसा से प्राचीन चिन्ह है और जब मैं कहता हूँ कि इसका सम्बन्ध पैगन पूजा से है तो मेर अर्थ है कि प्रकृति पूजा करने वाले, जो ईश्वर कि स्त्री, पुरुष शक्तियों के रूप में पूजा करते हैं | " रोबर्ट ने अपनी लाइन पूरी की |
" क्यूरेटर के पेट पर जो चिन्ह बना हुआ है यह प्रकृति उपासकों के लिए स्त्री का परिचायक है, इसका अर्थ हुआ कि यह आदि स्त्री शक्ति या दैवीय स्त्री को दर्शाता है " रोबर्ट ने अपनी बात को अधिक स्पष्ट करते हुए कहा |
" तो क्यूरेटर ने मरने से पहले अपने खून से अपने पेट पर देवी का निशान बनाया " कैप्टन ने आश्चर्य प्रकट किया |
रोबर्ट को भी स्वयं यह अजीब लग रहा था किन्तु इस समय वह इस सबका कोई और अर्थ निकालने की स्थिति में नहीं थे | " यदि एकदम सटीक अर्थ में देखें तो पांच कोनों वाले इस सितारे का सम्बन्ध शुक्र गृह ( वीनस ) से है जो की स्त्री की सुंदरता व प्रेम का परिचायक है | इसी कारण से शुक्र गृह को प्रत्येक प्राचीन सभ्यता में प्रेम, पूर्णता व काम का प्रतीक माना गया है | " रोबर्ट ने अपनी बात को और भी अधिक स्पष्ट किया |
कैप्टन रोबर्ट की इस व्याख्या से दुविधा में पड़ गए | उन्हें तांत्रिक पूजा वाली व्याख्या ज्यादा सुहा रही थी | कैप्टन की असमंजस वाली मनोस्थिति देख कर रोबर्ट ने शुक्र गृह की देवी उपासना व आधुनिक विश्व के साथ इसके सम्बन्ध वाली पूरी व्याख्या करना उचित नहीं समझा |
रोबर्ट को अपने छात्र जीवन का वह समय याद आया जब उन्होंने जाना की कैसे शुक्र ग्रह का पांच कोनों वाले सितारे के साथ व्यर्थ में ही सम्बन्ध नहीं बिठाया जाता | प्रत्येक आठवें वर्ष में शुक्र ग्रह के चारों ओर सितारों का एक समूह सटीक पांच कोनों वाले सितारे की आकृति बनाता है | प्राचीन सभ्यताओं ने शुक्र की इस अद्वितीय विशेषता को पहचाना और उससे अभिभूत होकर उसे पूर्णता, सुंदरता, प्रेम और काम का प्रतीक बनाया | प्राचीन ग्रीकों ने शुक्र के प्रति अपना सम्मान जताते हुए इसके आठ वर्षों के चक्र पर आधारित अपने खेल आयोजित करने शुरू किये जो आजकल ओलम्पिक खेल कहे जाते हैं | बहुत कम लोगों को पता है की ओलम्पिक खेलों का प्रति चार वर्षों में होना शुक्र के आठ वर्षों के अर्ध चक्र का प्रतीक है |
इससे भी कम लोग जानते हैं की यही पांच कोनों वाला सितारा ओलम्पिक खेलों का आधिकारिक चिन्ह बनने जा रहा था किन्तु अंतिम समय पर कोनों को गोलों से प्रतिस्थापित कर दिया गया और इस प्रकार ओलम्पिक खेलों का आधुनिक चिन्ह सामने आया जो की शुक्र ग्रह से ही सम्बंधित है | कुछ लोग इसे पांच महाद्वीपों से सम्बंधित मानते हैं जो की पूरी तरह से गलत है |
" किन्तु यह चिन्ह तांत्रिक पूजा से ही सम्बंधित है | आपकी अमेरिकन फिल्मों में ही मैंने देखा है | " कैप्टन का दिमाग अभी भी रोबर्ट के तर्कों को पचा नहीं पा रहा था |
रोबर्ट ने भुनभुनाते हुए होलीवुड फिल्मों को कोसा और कहा " मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इस सितारे का पूल अर्थ वही है जो मैंने आपको बताया किन्तु इस अर्थ को सदियों के समय के दौरान काफी बिगाड़ा गया और तंत्र मन्त्र से इसका सम्बन्ध एकदम निराधार है "
" और क्यूरेटर ने जो अपने हाथ पैरों को इस प्रकार फैलाया है उसका क्या अर्थ है " कैप्टन अभी भी अनिश्चित थे |
" यह प्राचीन देवी का प्रतीक है "
" मैं समझा नहीं " कैप्टन की फौजी बुद्धि ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे |
" इस प्रकार से हाथ पैरों को विशेष स्थिति में रखने का अर्थ है पूर्णता जो की फिर से शुक्र ग्रह और प्रकृति देवी की तरफ इशारा करता है " रोबर्ट ने बोलना जारी रखा " एक चिन्ह के साथ दूसरे का प्रयोग करने का अर्थ है अपनी बात को मजबूती के साथ कहना "
" और अपने कपडे उतारने का अर्थ ? " कैप्टन ने प्रश्न दागा |
अच्छा सवाल ! रोबर्ट की बुद्धि ने यही खुद से कहा | वो खुद भी फोटो देखने के समय से सोच रह थे | " शायद यह भी शुक्र ग्रह की तरफ ही इशारा है, क्यूंकि शुक्र काम का प्रतीक है इसलिए नग्नता उसी का प्रतीक है " रोबर्ट ने अंदाज़ा लगाया |
" और खून का प्रयोग ? " कैप्टन ने कहा |
" क्यूंकि उनके पास और कुछ लिखने को नहीं था " रोबर्ट ने पुनः कहा |
" मैं ऐसा नहीं मानता ! " अब कैप्टन की बारी थी " वो अदृश्य स्याही वाला मार्कर देखिये ! वो क्यूरेटर के हाथ में था जब हम लाश के पास में आये "
अदृश्य स्याही वाले मार्कर म्यूज़ियम स्टाफ द्वारा प्रयोग किये जाते हैं जो कि नीली रौशनी वाली चमकीली लाईट छोड़ते हैं और इसे मात्र अँधेरे में देखा जा सकता है, प्रकाश में यह अदृश्य रहती है |
" हम लोग अँधेरा करके क्रिमसन टोर्च में खून के धब्बे और फिंगरप्रिंट ढूंढ रहे थे किन्तु जो दिखा उसने हमें आपको बुलाने पर मजबूर कर दिया " कैप्टन ने कहा और अपनी लाइन पूरी करते करते हाल कि अकेली लाईट को बुझा दिया |
इस अचानक हुए अँधेरे से रोबर्ट चौंक गए किन्तु जैसे ही उन्होंने अँधेरे में क्यूरेटर के शव को देखा उनका दिल सीने से उछल कर बाहर आने को हुआ " ये क्या बला है ? " रोबर्ट ने डरते हुए कहा |
" इसी सवाल का जवाब ढूँढने के लिए तो आपको बुलाया है " कैप्टन ने अपना वाक्य पूरा किया |

उधर क्यूरेटर के ऑफिस में लेफ्टिनेंट कोलेट ने प्रवेश करते हुए अपने इअरफोन के वोल्यूम लेवल को अडजस्ट किया और क्यूरेटर के ऑफिस के एक कोने में रखे हुए सैनिक के पुतले कि तरफ देख कर मुस्कुराए | 
Chapter-8

सेंट सल्पिस चर्च के दूसरे फ्लोर के बायीं ओर का हिस्सा चर्च कि देखरेख करने वाले के लिए घर का कार्य करता है | मार्बल से सजा २ कमरों का यह हिस्सा सिस्टर सैन्द्रिन के लिए पिछले दस वर्षों से घर हो गया है | चर्च के ही पास में उनका अपना घर भी है किन्तु चर्च की देखरेख का जिम्मा उन्ही का है जिसमें चर्च की सुरक्षा, आगंतुकों के लिए गाइडों कि व्यवस्था, अन्य स्टाफ की भर्ती, चर्च की रात में सुरक्षा इत्यादि और इसी सब की देखरेख के लिए वे चर्च में ही रहना पसंद करती थीं | चर्च का शांत माहौल उन्हें एक अलग सुकून देता है |
छोटे से बेड में सोते हुए अचानक सिस्टर सैन्द्रिन की नींद फोन की घंटी से खुलती है | फोन उठाते ही घबराई हुई आवाज़ उनके कानों में पड़ती है " सिस्टर सैन्द्रिन ? "
" क्या वक्त हुआ ! " सिस्टर ने जागते हुए मन में सोचा, वो अपने बॉस की आवाज़ अच्छी तरह से पहचानती है | पिछले दस वर्षों में उन्होंने कभी रात में नहीं जगाया |
" सिस्टर इतनी रात गए आपको जगाने के लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ | मुझे अभी अभी एक अमेरिकन बिशप का फोन आया है और उन्होंने एक सहायता मांगी है | आप शायद उन्हें जानती होंगी, बिशप मैनुएल एरिन्गोरिसा | " दूसरी तरफ से आवाज़ आई |
सिस्टर सैन्द्रिन ने चौंकते हुए कहा " हाँ ज़रूर ! चर्च से जुड़ा हुआ ऐसा कौन व्यक्ति होगा जो उन्हें नहीं जानता, बिशप एरिन्गोरिसा ओपस देई के अध्यक्ष हैं | "
एरिन्गोरिसा ने ओपस देई को अपने कार्यकाल में काफी प्रभावशाली बना लिया था और पिछले वर्ष ही चर्चा उठी थी कि उन्होंने वेटिकन चर्च को एक बिलियन डालर की रकम भेंट में दी है |
फोन से पुनः आवाज़ आई " बिशप ने कहा है कि उनका एक मेहमान आज रात पेरिस में है और . . ."
तभी सिस्टर ने टोकते हुए कहा " आप यह कहना चाहते हैं कि बिशप का वह खास मेहमान चर्च देखने के लिए दिन का इन्तेजार नहीं कर सकता "
" मैं खुद अनिश्चय में हूँ किन्तु बिशप की ऐसी ही मांग है | उनके मेहमान को सुबह काफी जल्दी पेरिस ने चला जाना है इसलिए वह रात में ही चर्च देखना चाहते हैं| " फोन करने वाले ने कहा |
" लेकिन चर्च दिन में ज्यादा सुन्दर लगता है, जब सूरज की किरणे इसकी संगमरमर कि ईमारत को चमका देती हैं | इसलिए ही यह चर्च प्रसिद्द है | " सिस्टर ने जिद सी की |
" मैं जानता हूँ किन्तु फिर भी मैं इसे व्यक्तिगत रूप से चाहूँगा कि आप उनके मेहमान को रात में ही देख लेने दें | "
" ज़रूर, मुझे खुशी होगी | " सिस्टर ने मजबूर होकर कहा |
" ठीक है, वो चर्च तक १ बजे पहुँच जायेंगे, बस बीस मिनट बाद " कहते हुए फोन कट गया |
ओपस देई के मेहमान के आने कि खबर ने सिस्टर को काफी कुछ सोचने पर विवश कर दिया था | बाकी पोप से जुड़ी संस्थाएं जहां नारी अधिकारों के प्रति जाग्रत हो रही थीं, वहीँ ओपस देई अभी भी पुराने ख्यालों वाली संस्था थी | इसमें महिला अनुयायियों को पुरुष अनुयायियों के कमरे साफ़ करने होते थे, जहां पुरुष चटाई पर सोते थे वहीँ महिलाओं को जमीन पर सोना होता था | यह सब भेदभाव उस " मूल पाप "के प्रायश्चित के नाम पर होता था |
सिस्टर की छठी इंद्री उन्हें किसी भावी खतरे का आभास करा रही थी | ये छठी इंद्री है या स्त्रियों को होने वाली सहज अनुभूति या उस साहसिक कदम का पुरुस्कार जिसे मूल पाप कहा जाता है |
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मूल पाप : कहते हैं संसार में सबसे पहले आदि पुरुष और आदि स्त्री का जन्म हुआ था जिसमे पुरुष का नाम एडम और स्त्री का इव था, कहानी के अनुसार ईश्वर के दिए ज्ञान के फल में से इव ने पहला टुकड़ा खा लिया था | इसे एडम की अपने कर्तव्य के प्रति अक्षमता के रूप में लिया गया और इव का दोष था कि उसने पहले ज्ञान प्राप्त कर लिया | इसी को मूल पाप या ओरिजिनल सिन् कहा जाता है | इसी पाप के प्रायश्चित स्वरुप पुरुषों का बैप्तिस्म किया जाता है और स्त्रियों को पुरुषों के सारे काम करने चाहिए ताकि उनकी गलतियों का प्रायश्चित हो सके |
Chapter-9

गैलरी में रोबर्ट अपनी आँखें क्यूरेटर के उस आखरी सन्देश से हट ही नहीं रही थीं जो अब अँधेरे में नीली रोशनी में चमक रहा था

13-3-2-21-1-1-85
O, Draconian devil!
Oh, lame saint!

अब रोबर्ट को समझ में आ रहा था कि क्यूँ कैप्टन बार बार तंत्र मन्त्र की तरफ सोच रहे थे | क्यूरेटर ने स्वयं शैतान की पूजा कि तरफ इशारा किया था ऐसे में कैप्टन का सोचना गलत नहीं था | उतना ही अजीब संख्याओं की श्रंखला है | " यह तो कोई गुप्त कोड लगता है " रोबर्ट ने कहा |
" हमारे विशेषज्ञ इस पहेली पर पहले से कार्य कर रहे हैं | हमारे अनुसार इस पहेली में ही उस व्यक्ति का नाम छिपा है जिसने क्यूरेटर कि हत्या की है | " कैप्टन ने अपना विचार बताया |
इन अंकों का यदि कोई अर्थ है भी तो इसे निकालने में घंटों लगेंगे | रोबर्ट ने मन में सोचा | ये अंक बिखरे हुए थे, इनमें कोई क्रम नहीं दिख रहा था | एक बार फिर से चमकते सन्देश को देखते हुए रोबर्ट ने सोचा |
अपने लंबे अनुभव के द्वारा रोबर्ट चीज़ों और घटनाओं में छुपे हुए चिन्ह पढ़ने के अभ्यस्त हो गए थे किन्तु यहाँ सब बिखरा हुआ था | पांच कोनों वाला तारा, क्यूरेटर का नग्न होकर मारना फिर ये शैतान कि तरफ इशारा और अब ये अंक पहेली | कुछ भी बुद्धि में नहीं आ रहा था |
तभी कैप्टन की कड़क आवाज़ से रोबर्ट की तन्द्रा टूटी | " आप किसी प्रकार कि देवी की पूजा का ज़िक्र कर रहे थे, यह सन्देश उस सबमें किस प्रकार से फिट बैठता है ? "
रोबर्ट जानते थे कि कैप्टन का प्रश्न सही था किन्तु उनके पास भी इसका कोई उत्तर नहीं था |
Chapter-10

O, Draconian devil!

" यह लाइन किसी पर दोष देती हुई नहीं लगती ? " कैप्टन ने रोबर्ट को घूरते हुए कहा|
रोबर्ट ने क्यूरेटर के दृष्टिकोण से सोचा कि गैलरी में अकेले बंद, गोली के घाव से रिश्ता खून, सामने खड़ी मौत, " ऐसी मनोस्थिति में निश्चित ही वह अपने हत्यारे पर आरोप लगाएंगे, मैं सहमत हूँ " रोबर्ट ने असमंजस में कहा |
" और मेरा कार्य निश्चित ही इस आरोपी का नाम ढूँढना है " कैप्टन ने कहा " आपको क्या लगता है, इस आरोप के अतिरिक्त और कुछ अजीब है ? "
" अजीब ? यहाँ सामान्य क्या है ? एक इतना वृद्ध व्यक्ति जो कि अपने ज्ञान के लिए विश्वविख्यात है, अपने जीवन के अंतिम पलों में अपने सारे कपडे उतार कर स्वयं को एक विचित्र स्थिति में लिटा कर अपने पेट पर एक पाँच हज़ार साल पुराना चिन्ह बनाता है और अदृश्य स्याही से एक अंक पहेली और एक सन्देश छोड़ता है | इससे अजीब क्या हो सकता है " रोबर्ट ने खिसियाते हुए धीरे से कहा |
" और यह शब्द ड्रेकोनियन क्या अर्थ रखता है " कैप्टन ने पूँछा |
रोबर्ट को इस शब्द से ड्रेको नाम का सातवी सदी ईसा पूर्व का एक कुप्रसिद्ध राजनीतिज्ञ याद आया किन्तु यह शब्द इस परिस्थिति के लिए बड़ा अजीब था |
" क्यूरेटर फ्रेंच थे, आजीवन फ़्रांस में रहे किन्तु उन्होंने अपना अंतिम सन्देश . . . " कैप्टन ने अपना संदेह प्रकट किया |
" . . . अंग्रेजी में लिखा ? " रोबर्ट ने कैप्टन की लाइन पूरी की |
" हाँ यही ! कोई आईडिया इस बारे में ?! " कैप्टन ने प्रश्न किया |
रोबर्ट को पता था कि क्यूरेटर त्रुटिरहित अंग्रेजी बोलते थे और इसका कोई दूसरा अर्थ नहीं हो सकता था कि उन्होंने अंग्रेजी में क्यूँ लिखा |
" इस पेंटाकल और यह पहेली आपको किसी प्रकार से जुड़ी हुई नहीं लगती ? " कैप्टन ने रहस्मयी आवाज़ में कहा |
" नहीं, मुझे कोई साम्य नहीं दिख रहा है " रोबर्ट ने कहा |
" और अब ? " यह कहते हुए कैप्टन ने क्रिमसन टोर्च को लम्बाई में जलाते हुए कहा जिससे लाश के थोडा और दूर तक का अदृश्य स्याही से बनाया दृश्य नज़र आने लगा |
रोबर्ट फिर से झटके से उछल पड़े | क्यूरेटर ने अदृश्य स्याही से अपने लेटने के स्थान के चारों ओर एक गोला सा खींचा था और उसके अंदर लेटे थे | अब माजरा साफ़ था | " यह तो Vitruvian Man है " रोबर्ट ने कहा " यह लियोनार्डो दाविंची कि प्रसिद्द पेंटिंग है | जिसमें दाविंची ने एक नग्न पुरुष को एक गोले के भीतर हाथ और पैर फैलाए दिखाया है, यह दाविंची की मानव शारीरिक संरचना कि सबसे सटीक अभिव्यक्ति थी और आजकल यह टीशर्ट, पोस्टर, माउसपैड हर जगह मिलती है | " इसे देखने के लिए इस थ्रेड की पहली पोस्ट पर जाएँ
अब तो क्यूरेटर कि मंशा साफ़ साफ़ दिख रही थी | अपने जीवन कि अंतिम साँसे इस वृद्ध पुरुष ने स्वयं को अपने पसंदीदा पेंटर कि प्रसिद्द पेंटिंग कि जीवित नक़ल बनाने में लगायीं |
" लेकिन क्यूँ ? " रोबर्ट ने खुद से पूँछा |
" मिस्टर रोबर्ट ! " कैप्टन ने टोका " आप जैसा व्यक्ति यह ज़रूर जानता होगा कि दाविंची का रुझान कला के रहस्यमयी तत्वों की तरफ काफी था | "
रोबर्ट पहले तो कैप्टन की कला के बारे में इतनी गहरी जानकारी से चौंके किन्तु फिर उन्हें आज रात में हो रही घटनाओं के आगे यह सामान्य बात ही लगी | यदि प्रश्न करने वाला एक इतिहास की जानकारी रखने वाला फौजी हो तो उत्तर देना सच में मुश्किल कार्य है | रोबर्ट ने अपने संस्मरणों में दाविंची कि याद को ताज़ा करने का प्रयास किया | लियोनार्डो दाविंची एक अद्वितीय पेंटर होने के साथ साथ एक समलैंगिक व प्रकृति उपासक थे और यह दोनों तत्व उन्हें कट्टर ईसाई तत्वों कि दृष्टि में अपराधी बनाते थे |
अपनी पेंटिंग में मानव शरीर का सटीक चित्रण करने के लिए उसका अध्ययन करना अनिवार्य था और इसके लिए दाविंची कब्रों से मुर्दे चुरा कर ले आते थे, अपने लेख और डायरी उलटे अक्षरों में लिखते थे जिससे उन्हें मात्र शीशे में देख कर ही पढ़ा जा सके | उन्हें विश्वास था कि उनके पास लोहे को सोने में बदलने कि शक्ति है और साथ ही वे किसी गुप्त विद्या से मृत्यु को टालने का दावा भी करते थे | उन्होंने अनगिनत नयी नयी किस्म और भीषण प्रहार करने वाले अस्त्र शस्त्र भी डिजाइन किये किन्तु वास्तव में कभी नहीं बना पाए |
ग़लतफ़हमी से ही शक उपजता है |
अपनी मस्तमौला जीवन शैली के कारण वे चर्च के निशाने पर रहते थे किन्तु साथ ही वे अद्वितीय चित्रकार भी थे और उन्होंने बहुत सारी ईसाई कलाकृतियां भी बनायीं किन्तु आस्था के कारण नहीं अपितु चर्च के कई बार आग्रह करने पर धन के बदले बनाई, आखिर वे ऐशोआराम के जीवन के आदी थे और धन भी कमाना था किन्तु साथ अपने विनोदी स्वाभाव से मजबूर दाविंची ने अपनी सारी पेंटिंग में अनगिनत रहस्य और पहेलियाँ छुपा दिए जो कि उनकी विचारधारा पर प्रकाश डालते हैं | मोनालिसा की मुस्कान उन अनगिनत पहेलियों में से एक उदाहरण मात्र है |
" मैं आपका पक्ष समझता हूँ किन्तु दाविंची ने वास्तव में कभी कोई तंत्र साधना नहीं की | " रोबर्ट ने कैप्टन को उत्तर दिया | " वे एक अध्यात्मिक व्यक्ति थे और उनकी विचारधारा कट्टर ईसाई पंथ और चर्च से मेल नहीं खाती थी किन्तु में कोई तांत्रिक नहीं थे | "
" तो फिर इस सबका क्या अर्थ है ? " कैप्टन ने कहा |
" क्यूंकि क्यूरेटर भी दाविंची के बड़े प्रशंसक थे अतः हो सकता है अपने अंतिम समय में अपनी कुंठा कि अभिव्यक्ति के लिए उन्होंने ऐसा कहा " रोबर्ट ने अनुमान लगाया |
" तो आपका अर्थ है कि क्यूरेटर ने इस सन्देश में चर्च को Draconian Saint कहा है " कैप्टन अब पूरी तरह चकरा चुके थे |
रोबर्ट का धीरज अब जवाब देने लगा था " देखिये कैप्टन ! आपने मुझे रात के बारह बजे बुला कर मुझसे क्यूरेटर के इस सन्देश पर अपना मत देने को कहा और मैंने दिया | बस !!! "
" मिस्टर रोबर्ट ! मैंने अपने कैरियर में सैकड़ों मौतें देखी हैं और मैं जनता हूँ कि जब किसी व्यक्ति कि हत्या होती है तो वह कोई अध्यात्मिक प्रवचन देने के स्थान पर अपने हत्यारे का नाम सभी तक पहुँचाना चाहता है | " कैप्टन ने भी कड़क उत्तर दिया | " मुझे विश्वास है कि क्यूरेटर ने यह सन्देश सबको यह बताने के लिए लिखा कि किसने उनकी हत्या की है | "
" लेकिन यह सन्देश ऐसा कोई इशारा नहीं कर रहा है " रोबर्ट ने कहा |
" नहीं कर रहा है ? " कैप्टन
" नहीं " रोबर्ट ने प्रतिउत्तर में गरजते हुए कहा |" आपने ही बताया कि जिसने भी क्यूरेटर को मारा उसे खुद क्यूरेटर ने अपने ऑफिस में बुलवाया था , इसका अर्थ हुआ कि वो उसे जानते थे, ऐसी हालत में वे पेंटिंग, अंकीय पहेली जैसे उलझाऊ कार्य करने के स्थान पर उस व्यक्ति का नाम नहीं लिख देंगे ? "
" आपकी बात में दम है " कैप्टन ने मोनालिसा से भी अधिक रहस्यमयी मुस्कान में कहा | इस शाम से पहली बार कैप्टन के चेहरे पर मुस्कान आई थी और इसे क्यूरेटर के ऑफिस में बैठे लेफ्टिनेंट कोलेट ने भी महसूस कर लिया था जो कि अपने इयरफोन के माध्यम से कैप्टन और रोबर्ट की बातें सुन रहा था |
रोबर्ट को होटल से बुलवाने से एक घंटा पहले इसी म्यूज़ियम में अपने सारे एजेंटों को कैप्टन ने कहा था कि मुझे पता है कि किसने क्यूरेटर कि हत्या की है और मैं नहीं चाहता कि आपमें से किसी की गलती की वजह से मैं इस गिरफ्तारी से चूक जाऊं | सभी एलर्ट रहें | अभी तक सही चल भी रहा था | लेफ्टिनेंट कोलेट को कैप्टन के सबूत पर विश्वास नहीं हो रहा था किन्तु उसे टोकना बैल को मारने के लिए निमंत्रण देने से कम नहीं था |
कैप्टन के लिए यह गिरफ्तारी व्यक्तिगत रूप से आवश्यक थी | 

Chapter-11

रोबर्ट के साथ अपनी बात में कोई व्यवधान ना आये इसके लिए आज रात कैप्टन ने अपना मोबाइल भी बंद कर रखा था बस इक अत्याधुनिक दुतरफा वाकी टाकी उनके पास था जिसके द्वारा उनकी सारी बातें लेफ्टिनेंट सुन रहे थे ताकि हर बात का रिकोर्ड रहे | अचानक वाकी टाकी में से स्वर उभरा " सर ! "
कैप्टन का चेहरा गुस्से से तमतमा उठा, वह निश्चित ही इस बात चीत में व्यवधान नहीं चाहते थे किन्तु उन्हें पता था कि बिना किसी महत्वपूर्ण कारण के लेफ्टिनेंट उन्हें नहीं टोकेगा | कैप्टन ने रोबर्ट से क्षमा मांगते हुए वाकी टाकी निकाला और " क्या हुआ ? क्या थोड़ी देर इन्तेजार नहीं कर सकते लेफ्टिनेंट ! "
" सॉरी सर, क्रिप्टोग्राफी डिपार्टमेंट से किसी को भेजा है " लेफ्टिनेंट ने डरते हुए कहा |
" क्या ? इतनी जल्दी ? " कैप्टन इस खबर से थोडा प्रसन्न भी हुए, लाश के पास मिली अंक पहेली की तस्वीरें उन्होंने तुरंत ही फ्रांसीसी क्रिप्टोग्राफी विभाग के पास भेजवा दीं थीं जिससे वे उसे हल कर सकें |
" लेकिन सर, वो अभी मिलने की जिद कर रहे हैं " लेफ्टिनेंट ने अपनी मुसीबत के बारे में बताया |
" उनसे कहो कि थोड़ी देर प्रतीक्षा करें, मैं अभी आ के उनसे मिलूँगा | " कैप्टन ने आदेश देते हुए कहा |
किन्तु उत्तर में वाकी टाकी से महिला स्वर उभरा " सॉरी सर ! मैं क्रिप्टोग्राफी डिपार्टमेंट से एजेंट सोफी हूँ " लेफ्टिनेंट से वाकी टाकी छीन कर एजेंट ने कैप्टन से बात करना प्रारंभ किया |
एजेंट सोफी के नाम से कैप्टन के माथे पर शिकन आ गयी | क्रिप्टोग्राफी विभाग के इस नाम को कैप्टन एक बोझ से अधिक कुछ नहीं मानते थे | एजेंट सोफी क्रिप्टोग्राफी विभाग की इक भूल थी | ३२ वर्षीय युवा फ्रांसीसी लड़की जिसने क्रिप्टोग्राफी कि लन्दन में पढ़ाई की थी और फ़्रांस आते ही उसे क्रिप्टोग्राफी विभाग ने विभाग में महिलाओं की सहभागिता बढाने के उद्देश्य से भर्ती कर दी | कैप्टन इस नीति के प्रखर विरोधियों में से थे | कैप्टन के अनुसार महिलायें शारीरिक रूप से कमज़ोर होने के कारण सुरक्षा बलों में नहीं होनी चाहिए इसके अतिरक्त उनकी उपस्थिति पुरुष सहकर्मियों का ध्यान कार्य से हटाती है |
एजेंट सोफी के विषय में यह बात सही भी थी | ३२ वर्ष की इस कुँवारी क्रिप्टोग्राफी के सुनहरे घुंघराले बाल जो काँधे पर उसकी चाल के साथ कदमताल करते थे, विभाग के अन्य अधेडावस्था के धनी सहकर्मियों को पर्याप्त रूप से बहकाते थे |
कैप्टन की तन्द्रा वाकी टाकी पर पुनः लेफ्टिनेंट की आवाज़ सुन कर टूटा " सर मैं एजेंट सोफी को रोकने का बहुत प्रयास किया किन्तु वो नहीं मानी और आपसे बात करने के लिए आपकी तरफ आ रही हैं "
" कतई नहीं ! ये लड़की अपने बारे में क्या सोचती है " कैप्टन अब हत्थे से उखड चुके थे |
रोबर्ट को लगा जैसे कैप्टन को मिर्गी का दौरा पड़ा हो | तभी कैप्टन की सख्त शकल थोड़ी सी नरम हुई और नज़रें रोबर्ट के काँधे के पीछे जा लगीं | रोबर्ट ने पीछे मुड कर देखा तो एक सामान्य से अधिक सुन्दर लड़की मुस्कान के साथ खड़ी थी
" इस तरह आपको डिस्टर्ब करने के लिए माफ़ी चाहूंगी सर ! " एजेंट सोफी ने अपना परिचय देते हुए कहा |
रोबर्ट को इस रात में अब तक सबसे अच्छी चीज़ यही दिखी | बूढ़े कैप्टन, अँधेरी गैलरी और निर्जीव पेंटिंग्स के बीच इस सुन्दर लड़की का आना उन्हें अच्छा लगा | 
Chapter-12

रोबर्ट को चौंकाते हुए उस लड़की ने आगे बढ़ कर अपना हाथ आगे बढाते हुए कहा " मिस्टर रोबर्ट ! मैं एजेंट सोफी नेवू, फ्रेंच क्रिप्टोग्राफी विभाग से हूँ | आपसे मिल कर खुशी हुई | " रोबर्ट ने उसका नाज़ुक हाथ थाम का मुस्कुराते हुए सिर हिलाया |
तुरंत ही सोफी ने कैप्टन को संबोधित करते हुए कहा " सॉरी सर, मैंने आपको फोन करने का प्रयास किया किन्तु वह बंद था "
" मैंने उसे जानबूझ कर बंद रखा था, मैं मिस्टर रोबर्ट से बात कर रहा था | " कैप्टन ने अपना गुस्सा पीते हुए कहा |
" मगर मेरा आपसे बात करना जरुरी था | मैंने वह अंक पहेली सुलझा ली है | " सोफी ने जैसे गैलरी में बम फोड दिया |
रोबर्ट और कैप्टन अब तक की बातचीत भुला कर सोफी की तरफ मुखातिब हो गए | रोबर्ट तो जैसे उत्तेजना में भूले जा रहे थे कि इस हालत में कैसे क्या कहा जाए |
" किन्तु उसका हल बताने से पहले मैं मिस्टर रोबर्ट को एक जानकारी देना चाहूंगी, अमेरिकन दूतावास का फोन आया था और उन्होंने मिस्टर रोबर्ट से तुरंत संपर्क करने के लिए कहा है | अमेरिका से रोबर्ट के लिए कोई जरुरी सन्देश है " सोफी ने दूसरा बम विस्फोट कर दिया |
रोबर्ट अभी तक कोड खुलने की खुशी में थे किन्तु तुरंत ही चिंतित हो उठे, उनके मात्र कुछ करीबी साथियों को ही उनके पेरिस में होने की जानकारी थी | कौन संपर्क कर सकता है और क्यूँ | उधर कैप्टन गुस्से में लाल हो रहे थे | " इसका अर्थ हुआ कि अमरीकी जानते हैं कि रोबर्ट यहाँ पर हैं ! लेकिन कैसे ?! " कैप्टन को समझ नहीं आ रहा था |
सोफी ने अनुमान लगते हुए कहा " हो सकता है उन्होंने होटल फोन किया हो और वहाँ से उन्हें सूचना दी गयी हो कि रोबर्ट को आपके एजेंट ले गए हैं | "
कैप्टन ने सोफी की बात काटते हुए कहा " और उन्होंने क्रिप्टोग्राफी विभाग को फोन किया ? "
" नहीं सर ! मैंने आप लोगों को संपर्क करनेके लिए स्विच रूम में फोन लगाया था और वहाँ रोबर्ट के लिए सन्देश इन्तेज़ार कर रहा था और उन्होंने मुझे यह सन्देश रोबर्ट को पास करने का अनुरोध किया | " सोफी ने कैप्टन के शक को दूर करते हुए कहा |
कैप्टन कुछ कहने ही वाले थे कि तभी सोफी ने रोबर्ट को एक पर्ची देते हुए कहा " मिस्टर रोबर्ट ! ये आपके लिए दूतावास की मेसेजिंग सर्विस का नंबर है, उन्होंने आपसे जल्द से जल्द फोन करने को कहा है | जब तक मैं कैप्टन को कोड समझती हूँ आप फोन कर लें | "
रोबर्ट ने पर्ची को देखा, उसमें पेरिस का नंबर था, कुछ एक्सटेंशन के साथ | " अब मैं फोन कहाँ ढूँढू ? " रोबर्ट ने परेशान होते हुए कहा | सोफी अपना फोन निकालने को थी कि कैप्टन ने उसे रुकने का इशारा किया | कैप्टन का चेहरा बस फटने को तैयार ज्वालामुखी सा हो रहा था |
" आप मेरा फोन प्रयोग कीजिये, यह सुरक्षित है | " कैप्टन ने कहते हुए अपना फोन रोबर्ट कि तरफ बढ़ाया | रोबर्ट को सोफी पैर लाल पीले हो रहे कैप्टन के गुस्से का कारण नहीं समझ आया किन्तु उन्होंने फोन ले लिया और खुद को उन दोनों से थोडा दूर करके फोन लगाने लगे | मर्दों को खूबसूरत लड़की से सहानुभूति हो ही जाती है | पार्श्व में रोबर्ट महसूस कर रहे थे कि कैप्टन सोफी से गुस्से में कुछ कह रहे थे किन्तु इस समय उनका ध्यान सन्देश पर था | वो फोन लगा रहे थे | तीन घंटियों के बाद फोन उठा |
रोबर्ट की आशा के विपरीत किसी आन्सरिंग मशीन ने उन्हें उत्तर दिया | रोबर्ट ने पलट कर सोफी को पुकारा " मिस सोफी ! मेरे विचार से आपने गलत नंबर दि... "
" नंबर सही है, आपको अपने सन्देश का गुप्त कोड देना होगा बस | वो तीन अंकों का कोड पर्ची पर नीचे लिखा है | " सोफी ने इतनी तत्परता से उत्तर दिया जैसे उसे पता था कि रोबर्ट यही प्रश्न करेंगे |
रोबर्ट ने पर्ची पर नीचे देख | 454 | कोड था किन्तु , रोबर्ट ने पुनः सोफी कि तरफ असमंजस में देखा किन्तु सोफी ने अपनी हरी आँखों से हल्का सा इशारा किया जैसे कह रही हो कि सवाल नहीं करो बस जैसा मैं कह रही हूँ वैसा करो | एक सुन्दर युवती का गुप्त अनुरोध पुरुष से जो भी करा ले वो कम ही है |
रोबर्ट ने चुपचाप फोन पर जैसे ही 454 नंबर दबाया वैसे ही चल रही काल डिस्कनेक्ट हो गयी और एक आटोमेटिक मेसेजिंग सर्विस शुरू हो गयी | दरअसल यह 454 और कुछ नहीं सोफी के वोइसमेल बॉक्स का नंबर था जिससे वह फोन बंद होने पर छूटे सन्देश ले सके | रोबर्ट चकरा गए , इस लड़की ने मुझे अपना ही मेसेज सुनने के लिए कहा |
रोबर्ट को फोन पर टेप रिवाइंड होने कि आवाजे सुनाई दीं और फिर सन्देश प्ले होना शुरू हुआ | रोबर्ट पहचान सकते थे कि यह आवाज़ खुद सोफी की ही थी जो कि धीरे से बोल रही थी | रोबर्ट ने सन्देश में सुना कि " इस सन्देश की कोई प्रतिक्रिया आपके चेहरे पर नहीं आनी चाहिए, इस सन्देश को शांति से सुनिए | आप इस समय बहुत बड़े खतरे में हैं | अब कैप्टन से और कोई बात नहीं करियेगा और ठीक वैसा ही करिये जैसा मैं आपको बताती हूँ | "

टीचर ने सारी व्यवस्था कर ही दी थी और सिलास चर्च की तरफ बढ़ा चला जा रहा था | इन धर्म विरोधियों ने अपना कीस्टोन छुपाने के लिए ईश्वर का ही घर चुना | सिलास ऐसे विचारों में डूबा ही था कि सामने उसे चर्च दिखाई दिया |
उसने गाडी को सुनसान पार्किंग में पार्क किया और सोचा कि इस कीस्टोन के मिलने के बाद ओपस देई कितनी ताकतवर संस्था हो जायेगी और उसके मालिक बिशप एरिन्गोरिसा भी कितने शक्तिशाली हो जायेंगे |
Chapter - 13

बीस हज़ार फीट कि ऊंचाई में रोम की तरफ जा रही फ़्लैट बादलों के भंवर में फंस कर थोडा झटके खाती है लेकिन बिशप एरिन्गोरिसा अपने विचारों में डूबे हुए थे | वे स्वयं सिलास को फोन करना चाहते थे किन्तु टीचर ने उन्हें ऐसा करने से मना किया हुआ था | टीचर के अनुसार संपर्क के इन साधनों को आसानी से ट्रेस किया जा सकता है अतः अब से काम पूरा होने तक आप आपस में सीधा संपर्क नहीं करेंगे | मैं ही आप दोनों को एक दूसरे की बातों से अवगत कराऊंगा | टीचर सुरक्षा को लेकर बहुत अधिक सावधान रहता है, ये बात बिशप को अच्छे से पता है | उसने यहाँ तक कि अपनी पहचान भी बिशप को नहीं बताई किन्तु फिर भी उसकी बात मानना फायदेमंद था, आखिर उसी ने तो सिलास को उन चारों व्यक्तियों का नाम दिया जिनके पास कीस्टोन का पता था, एक ऐसा राज़ जिसे लोग कभी नहीं जान पाते |
" मैं आपको कीस्टोन में छुपे राज़ को लाकर दूँगा किन्तु आपको सिलास को कहना होगा कि वह कुछ दिनों तक आपसे सीधे संपर्क नहीं करेगा " टीचर ने बिशप से कहा था |
" किन्तु तुम्हे सिलास से इज्ज़त से पेश आना होगा, वह मेरा प्रिय शिष्य है " बिशप ने भी मांग की थी |
" क्यूँ नहीं क्यूँ नहीं ! यह सारा प्रबंध आपकी और सिलास की पहचान छुपाने और मेरे इनाम को बचाने के लिए है | " टीचर ने हँसते हुए कहा था |
" आपका इनाम ? " बिशप ने प्रश्न पूँछा |
" हाँ यदि आप बात खुलने पर जेल चले गए तो मेरे बीस मिलियन यूरो कौन देगा ? " टीचर ने हँसते हुए कहा था |
प्लेन की खिड़की से झांकते हुए बिशप ने सोचा इतने बड़े राज़ के लिए ये कीमत कुछ भी नहीं | बिशप के मन में विश्वास जागा कि टीचर और सिलास असफल नहीं होंगे | 
Chapter-14

" बस एक मजाक ? " कैप्टन अभी भी सोफी पर गुस्सा हो रहे थे | " तुम्हे लगता है कि ये अंक पहेली सिर्फ एक गणितीय मजाक है | यही विश्लेषण किया है ? "
कैप्टन इस लड़की की हिम्मत से परेशान चले थे | पहले इसने कैप्टन की व्यवस्थ को तोड़ते हुए एंट्री ली और अब सिद्ध करने में लगी थी कि अपने अंतिम सन्देश में क्यूरेटर ने जो अंक पहेली लिखी वह मात्र एक मजाक था |
" यह कोड मात्र एक गणितीय मजाक है, क्यूरेटर को पता था कि हम इस कोड पर अवश्य ध्यान देंगे " यह कहते हुए सोफी ने एक और पर्ची अपनी जेब से निकालकर कैप्टन कि तरफ बढाई " ये देखिये "
कैप्टन ने पर्ची को देखा

1-1-2-3-5-8-13-21
" यही है तुम्हारा विश्लेषण, उन सारी संख्याओं को बढते हुए क्रम में सजा दिया | " कैप्टन ने गुस्से में कहा |
" जी एकदम यही हल है " सोफी ने शांति से कहा |
कैप्टन का गुस्से से बुरा हाल था " मिस सोफी, मुझे नहीं पता कि आप क्या कहना चाह रही हैं किन्तु आपको जो भी कहना है जल्दी कहें | "
" सर, ये बढ़ता हुआ क्रम, गणित कि कुछ सबसे प्राचीन और प्रसिद्द पहेलियों में से है " सोफी ने संयत स्वर में उत्तर दिया | " यह क्रम तेरहवीं शताब्दी में गणितज्ञ Leonardo Fibonacci ने बनाया था | इसमें हर संख्या अपने पहले कि दो संख्याओं का योग होती है | "
कैप्टन ने ध्यान दिया तो सोफी की बात में दम लगा | 1= 1+0, 2= 1+1, 3= 2+1, 5=2+3, 8= 3+5, 13= 5+8, 21= 8+13
" लेकिन इसका क्यूरेटर कि मृत्यु से क्या सम्बन्ध ? इसे लिख कर क्यूरेटर क्या कहना चाह रहे थे ? " कैप्टन ने सोफी से पूँछा |
" कोई सम्बन्ध नहीं है | यह तो ऐसा है जैसे किसी प्रसिद्द गाने के शब्दों को उल्टा पुल्टा करके लिख दिया जाये " सोफी ने उत्तर दिया |
कैप्टन सोफी कि तरफ कुछ कदम और बाधा और मात्र कुछ इंच दूर रह कर कहा " मैं उम्मीद करता हूँ कि तुम्हारे पास इसका और कोई उत्तर भी होगा जिसका कोई मतलब निकल सके | "
सोफी जो कि अभी तक काफी सौम्य थी अचानक चेहरे पर गुस्सा लाते हुए तल्ख़ स्वर में बोली " कैप्टन आज कि रात जो भी हुआ उसको देखते हुए मुझे आशा थी कि आप इस अंक पहेली को जानने के इच्छुक होंगे किन्तु मुझे लगता है कि मुझे जाकर अपने बॉस को इन्फोर्म कर देना चाहिए कि आपको अब हमारे विभाग की सेवाओं कि कोई आवश्यकता नहीं है | "
सोफी पलटी और वापस चली गयी | कैप्टन हारे हुए जुआंरी कि तरह उसे आश्चर्य से देख कर सोच रहे थे कि क्या ये लड़की पागल हो गयी है |
कैप्टन ने रोबर्ट की तरफ देखा जो अभी अभी फोन से फुर्सत हुए थे | " क्या बात हुई ? क्या सब कुछ ठीक है ना ? " कैप्टन ने पूछा
" नहीं ! एक्सीडेंट हुआ ! मेरे एक करीबी मित्र का | मुझे कल ही वापस अमेरिका जाना होगा | " रोबर्ट ने भय और दुःख में कहा |
कैप्टन देख सकते थे कि रोबर्ट झूठ नहीं कह रहे, उनके चेहरे पर सच में डर दिख रहा था |
कैप्टन ने सहानुभूति दिखाते हुए कहा " आप बैठ लीजिए कुछ देर को | और सामने कि कुर्सी की तरफ इशारा किया |
रोबर्ट ने कुछ कदम बढाए और फिर कैप्टन से कहा " मैं वाशरूम प्रयोग करना चाहूँगा | "
" हाँ हाँ, क्यों नहीं | इस चर्चा से थोड़ी देर का विश्राम भी मिल जायेगा | वाशरूम क्यूरेटर के ऑफिस के पीछे की तरफ हैं " कैप्टन ने हाथ से रस्ता दिखाते हुए कहा " क्या मैं भी आपके साथ चलूँ ? "
" नहीं, नहीं मैं कुछ देर अकेला रहना चाहता हूँ | " रोबर्ट ने वाशरूम कि तरफ जाते हुए कहा |
कैप्टन को रोबर्ट के अकेलेपन से कोई ऐतराज़ नहीं था | इस गैलरी में से बाहर जाने का कोई और रस्ता नहीं है | इसलिए रोबर्ट के भागने कि कोई आशंका नहीं थी |
" मैं ज़रा क्यूरेटर के ऑफिस में हूँ, आप सीधे वहीँ आ जाइयेगा " कैप्टन ने जाते हुए रोबर्ट से कहा | रोबर्ट ने मात्र एक अधूरी मुस्कान दी और वाशरूम की तरफ अँधेरे में गायब हो गए |
कैप्टन गुस्से में क्यूरेटर के ऑफिस कि तरफ बढ़ चले |
Chapter-15

क्यूरेटर के ऑफिस में प्रवेश करते ही कैप्टन गुर्राए " किसने सोफी को अंदर आने दिया ? "
" उसने गार्ड्स को कहा कि उसने कोड तोड़ दिया है " लेफ्टिनेंट कोलेट ने उत्तर दिया |
" वो गयी ? "
" क्या वो आपके साथ नहीं है " कोलेट ने आश्चर्य से पूँछा |
" नहीं, वह चली गयी " कैप्टन ने धीरे से कहा | कैप्टन को एक पल को ख्याल आया कि वह गार्ड्स से कहे कि सोफी को म्यूज़ियम से बाहर ना जाने दें और उसे उसके सामने पेश करें किन्तु फिर उसने सोफी से ध्यान हटाते हुए पुनः क्यूरेटर की तरफ लगाया |
क्यूरेटर के ऑफिस के कोने में रखे सैनिक के पुतले कि तरफ देखते हुए कैप्टन ने कहा " अभी कहाँ है वो ? "
लेफ्टिनेंट ने लैपटॉप को कैप्टन कि तरफ घुमाया | एक लाल बिंदु स्क्रीन पर जगमगा रहा था जिसके पास का एरिया पब्लिक वाशरूम नाम से इंगित था |
" मुझे एक फोन करना है | देखना की रोबर्ट वाशरूम के अतिरिक्त कहीं और ना जाये | " कैप्टन ने बाहर जाते हुए कोलेट को निर्देश दिया | 
Chapter-16

वाशरूम जाते हुए रोबर्ट के दिमाग में सोफी का रिकोर्डेड सन्देश गूँज रहा था | कैप्टन से दूर होकर उन्हें हल्का सा महसूस हो रहा था | वाशरूम में पहुँच कर रोबर्ट चेहरा धो ही रहे थे कि उन्हें पीछे दरवाज़ा खुलने कि आवाज़ आई |
रोबर्ट ने पीछे पलट कर देखा तो हरी आँखे उनके चेहरे पर थमीं हुई थीं | यह सोफी ही थी | " भगवान का शुक्र है कि आप आ गए | हमारे पास अधिक समय नहीं है | " सोफी ने जल्दी जल्दी कहा |
रोबर्ट एकदम से भ्रमित हो रहे थे, उन्हें दो पल पहले का सुना हुआ सोफी का सन्देश याद आ रहा था जिसमें वह कह रही थी " आप की जान खतरे में है | जैसा मैं कह रही हूँ वैसा ही करिये | "
" मिस्टर रोबर्ट, मैं आपको चेतावनी देना चाहती थी कि आप इस समय खतरे में हैं " सोफी ने कहा |
रोबर्ट आश्चर्यचकित होते हुए बोले " मगर क्यूँ ? "
" क्यूंकि कैप्टन कि नज़र में इस हत्या के मुख्य संदिग्ध आप ही हैं और आपको अगले कुछ ही मिनटों में गिरफ्तार कर लिया जायेगा | " सोफी ने जल्दी से अपनी बात पूरी की |
" क्या ? ऐसा कैसे हो सकता है, मैंने क्या किया है ? " रोबर्ट डर गए | " वो आपको किसी विशेषज्ञ के नाते यहाँ नहीं लाएं हैं बल्कि यह आपके विरुद्ध प्रमाण जुटाने का प्रयास है | " सोफी ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा |
" म म म मगर ऐसा नहीं हो सकता | " रोबर्ट को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था |
" ठीक है, अपने कोट कि बायीं जेब में देखिये, आपको विश्वास हो जायेगा | " सोफी अभी भी अपनी बात पर अटल थी |
लडकियां हमेशा अटल ही रहती हैं |
" मेरी जेब में ? " रोबर्ट कुछ समझ नहीं पा रहे थे, वो अपनी इस जेब में कभी कुछ नहीं रखते थे | फिर भी मरते क्या ना करते हाथ दाल कर टटोलना शुरू किया और आशा के अनुरूप वहाँ कुछ नहीं मिला. . . एक मिनट ये कठोर सा क्या महसूस हुआ उँगलियों को ? रोबर्ट ने उसे बाहर निकाला, एक बटन जैसा छोटा सा धातु का टुकड़ा | रोबर्ट के मुंह में शब्द आश्चर्य से घुल गए " ये क्या . . . "
" जीपीएस ट्रेकिंग डॉट " सोफी ने उत्तर दिया " वो इससे आपकी स्थिति को दुनिया के किसी भी कोने में दस फीट कि सटीकता से जान सकते हैं | " " मैंने सन्देश में इसके बारे में नहीं बताया था अन्यथा आप अपनी जेब को जरुर चेक करते और कैप्टन समझ जाते कि आप उनकी मंशा जान गए हैं |
" उन्होंने इस डॉट के जरिये आपको टैग किया क्यूंकि उन्हें डर है कि कहीं आप भाग ना जाये, असल में वे चाहते ही हैं कि आप भागें | " सोफी ने अपनी बात ज़ारी रखी |
" मगर मैं क्यूँ भागूं ? " रोबर्ट कुछ समझ नहीं पा रहे थे | रोबर्ट ने उस डॉट को अपनी जेब से निकाला और उसे सिंक में डालने को बढे |
" नहीं !!! " सोफी ने रोबर्ट का हाथ पकड़ते हुए कहा " उसे अपने पास ही रहने दीजिए "

" अगर यह डॉट एक स्थान पर ठहर जाएगा तो उन्हें पता लग जायेगा कि आपने इसे ढूंढ लिया है और फिर वह आपको तुरंत गिरफ्तार कर लेंगे | कैप्टन ने मात्र इसीलिए आपको अकेले रहने दिया है क्यूंकि उन्हें लगता है कि आप उनकी नज़र के दायरे में हैं | " सोफी ने तर्क दिया |
रोबर्ट के पास मानने के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं था |
" लेकिन कैप्टन मुझे बिना किसी आधार के कैसे दोषी ठहरा सकते हैं ? " रोबर्ट ने अपनी खीज ज़ाहिर की |
" उसके पार कुछ ठोस कारण हैं, उसने प्रमाणों का एक हिस्सा आपने बड़ी होशियारी से छिपा लिया है | " सोफी ने बताना शुरू किया | " आपको क्यूरेटर की लाश के पास अदृश्य स्याही का सन्देश याद है ना ? "
" वही तीन लाइन वाला सन्देश " रोबर्ट ने उत्तर दिया |
" हाँ, दुर्भाग्य से उसमें एक चौथी लाइन भी है | " सोफी ने कहते हुए अपने कोट कि जेब से एक प्रिंटआउट निकाला " कैप्टन ने पुरे मेसेज कि फोटो मेरे विभाग को भेजने के बाद उस चौथी पंक्ति को मिटा दिया था " यह कहते हुए सोफी ने फोटो रोबर्ट को थमाया |
फोटो देखते ही रोबर्ट की आवाज़ उनके हलक में फंस कर रह गयी | चौथी लाइन के साथ सन्देश था


13-3-2-21-1-1-8-5
O, Draconian devil!
Oh, lame saint!
P.S. Find Robert Langdon

रोबर्ट जाने कितनी देर तक उस नोट को देखते रह गए | क्यूरेटर ने मेरा नाम लिखा, यह बात वह सपने में भी नहीं सोच सकते थे |
" अब आप समझे कि क्यूँ कैप्टन आपके पीछे पड़ा है और क्यूँ आज आपको यहाँ बुलाया गया है | " सोफी ने कहा |
रोबर्ट को अब समझ में आया कि क्यूँ उनकी उस बात पर कैप्टन मुस्कुरा दिए थे जब उन्होंने झुंझला कर कहा था कि क्यूरेटर पहेली लिखने के नाम पर सीधे हत्यारे का नाम क्यूँ नहीं लिख देंगे |
" लेकिन मैं क्यूँ क्यूरेटर को मारना चाहूँगा ? " रोबर्ट की बुद्धि काम नहीं कर रही थी |
" यही तो कैप्टन जानना चाहता है " सोफी ने अपना अनुमान व्यक्त किया |
" मगर मेरे पास प्रमाण है कि मैं अपने लेक्चर के बाद सीधे अपने होटल गया, फिर मैं हत्या कैसे कर सकता हूँ " रोबर्ट खुद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे |
" कैप्टन ने पहले ही वह सब पता लगाया है, आपने अपने होटल में साढे दस बजे चाभियां ली हीं और हत्या का समय ग्यारह के आसपास का है | इतनी देर में कोई भी होटल से यहाँ आ कर हत्या कर सकता है | " सोफी ने जानकारी दी |
" लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है ? " रोबर्ट ने जिरह की |
" प्रमाण ? हत्या के समय आपका सबकी आँखों से दूर होना, हत्या के ही समय मृतक की डायरी के अनुसार आपका उनसे मिलना तय होना, मृतक द्वारा खुद आपका नाम लिखा होना | क्या ये प्रमाण काफी नहीं हैं ? मिस्टर रोबर्ट ये अमेरिका नहीं फ़्रांस है, यहाँ कानून मुजरिम नहीं पुलिस की मदद करता है " सोफी ने गुस्से में कहा |
" आप दोषी हैं या नहीं वह बाद की बात है किन्तु कम से कम आपको पूंछताछ के लिए अवस्य गिरफ्तार किया जा सकता है "
" किन्तु आप यह सब मुझे क्यूँ बता रही हैं ? " रोबर्ट के दिमाग ने अब सोचना शुरू कर दिया था |
" क्यूंकि मुझे विश्वास है कि आप निर्दोष हैं और यह कही ना कही मेरा दोष है कि आप मुसीबत में आये " सोफी ने पुनः रोबर्ट को हैरानी में डाल दिया |
" अ अ अ आपकी गलती मगर कैसे ? " रोबर्ट ने हैरान होते हुए कहा |
" क्यूरेटर आप पर कोई आरोप नहीं लगाना चाह रहे थे | " सोफी ने कहा |
" मैं समझा नहीं | " रोबर्ट असमंजस में थे |
" वह सन्देश पुलिस के लिए नहीं मेरे लिए था, क्यूरेटर इतनी जल्दी में थे कि वो इस बात पर ध्यान नहीं दे सके कि पुलिस इस सबको अलग नज़रिए से देखेगी | वो अंक पहेली क्यूरेटर ने मात्र इसलिए लिखी थी ताकि पुलिस इस मामले में क्रिप्टोग्राफी विभाग को भी शामिल करे और मुझे इस सबकी जानकारी मिले | उन्होंने इसीलिए स्वयं को Vitruvian Man के पोज़ में लिटाया ताकिक्युन्की वह मेरी प्रिय पेंटिंग है| " सोफी लगातार रोबर्ट को हैरान कर रही थी |
" एक मिनट ! आपके कहने का मतलब क्यूरेटर आपको इतनी अच्छी तरह से जानते थे ? " रोबर्ट ने पूछा |
" असल में क्यूरेटर मेरे दादा जी थे | " सोफी ने कहा |
" क्या ? " रोबर्ट की आँखें आश्चर्य से खुली रह गयीं " क्या आप उनकी ... , मगर वो P.S. किसके लिए है फिर "
" मेरे लिए, वो मुझे बचपन में प्यार से Princess Sophie ( प्रिंसेस सोफी ) कहते थे " यह कहते कहते सोफी की हरी आँखों के कोने आंसुओं से भीग गए |
Chapter-17

उधर क्यूरेटर के ऑफिस में ...
कैप्टन " लेफ्टिनेंट रोबर्ट कहाँ है ? "
" अभी भी वाशरूम में " कहते हुए लेफ्टिनेंट ने लैपटॉप कि स्क्रीन पर जगमगाते हुए लाल डॉट की तरफ इशारा किया |
" काफी समय ले रहा है, दस मिनट तो हो गए हैं " कैप्टन के माथे पर संदेह की लकीरें आ गयीं |
" सर डॉट थोडा बहुत हिल रहा है इसका अर्थ रोबर्ट के पास है, शायद मित्र के एक्सीडेंट की खबर से सदमे में है " लेफ्टिनेंट ने अपनी राय दी " अगर उसे डॉट का पता होता तो उसने डॉट फेंक दिया होता और वह हिल ना रहा होता | वह यहाँ से नहीं भाग सकता | "
" ठीक है " कैप्टन ने ठंडी सांस छोड़ते हुए कहा |
लेफ्टिनेंट ने आज कैप्टन को तनाव में पाया है जो कि इस प्रकार कि परिस्थिति में उसके लिए असाधारण है | कैप्टन सामान्यतया हर परिस्थिति में काफी शांत और मज़बूत दीखते हैं किन्तु आज वह उलझन में दिख रहे हैं | इसका कारण भी है, मीडिया लगातार उनके द्वारा हाईप्रोफाइल लोगों से विवादों को भडकाता रहा है | कैप्टन पर विभाग के खर्चों को बेकार में बढाने का आरोप भी लगता रहा है जो कि उनके टेक्नोलोजी प्रेम को देखते हुए गलत भी नहीं है उस पर कैप्टन खुद भी एक आलीशान जीवन जीने के आदी हैं | उनका रुमाल भी अरमानी के सबसे मंहगे और लेटेस्ट कलेक्शन का होता है | क्यूरेटर फ़्रांस की प्रसिद्द हस्तियों में से हैं और उनके हत्यारे को पकड़ने, जल्द से जल्द पकड़ने, का दबाव है | आरोपी भी एक प्रसिद्द अमरीकी है इसलिए कैप्टन के लिए यह रात एक दुधारी तलवार है | यदि सब सही रहता है और वह यह गिरफ्तारी करने में सफल रहते हैं तो उन्हें ऊँचे ओहदे से रिटायर होने को मिलेगा और तगड़ी पेंसन और .... ! लेफ्टिनेंट के इन विचारों को अचानक बज फोन की घंटी ने तोडा |
फोन सुन कर लेफ्टिनेंट भ्रम में पड़कर कैप्टन को देखते हुए बोले " सर ! क्रिप्टोलोजी डिपार्टमेंट के डाइरेक्टर आपसे बात करना चाहते हैं और .. "
" और क्या ? " कैप्टन इस रात में कोई और उलझन नहीं चाहते थे |
" और यह एजेंट सोफी के बारे में है | कुछ बड़ी गडबड हो रही है | आप ही बात करिये " कहते हुए लेफ्टिनेंट ने कैप्टन को फोन का रिसीवर थमाया |

वाशरूम में :

रोबर्ट अभी भी सारे घटनाक्रम पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे और सोफी चिंतित थी कि कैप्टन को यह समझने में अधिक समय नहीं लगेगा कि अभी उसने म्यूजियम बिल्डिंग नहीं छोड़ी है |
सोफी को दस साल पहले मार्च की वह रात याद आ रही थी जब एक ही झटके में उसके व उसके दादा जी के बीच के सारे रिश्ते खत्म हो गए | अपनी बचत के पैसे लेकर मैंने दादा जी का घर छोड़ दिया | मैं खुद कितना हैरान थी | ऐसा कैसे कर सकते थे दादा जी | फिर उसके आद उन्होंने जाने कितनी बार मिलने की कोशिश की, गिफ्ट भिजवाए लेकिन एक भी बार मैं नहीं मिली उनसे | इन दस सालों में दादाजी ने प्रयास करना नहीं छोड़ा किन्तु मेरी की इच्छा का सम्मान करते हुए उससे जबरदस्ती बात करने की कोशिश भी नहीं की, किन्तु आज दोपहर में उनका फोन आया | वो काफी घबराए हुए लग रहे थे | उनके अंतिम शब्द याद हैं मुझे अभी तक " सोफी, मुझे तुम्हे कुछ ज़रुरी बात बतानी है | तुम्हारी और मेरी जान को खतरा है, मैं तुम्हे तुम्हारे परिवार के बारे में बताना चाहता हूँ | मुझे पता है कि मैंने तुमसे कुछ चीज़ों को छिपाया और उनकी बहुत सज़ा भी मैंने पायी है | पिछले दस सालों में मैं तुम्हारा चेहरा भी नहीं देख पाया, मेरी बच्ची ! वह सब तुम्हारी सुरक्षा के लिए था पर अब वक्त आ गया है कि मैं तुम्हे कुछ बताऊँ | मुझसे म्यूजियम में आ कर मिलो |
मगर इससे पहले वह कुछ सोचती, ऑफिस पहुँचते ही उसे क्यूरेटर की लाश की भयानक फोटो दिखाई दी | सोफी अभी भी विचारों में डूब-उतरा रही थी |
यह सब पहेली से अधिक क्या था ! कोई मेरे दादाजी जैसे व्यक्ति की हत्या क्यूँ करना चाहेगा और वह क्या है मेरे परिवार के बारे में जो मुझे बताना चाहते थे | मेरा परिवार, मेरे माता पिता, मेरा बड़ा भाई, मेरी दादी माँ, सभी तो एक कर एक्सीडेंट में मर गए थे ! तब मैं मात्र चार साल की थी |
ना जाने कितने रविवार मैंने अपने दादाजी के साथ क्रोसवर्ड पज़ल खेलते हुए, उनकी बने पहेलियाँ सुलझाते हुए बिताई और ....
सोफी को रोबर्ट के चलने की आवाजों ने पुनः विचारों से बाहर खींचा | सोफी हैरान थी कि दादा जी क्यों उसे एक अनजान अजनबी अमरीकी को ढूँढने को कहा ?! और वह जितना इन सबसे परेशान थी उतना ही रोबर्ट खुद लग रहे थे |
सोफी ने रोबर्ट से दुबारा पूछा " आज की रात आप मेरे दादाजी से मिलने वाले थे ! किस बारे में ?! "
"पता नहीं ! उनकी सेक्रेटरी ने यह मीटिंग तय कराइ थी और उन्होंने कोई कारण भी नहीं बताया था, मैं भी आपके दादाजी से मिल पाने के ख्याल मात्र से इतना रोमांचित हो उठा था कि कारन पूछने का विचार ही नहीं आया, मुझे लगा उनसे मिलना ही सौभाग्य की बात होगी | मैं यहाँ पैगन पूजा और प्रकृति पूजा के बारे में लेक्चर देने वाला था, हो सकता है उस बारे में ही कुछ चर्चा करनी हो " रोबर्ट ने बताया |
सोफी को यह विचार नहीं जंचा | क्यूरेटर प्रकृति पूजा के बारे में दुनिया में किसी और से ज्यादा जानते थे, फिर वह बहुत कम ही किसी से स्वयं मिलने का प्रोग्राम बनाते थे और वह भी उनके म्यूजियम में | कुछ तो खास था इस मीटिंग में" | " मेरे दादाजी ने आज दोपहर मुझे फोन करके कहा कि उनकी और मेरी जान को खतरा है | क्या आप कोई अनुमान लगा सकते हैं ?" सोफी ने पूछा |
"नहीं" रोबर्ट ने संक्षिप्त उत्तर दिया |
सोफी वाशरूम के दाहिनी ओर की खिडकी की तरफ बढ़ी, सामने खड़ा एफिल टॉवर आज उसे ज़रा भी रोमांचित नहीं कर रहा था | खिडकी पर लगे मोटे कांच के पार वह देख सकती थी, आती जाती गाड़ियों की लाईटें, खिडकी के ठीक नीचे खड़े डिलीवरी ट्रक जो ट्रैफिक लाईट के ग्रीन होने का इन्तेजार कर रहे थे | सड़क पर खुश लोग | आज सब कुछ उसके लिए बेमानी था |
तभी सोफी के पीछे से रोबर्ट की आवाज़ आई "मुझे पता नहीं क्या कहना चाहिए, मुझे भी विश्वास है कि आपके दादाजी कुछ तो कहना चाहते थे किन्तु मैं भी अधिक सहायता नहीं कर पा रहा हूँ | "
सोफी ने रोबर्ट की तरफ मुड कर देखा, उसकी आँखों में सहायता करने की इच्छा और ना कर पाने की लाचारी साथ दिखाई दी |
बेचारा प्रोफ़ेसर, खुद इतनी बड़ी मुसीबत में खड़ा हुआ है जहाँ विदेश में उस पर एक प्रभावशाली व्यक्ति की हत्या का आरोप लग चूका है फिर भी किसी को सहायता करने को उत्सुक है ! शायद उसके अंदर का शिक्षक उसे ऐसा करने को कह रहा है | बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय | माँ को पहला शिक्षक कहना शायद शिक्षक का सम्मान करने का ही तरीका है 
Chapter-18

सोफी बार-बार क्यूरेटर के शब्दों को मन में दोहरा रही थी " प्रिंसेस सोफी, फाइंड रोबर्ट लैंगडन " इससे अधिक स्पष्ट और क्या कह सकते थे किन्तु सोफी को इसका अर्थ नहीं समझ आ रहा था | अभी की सबसे बड़ी आवश्यकता तो रोबर्ट को यहाँ से निकलना है | सोफी ने कहा " कैप्टन किसी भी समय आपको हिरासत में लेता होगा | मैं आपको यहाँ से बाहर निकाल सकती हूँ किन्तु हमें अभी कुछ करना होगा |"
" आप चाहती हैं कि मैं भागूं ? " रोबेर्ट ने हैरान होते हुए पूंछा |
" इस समय यही समझदारी होगी | अगर कैप्टन ने आपको गिरफ्तार कर लिया तो आपको महीनों जेल में बिताने होंगे क्यूंकि तब तक फ्रेंच और अमरीकी सरकारें झगडा करती रहेंगी कि आपको कि देश की अदालत में प्रस्तुत किया जाये पर अगर हम यहाँ से भाग कर अमरीकी दूतावास तक पहुँच जाएँ तो हमें इस सबपर सोचने का कुछ समय मिल जायेगा |" सोफी ने कहा |
" कतई नहीं |" साफ़ था कि रोबर्ट को यह आईडिया नहीं जंचा | " आप भूल गयीं कि म्यूजियम के हर गेट पर कैप्टन के गार्ड बन्दूक लिए खड़े हैं और अगर मैं बिना गोली खाए दूतावास तक पहुँच भी गया तो भी मैं खुद को दोषी ही सिद्ध करूँगा | " रोबर्ट का तर्क गलत नहीं था |
" दूतावास यहाँ से मात्र १ किलोमीटर दूर है | हम वहाँ आराम से बैठ कर इन सारे कोडों का अर्थ निकाल सकते हैं जिसके बाद आपको निर्दोष सिद्ध किया जा सकता है | कैप्टन ने अभी तक आपको सिर्फ इसीलिए गिरफ्तार नहीं किया क्यूंकि वह चाहता है कि आप घबरा कर कोई गलती करें जिससे उसका केस मजबूत हो जाये | " सोफी रोबर्ट के अभिभावक की भांति कह रही थी |
" और यहाँ से भागकर मैं और बड़ी गलती क्या कर सकता हूँ " रोबर्ट कुछ और भी कहने वाले थे तभी सोफी का मोबाइल फोन बज उठा |
सोफी ने नंबर देखा, यह लेफ्टिनेंट कोलेट का था | सोफी ने रोबर्ट की तरफ घबरा कर देखा और कहा " मिस्टर रोबर्ट, मैं आपसे बस एक बार पूंछुंगी और आपका आने वाला भविष्य इसके उत्तर पर निर्भर करेगा | " " लाश के पास लिखी वो पहेली और उसमें आपका नाम आपको संदेह के घेरे में अवश्य लाता है किन्तु उससे यह सिद्ध नहीं होता कि आप हत्यारे हैं, इसके बावजूद कैप्टन ने अपने लोगों को यही कहा है कि आप ही हत्यारे हैं | क्या ऐसा कुछ नहीं जो मैं नहीं जानती और उसके कारण आप पर संदेह किया जा रहा है ? "
" नहीं, ऐसा कुछ नहीं है " रोबर्ट ने संक्षिप्त उत्तर दिया | सोफी ने चैन की सांस लेते हुए सोचा कि फिर कैप्टन क्यूँ रोबर्ट के पीछे पड़ा हुआ है |

सोफी खिडकी तरफ बढ़ी और कांच को ध्यान से देखा, कांच की परत में अलार्म सेंसर था जो कांच के टूटते ही अलार्म बजा देगा किन्तु सोफी ने अपना निर्णय कर लिया था | रोबर्ट को अमेरिकन दूतावास तक ले जाना ही था चाहे रोबर्ट चाहें या ना चाहें | 
Chapter-19

"ये सोफी फोन क्यूँ नहीं उठा रही है!" कैप्टन ने झुंझलाते हुए कहा | " मुझे पता है कि वो फोन अपने साथ लिए है, फोन ना उठाने का क्या अर्थ हुआ !"
"क्रिप्टोग्राफी विभाग से फोन क्यूँ आया सर !" लेफ्टिनेंट कोलेट ने डरते हुए पूंछा |
"उन्होंने सोफी को नहीं भेजा, उनके अनुसार सोफी हमारे द्वारा भेजे चित्रों से परेशान हो गयी थी |" कैप्टन ने कहा |
"क्यूँ ? उसने पहले कभी लाश नहीं देखी" लेफ्टिनेंट ने मुस्कुराते हुए पूंछा |
" क्यूरेटर सोफी के दादा थे | " कैप्टन ने उत्तर दिया |
कोलेट को सारा घटनाक्रम कुछ समझ में आ रहा था, क्यूरेटर ने जानबूझ कर ऐसी पहेली लिखी ताकि पुलिस इस मामले में क्रिप्टोग्राफी वालों को बुलाये और इस प्रकार इस मामले में उनकी पोती भी आ सके |
तभी एक आवाज़ हुई और एक गार्ड भागता हुआ आया " सर ! अलार्म बज रहा है, पुरुषों के वाशरूम की तरफ "
" रोबर्ट कहाँ है ? " कैप्टन ने लेफ्टिनेंट से पूछा |
" अभी भी वाशरूम में है | उसने शायद खिडकी तोड़ दी " लेफ्टिनेंट कोलेट ने अनुमान लगाया |
" एक मिनट, रोबर्ट खिडकी की तरफ बढ़ रहा है " कोलेट ने स्क्रीन पर लाल डॉट को देखते हुए कहा |
कैप्टन ने अपनी पिस्टल निकाल कर भागना शुरू किया |
कोलेट अभी भी स्क्रीन पर गतिविधि देख कर कैप्टन को जानकारी दे रहा था | अचानक लाल डॉट थोडा सा हिला और फिर शांत हो गया | कोलेट ने ज़ूम करके देखा तो पाया कि इस समय डॉट बिल्डिंग कि सीमा से करीबन पन्द्रह फिट बाहर है |" ये क्या हो रहा है " लेफ्टिनेंट ने सोचा | इसका अर्थ हुआ कि रोबर्ट ने पांच मंजिल की ईमारत से छलांग लगा दी |
कैप्टन वाशरूम की तरफ भगा जा रहा था जब कैप्टन ने वायरलेस पर चिल्लाते हुए कहा " सर, रोबर्ट ने खिडकी से छलांग लगा दी "

" रुकिए सर, वो डॉट हिल रहा है, इसका मतलब रोबर्ट जिंदा है | " लेफ्टिनेंट कोलेट के आश्चर्य की सीमा नहीं थी " सर वो चल के जा रहा है "
कैप्टन कोलेट की इन बातों को वाकी टाकी पर सुन रहे थे किन्तु तेज़ी से वाशरूम की तरफ भागे जा रहे थे |
" सर वो काफी तेज़ी से भाग रहा है अब " कोलेट वापस चिल्लाये | कैप्टन अब तक वाशरूम के अंदर घुस चुके थे | वहाँ कोई नहीं था, खिडकी का कांच ज़मीन पर बिखरा हुआ था | " वो कार में होगा " कहते हुए कैप्टन ने खिडकी से नीचे की और देख कर सोचा कि रोबर्ट इस ऊंचाई से कूद कर अपनी जान जोखिम में डाली |
" सर वो अमेरिकन दूतावास वाली रोड कि तरफ जा रहा है " कोलेट ने दिशा बताई |
कैप्टन ने उस रोड की तरफ देखा ! उस रोड पर मात्र एक बड़ा १८ पहियों वाला ट्रेलर ट्रक जाता दिख रहा था | जिस पर नीले रंग की तिरपाल ढकी हुई थी | कैप्टन मन में हैरानी से भर उठे | उन्होंने तुरंत ही परिस्थिति का अनुमान लगा लिया कि कैसे कुछ मिनट पहले जब यह ट्रक खिडकी के ठीक नीचे के रेड लाईट पर रुका होगा तभी रोबर्ट खिडकी का कांच तोड़कर उसमें कूद गया लेकिन उसके पास यह अंदाजा लगाने का कोई तरीका नहीं था कि इस ट्रक में तिरपाल के नीचे क्या लदा हुआ है | इसमें लोहा या कांच जैसी चीज़ हुई तो ? बिना जाने चालीस फिट ऊपर से कूदना ! कितना बड़ा पागलपन है !
लेफ्टिनेंट कोलेट ने सारे गार्डों को उसी दिशा में गाड़ी के साथ भेजना शुरू कर दिया था | कैप्टन अब जानते थे कि मामला सुलझ गया | रोबर्ट ने भागकर अपना जुर्म एकप्रकार से क़ुबूल कर लिया | उन्होंने वाकी टाकी पर कहा " मेरी कार लाओ! जल्दी से ! मैं उस गिरफ़्तारी के समय वाहन होना चाहता हूँ | अब ये प्रोफ़ेसर उस ट्रक में कितनी दूर भागेगा, अगले पञ्च मिनट में वो हमारे कब्ज़े में होगा | कोलेट तुम स्क्रीन को देखते रहना |" कोलेट जानते थे कि इस हाईप्रोफाइल गिरफ़्तारी के समय कैप्टन हर हाल में वहाँ रहना चाहेगा |
वाशरूम से निकलकर गेट कि तरफ भागते हुए कैप्टन के मन में एक विचार यह भी आ रहा था कि इतनी ऊंचाई से कूद कर क्या रोबर्ट जिंदा भी बचा होगा |
Chapter-20

वाशरूम से मात्र पन्द्रह फिट दूर एक २ फिट संकरे स्थान में जो अँधेरे में डूबा था; रोबर्ट और सोफी साँस रोके सटे हुए खड़े थे | रोबर्ट की सांसें तेज़ी से चल रही थी, जब कैप्टन खुली पिस्टल लिए उनके पास से भाग कर गया | रोबर्ट पिछले २ मिनट के अंदर सोफी के दिमाग के बनाये खेल को याद करते हैं कि कैसे सोफी ने खिडकी के नीचे एक १८ पहियों वाले ट्रक को देखते ही वाशरूम में पड़ी एक लोहे की रोड से खिड़की के कांच को तोड़ दिया | रोबर्ट को एक पल को लगा कि सोफी चाहती है कि वो खिड़की से ट्रक में कूद जाएँ किन्तु सोफी ने उनकी जेब से डॉट निकाला और वाशरूम में रखे एक साबुन में कसकर दबाते हुए अंदर तक गड़ा दिया और फिर सावधानी से उस साबुन को ट्रक पर फेंक दिया | क्यूंकि ट्रक काफी बड़ा था अतः निशाना चूकने के असर बहुत कम थे | जैसे ही साबुन ठीक तरीके से ट्रक में गिरा, सोफी ने चहकते हुए रोबर्ट से कहा था " मुबार हो ! आप म्यूजियम से ट्रक में भाग गये |" फिर दोनों यहाँ आकार छुप गए |
रोबर्ट एजेंटों की गाड़ियों के जाते हुए सायरन सुन पा रहे थे | " यहाँ थोड़ी ही दूर पर एक एमेर्जिंसी निकास है, वहाँ से जा सकते हैं | " सोफी ने कहा |
" क्या वहाँ के भी सारे गार्ड चले गए होंगे | " रोबर्ट ने घबराते हुए पूंछा |
सोफी ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया " हाँ, ट्रक में पड़े साबुन को गिरफ्तार करने के लिए | "
रोबर्ट को भी हंसी आ गयी | सोफी उनकी आशा से ज्यादा स्मार्ट है, शायद खुद उनसे भी ज्यादा |

सिलास चर्च तक पहुँच चुका था |
सिस्टर उसका गेट पर ही इन्तेजार कर रही थीं | सिलास की कद काठी और अजीब सी बनावट देख कर वे चौंक गयीं, सिलास को इस अनुभव की आदत थी | " आप अमेरिकन हैं ? " सिस्टर ने उत्सुकतावश पूंछा |
" मैं जन्म से फ्रेंच हूँ किन्तु मेरी परवरिश स्पेन में हुई और इस समय अमेरिका में हूँ | इतनी रात गए आपको कष्ट देने के लिए क्षमा चाहता हूँ | " सिलास ने नम्रता से उत्तर दिया |
" कोई बात नहीं | निश्चित ही आप काफी प्रभावशाली हैं, मेरे पास आपको अनुमति देने के लिए सीधे बिशप का फोन आया | " सिस्टर ने शांत भाव से कहा |
" सब प्रभु की इच्छा है | " सिलास धीर था |
" आप चर्च में अध्यात्मिक उद्देश्य से आये हैं या पुरातात्विक तौर पर ? " सिस्टर के प्रश्न चल रहे थे |
" मेरा कोई उद्देश्य नहीं है, मैं बस ईश्वर का घर देखने मात्र आया हूँ | यदि आप इसे अशिष्टता ना माने तो मैं आगे चर्च देखने से पहले कुछ देर एकांत में प्रार्थना करना चाहूँगा |
" हाँ क्यूँ नहीं ! मैं आपका चर्च के पीछे इन्तेज़ार करुँगी | " सिस्टर ने झेंपते हुए कहा |
" नहीं नहीं | मैं आपको बहुत तकलीफ दे चुका हूँ | आप जा के सो जाइये, मैं चर्च देखने के बाद खुद चला जाऊँगा | " सिलास ने कहा |
" पक्का ? आपको इतनी रात में अकेला नहीं लगेगा ? " सिस्टर थोडा हैरान थीं |
" प्रार्थना के समय अकेलापन कैसे हो सकता है, मैं ईश्वर के साथ रहूँगा | " सिलास ने कहा |
" ठीक है | जैसी आपकी इच्छा | जाते समय गेट ठीक से बंद कर दीजियेगा | " सिस्टर ने आश्वस्त होते हुए कहा |
सिलास के चेहरे पर खुशी आ गयी " जी मैं याद रखूँगा | शुभ रात्रि | "
गलियारे के अंत में बनी सीढ़ियों से सिस्टर अपने कमरे को चली गयीं और सिलास प्रार्थना का ढोंग रचते हुए घुटनों के बल बैठ गया |
सीढ़ियों से जाते हुए सिस्टर को जाने क्यूँ अजीब सा भय लग रहा था, बार बार उनके मन में विचार आ रहा था कि कहीं ये रात ही तो वह नहीं जिसके लिए उसे यहाँ रखा गया | कहीं ये आगंतुक ही तो उस राज़ के लिए संभावित खतरा तो नहीं | सिस्टर ने वहीँ रह कर सिलास पर नज़र रखने का निश्चय किया | 
Chapter-21

सोफी और रोबर्ट तेज़ी से वाशरूम से गैलरी की तरफ भाग रहे थे | भागते हुए रोबर्ट कैप्टन के बारे में ही सोच रहे थे कि अस्पष्ट सबूतों के बल पर कैप्टन क्यूँ मुझे फंसाने की कोशिश कर रहा है |
" कहीं कैप्टन ने खुद ही तो वह पहेली और उसमें मेरा नाम तो नहीं लिख दिया | " भागते हुए रोबर्ट ने सोफी से कहा |
" असंभव ! वो अंक पहेली, वो पञ्च कोनों वाला सितारा ! यह मेरे दादाजी ही कर सकते थे | " सोफी ने एक पल को रुक कर कहा | सोफी को पता था कि उस साबुन वाली ट्रिक से कैप्टन को अधिक देर के लिए नहीं उलझाया जा सकता, पांच दस मिनट में उसे ट्रक में वह साबुन मिल ही जायेगा और वह फिर से यहीं आएगा इसलिए जल्दी करना ही ठीक था | " वो इमरजेंसी डोर सामने थोड़ी दूर ही है | " सोफी ने कहा |
रोबर्ट रुक कर कुछ सोचते हुए बोले " क्या वो अंक पहेली कुछ और भी तो नहीं बताना चाहती ? "
" नहीं, मैंने बचपन से अंकपहेलियों को सोचते हुए अपनी जाने कितनी रातें बितायीं हैं और इस पहेली में ऐसा कुछ भी नहीं है | मैंने काफी सोचा है " सोफी ने कहा |
रोबर्ट को एक पुराना केस याद आ रहा था जब उन्होंने अंक पहेली के क्रम से छुपे हुए कोड का अर्थ निकला था | " क्या वो अंक पहेली किसी प्रकार से आपको उस पांच कोनों वाले सितारों से जोड़ कर कोई अर्थ नहीं बताती है ? " रोबर्ट अभी भी सोच रहे थे | शायद उनका विद्वान मष्तिष्क शुरूआती झटकों के बाद अब संभल रहा था |
" मैं आपको बता नहीं पाई किन्तु ये पांच कोनों वाला सितारा भी मेरे लिए ही एक संकेत था | जब बचपन में दादा जी और मैं टाइमपास के लिए टैरो कार्ड खेला करते थे तो उसमें पांच कोनों वाले तारे का कार्ड मेरा प्रिय होता था | " सोफी ने एक मंद मुस्कान के साथ बताया |
रोबर्ट एकदम हैरान रह गए | भविष्य बताने की सबसे कठिन विद्या, टैरो कार्ड. इन दादा पोती के लिए बचपन का खेल था |
दोनों अब इमरजेंसी गेट तक पहुँच चुके थे | अलार्म की आवाजें शांत थीं | रोबर्ट ने सोचते हुए कहा " क्या आपके दादाजी ने आपको कभी पेंटागन ( पांच कोनों वाले सितारे ) के प्रकृति पूजा में प्रयोग किये जाने के बारे में बताया था "
" नहीं मैं, उसके गणितीय महत्त्व के प्रति ज्यादा आकर्षित थी, PHI, गोल्डन अनुपात इन सबमें मुझे अधिक रूचि थी |
" आपके दादा ने आपको PHI के महत्त्व के बारे में बचपन में ही बता दिया था ? " रोबर्ट को अब सोफी में रूचि होने लगी थी " यह लड़की बस खूबसूरत भर ही नहीं है ! " रोबर्ट ने मन में खुद से कहा |
आँखे नीली नहीं हरी ही सही मगर गहरी हैं
" हाँ, मेरे दादा तो मुझे मजाक में आधा दैवीय कहा करते थे | " सोफी ने कुछ शर्माते हुए कहा |
रोबर्ट ने सोफी नाम की स्पेलिंग पर ध्यान दिया s o P H I e " इसके तो नाम में ही PHI है " रोबर्ट अब समझ रहे थे कि क्यूँ क्यूरेटर इतने प्रसिद्द थे | उन्होंने अपनी पोती के नाम तक में कलाकारी पिरो रखी थी | निश्चित ही उन संकेतों का कुछ गुढ़ अर्थ है " अब रोबर्ट को मन में यकीन हो चला था |
रोबर्ट ने सर झटक कर फिर से PHI पर ध्यान केंद्रित किया | अंग्रेजी के इन तीन अक्षरों ने रोबर्ट को कुछ वर्ष पहले हॉवर्ड की अपनी क्लास की याद दिला दी |


1.618

बोर्ड पर लिख कर रोबर्ट छात्रों की तरफ मुड़े | इस संख्या का अर्थ जानने को उत्सुक छात्रों से मुस्कुराते हुए उन्होंने पूंछा " कौन मुझे इस संख्या का अर्थ बता सकता है | "
" ये PHI है " सामने से तीसरी बेंच पर बैठे एक गणित के छात्र ने उत्तर दिया, उसने इसका उच्चारण फी किया |
" बहुत अच्छा उत्तर दिया " रोबर्ट खुश हुए |
" कोई इसे पाई ना समझे " उस छात्र ने बाकी सब छात्रों को सुनाते हुए मुस्कुरा कर कहा " गणित में कहते हैं कि ये PHI पाई से एक एच से ज्यादा स्मार्ट है | "
रोबर्ट को इस मजाक पर हंसी आ गयी किन्तु बाकी सारे छात्र इस मजाक को नहीं समझ पाए |
" जैसा कि आपके इक साथी ने कहा ये PHI अर्थात 1.618 है, यह आधुनिक कला में बहुत महत्वपूर्ण संख्या है | क्या मुझे कोई बता सकता है क्यूँ ? " रोबर्ट छात्रों से मुखातिब थे |
" क्यूंकि यह बहुत खूबसूरत है | " उसी छात्र ने फिर से कहा |
बाकी छात्रों को ये अजीब लगा और उन्हें हंसी आ गयी |
" दरअसल आपके साथी ने एकदम सही कहा " रोबर्ट उन सबको रोकते हुए बोले | " इस संख्या को आप विश्व के हर क्षेत्र, हर विषय में पाएंगे और हर जगह यह अतिमहत्वपूर्ण है | प्राचीन गणितज्ञों और विद्वानों ने इस पर अध्ययन किया और वे इसके सार्वभौमिक स्वरुप से इतना चमत्कृत हुए कि उन्होंने इसे दैवीय अनुपात का नाम दिया | "
" एक मिनट सर | मैंने जीव विज्ञान की पढाई की है किन्तु कभी भी इस संख्या को नहीं देखा " एक दुबली सी लड़की ने कहा |
" नहीं देखा ? कभी मधुमक्खी के छत्ते में नर और मादा मधुमक्खियों की संख्या पर ध्यान दिया है ? " रोबर्ट फुल फॉर्म में थे |
" हाँ ! हर छत्ते में मादा मधुमक्खियाँ नर मक्खियों से अधिक होती हैं | " लड़की ने उत्तर दिया |
" किन्तु कितनी ज्यादा ? यदि मादा मक्खियों की संख्या को नर मक्खियों की संख्या से भाग( डिवाइड ) दो तो यही PHI यानी 1.618 ही मिलेगा | " रोबर्ट मुस्कुराए
" असंभव ! " लड़की को विश्वास नहीं हो रहा था |
" असंभव नहीं संभव ! मैं प्रमाण देता हूँ, इस चित्र को पहचानो | " कहते हुए रोबर्ट ने एक घोंघे के कवच का चित्र दिखाया जिसमें कवच को खड़ा काटा हुआ था | "

" ये घोंघे का कवच है " लड़की ने झट से पहचान लिया |
" सही पहचाना, इस चक्रीय कवच में प्रत्येक चक्र का अंदर वाले चक्र की रेडियस ( त्रिज्या ) से अनुपात पता है कितना होता है ? " रोबर्ट फिर से हँसते हुए बोले
" PHI(=1.618) ही होता है क्या ? " लड़की विश्वास नहीं कर पा रही थी
" एकदम सही पहचाना " रोबर्ट चहके |
उस लड़की के साथ बाकी छात्र भी सन्न थे |
रोबर्ट ने एक सूरजमुखी के फूल का चित्र उठा कर सबको दिखाया | " हम सभी जानते हैं कि सूरजमुखी के बीच के हिस्से में सरे बीज एक एक करके एक गोलाई में व्यवस्थित होते हैं, क्या आप जानते हैं कि प्रत्येक बाहरी गोले का उसके अंदर वाले गोले के साथ क्या अनुपात होता है ? "
" 1.618 ? " सारे छात्रों ने आश्चर्य के साथ पूंछा |
Chapter-22

" एकदम सही | " रोबर्ट ने उत्तर की पुष्टि की | " अन्नास के शल्कों के घेरों का अनुपात हो या पत्तियों के ढेरों का अनुपात सब कुछ इसी एक संख्या का सम्मान करता है | "
" हे भगवान, सब कुछ इतना सटीक कैसे हो सकता है | " एक छात्र ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा |
" लेकिन इसका कला से क्या सम्बन्ध है " दूसरे छात्र ने पूंछा |
" मुझे इसी प्रश्न का इन्तेज़ार था " रोबर्ट ने तुरंत कहा | यह कहते हुए उन्होंने अपनी फाइल में से एक पीली सी पेंटिंग का प्रिंट निकाला |
" Vitruvian Man " सभी छात्र चहकते हुए बोले |
" हाँ, सही पहचाना | " रोबर्ट ने कहा " प्राचीन काल में मानव शरीर को दाविन्ची से अच्छा कोई नहीं समझा था | उन्होंने कब्रों से खोल कर शवों को अध्ययन में लगाया और यह उनकी सबसे पूर्ण कलाकृति है जो इस दैवीय अनुपात का सटीकता से पालन करती है | "
" ये नहीं हो सकता " कुछ छात्रों की आवाज़ आई |
" विश्वास नहीं होता ? आज घर जाकर अपने शरीर को ध्यान से देखिएगा | अपनी कुल लम्बाई में से अपनी नाभि तक की ऊंचाई को भाग करके देखना, यही अनुपात मिलेगा | " रोबर्ट ने कहा
छात्रों के चहेरे अभी भी कोरे थे |
" अच्छा मैं और प्रमाण देता हूँ, कोहनी से उँगली तक का कोहनी से कलाई तक अनुपात PHI है, नाभि की ऊंचाई को नाभि और घुटनों के बीच कि दुरी से भाग देकर देखिये उत्तर यही 1.618 मिलेगा सिर्फ इतना ही नहीं अंगूठे के अतिरिक्त हमारी हर उँगली में तीन पोर होते हैं, ऊपर के दो पोरों की लम्बाई का तीसरे पोर से अनुपात निकालिए उत्तर होगा 1.618, अभी भी विश्वास नहीं हुआ तो ज़रा इस तथ्य पर ध्यान दीजिए कि आदर्श रूप से सामने के दोनों दांतों की चौड़ाई का उनकी लम्बाई से अनुपात भी यही होता है, आदर्श रूप से चेहरे की लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात भी यही संख्या होती है, यदि होंठ और भौंहों के बीच की दूरी का नाक की लम्बाई के साथ अनुपात निकला जाये तो परिणाम यही होगा | नाक कि चौड़ाई का नासिका छिद्रों के बीच की दूरी से अनुपात भी यही है यहाँ तक कि पुतलियों के बीच की दूरी और भौंहों के बीच की दूरी से अनुपात भी 1.618 है | "

" जब कोई धार्मिक गुरु यह कहता है कि मनुष्य ईश्वर कि सबसे अच्छी रचना है तो असल में वह सही कहता है और क्या यह इससे सिद्ध नहीं हो जाता | मात्र बाहर से ही नहीं हमारे शारीर अंदर से भी इसी अनुपात को दर्शाते हैं | १९८५ में अमेरिकी डाक्टरों ने ध्यान दिया कि मानव फेफड़ों में से सांस का आदान प्रदान करने वाली पाईप जिसे ब्रोची कहा जाता है, अंदर जाकर दो असमान भागों में बाँट जाती है और इन दोनों असमान भागों की लम्बाई का अनुपात हर मनुष्य में यही 1.618 होता है यहाँ तक कि हमारी रीढ़ की हड्डी में भी इसी अनुपात को पा सकते हैं| हम सबको पता है कि हमारे शरीर में संतुलन बनाने का कार्य मध्य कान की एक छोटी सी चक्राकार हड्डी के द्वारा किया जाता है, यह भी घोंघे के कवच की तरह होती है और इसमें भी इसी अनुपात को पाया जाता है "
" मनुष्यों से इतर कोई उदाहरण ? " एक छात्र ने घबराते हुए पूंछा |
" हर जगह है मेरे बच्चे | शेर के पंजों, तोते की चोंच के घेरों में प्रत्येक बाहरी घेरे का अंदरूनी घेरे से यही सम्बन्ध है | इस पर भी विश्वास नहीं होता तो मकड़ी के जाले पर गौर करो, वह भी एक प्रकार से चक्रीय घेरे में जाला बुनती है और प्रत्येक बाहरी घेरे कि कुल लम्बाई अंदरूनी घेरे का 1.618 गुना होती है|" रोबर्ट ने उत्तर दिया |
" जीवित प्राणियों के अलावा कोई उदाहरण | " एक अन्य छात्र ने पूंछा |
" क्यों नहीं | यूनेस्को की तीन कलाकृतियों का नाम मैंने लेना चाहूँगा अंकोरवाट के मंदिर, गीज़ा के पिरामिड, नाका के पुरावशेष | " रोबर्ट ने उत्तर दिया "इनमे से अंकोरवाट और गीज़ा के बीच की दूरी है ४७४५ मील और गीज़ा तथा नाका के बीच की दूरी है ७६७७ मील | इन दोनों संख्याओं का अनुपात भी यही है | ये एक इत्तेफाक हो सकता है किन्तु यदि हम धरती का चक्कर लगाकर वापस नाका से अंकोरवाट आयें तो यह दूरी हुई १२,४४६ मील जो कि फिर से गीज़ा और नाका की दूरी से यही अनुपात रखती है |"
" इन्ही सारे तथ्यों को देखते हुए ही हमारे पूर्वजों ने प्रकृति की उपासना प्रारंभ की और उसे ही ईश्वर माना | हम सभी कुदरत की कारगरी का बेजोड नमूना हैं | "
क्लास खत्म करते हुए रोबर्ट ने बोर्ड पर एक पांच कोनों वाला सितारा बनाते हुए कहा " यह प्रकृति की पूजा करने वालों का सदियों से चिन्ह बना हुआ है क्यूंकि यह चिन्ह भी इसी सिद्धांत पर चलता है, इसमें प्रत्येक रेखा खुद को इसी 1.618 के अनुपात में काटती है | आजमा कर देख लीजिए " " अपनी इसी खूबी के कारण यह चिन्ह सदियों ने सुंदरता, सम्पूर्णता और स्त्रीत्व का प्रतीक है "
अपनी फाइल समेटते हुए रोबर्ट ने कहा " आज तो हमें दाविन्ची की पेंटिंग के बारे में अधिक पढ़ने का समय नहीं मिला किन्तु कल हम दाविन्ची कि लास्ट सपर पेंटिंग में प्रकृति पूजा के चिन्हों के बारे में पढेंगे "
" लेकिन वह तो ईसा के बारे में है " एक छात्र ने चकित होते हुए पूंछा |
" ऐसा कल के बाद नहीं सोचोगे, दाविन्ची अपनी पेंटिंग में चिन्ह छुपाने में माहिर थे | " रोबर्ट ने मुस्कुराते हुए कहा |
" चलो ना, अब क्या सोचने लगे आप ? " सोफी के इन शब्दों ने रोबर्ट को यादों से बाहर निकाला | सोफी की हरी आँखें जल्दी में रोबर्ट को दरवाज़े की तरफ बुला रही थीं " हम बस गेट तक आ गए हैं " सोफी ने फिर से कहा |
"नहीं ! यह वैसा नहीं है जैसा दीखता है बल्कि यह तो सबसे आसान कोड है | " रोबर्ट ने धीरे से कहा |
" मैं समझी नहीं " सोफी कुछ समझ नहीं पा रही थी कि रोबर्ट कि बारे में बात कर रहे थे |
" आपने खुद कहा कि आपके दादाजी ने मरते समय जो अंकपहेली लिखी वह fibonacci series थी और उसका मात्र वही अर्थ है अन्यथा वह बेकार हैं | अब ज़रा रुक कर सोचिये कि क्या ये तथ्य नीचे की लाइन के विषय में इशारा नहीं हुआ | ज़रा उस पहेली वाला प्रिंटआउट फिर से दिखाइए " रोबर्ट ने कहा |
सोफी के हाथ से लेकर रोबर्ट ने उस पहेली को फिर से देखा |

13-3-2-21-1-1-8-5
O, Draconian devil!
Oh, lame saint!

यदि 13-3-2-21-1-1-8-5 को क्रम से लगाने पर प्राप्त होता है 1-1-2-3-5-8-13-21 तो इसी अनुपात से अगर हम इसे लगाएं तो

O, Draconian devil!
Oh, lame saint!

क्या मिलेगा | रोबर्ट ने जैसे ही उन अक्षरों को ठीक अंकों वाले क्रम में बिठाया सोफी की आँखें आश्चर्य से फटी रह गयीं, पहेली साफ़ थी और उत्तर था

Leonardo da Vinci!
The Mona Lisa
Chapter-23

सीढ़ियों के पास खड़ी सोफी एक पल को जैसे म्यूजियम से भागने आदि के बारे में भूल ही गयी | रोबर्ट उसकी आँखों में कोड को खुद ना तोड़ पाने की शर्म को देख पा रहे थे और साथ ही साथ यह भी सोच कर आश्चर्यचकित थे कि मृत्यु के इतने करीब होते हुए भी क्यूरेटर इतनी जटिल पहेली कैसे सोच पाए |
लेकिन दादाजी ने मुझे पहेली में मोनालिसा क्यूँ लिखा यह प्रश्न सोफी के दिमाग में आया | अगले ही पल उसे याद आया कि जहां क्यूरेटर मृत पाए गए वहाँ से कुछ ही मीटर दूरी पर मोनालिसा पेंटिंग का चैंबर है ! ज़रूर दादाजी ने वहाँ मेरे लिए कोई संकेत या सन्देश छोड़ा होगा |
" मुझे मोनालिसा पेंटिंग देखनी होगी | " सोफी ने कहा |
" अभी ? " रोबर्ट चिंतित हो उठे " एम्बेसी का क्या ? "
सोफी को याद आया कि रोबर्ट अब एक भगोड़े थे और उनके लिए यहाँ से निकलना सबसे ज्यादा ज़रुरी है |
" ये मेरी कार की चाभी लीजिए ! सीढ़ियों से बाहर निकलते ही मेरी गाडी दिखाई देगी, एम्बेसी यहाँ से मात्र १ मील की दूरी पर है |" सोफी ने जल्दी से कहा " मैं अभी शक के घेरे में नहीं हूँ अतः मैं ये खतरा उठा सकती हूँ, मुझे लगता है दादाजी मुझे कुछ बताना चाहते हैं | "
" लेकिन यदि ऐसा था तो वो सीधे सन्देश लिख देते | " रोबर्ट का संदेह जागा |
" शायद कुछ ऐसा हो जो वो किसी और को नहीं बताना चाहते, पुलिस को भी नहीं " सोफी ने उत्तर दिया |
रोबर्ट को यह बात सही लगी, क्यूरेटर ने हर संभव प्रेस किया भी था ताकि कोई भी उनके सन्देश को ना समझ सके | " मैं भी आपके साथ आता हूँ " रोबर्ट ने कहा |
" मैं भी आपके साथ आता हूँ " रोबर्ट ने कहा |
" नहीं मिस्टर रोबर्ट, आपको पहले सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना चाहिए | आप जाइये मैं आपको एम्बेसी में मिलती हूँ | " सोफी ने अनुरोधमिश्रित मुस्कान के साथ कहा |
" एम्बेसी में मैं आपसे बस एक शर्त पर मिलूँगा " रोबर्ट ने गंभीर होते हुए कहा |
" क्या ? " सोफी ने चिंतित होते हुए कहा |
मुसीबतों में घिरे होने पर भी मर्द रूमानी सोच सकता है | हया, नफासत, नजाकत औरतों को देने के बाद उपरवाले ने एक ये हुनर ही मर्दों को दिया है |
रोबर्ट ने उत्तर दिया " ये मिस्टर रोबर्ट कहना बंद करिये "
" ठीक है रोबर्ट, अब जल्दी से जाओ प्लीज़ " सोफी के चेहरे पर संतोषजनक मुस्कान आ गयी |
रोबर्ट ने बदले में मुस्कान दी और तेज़ी से पलट कर सीढ़ियों की तरफ बढ़ चले | सीढ़ियों से आगे जाते हुए रोबर्ट के मन में इच्छा आई कि काश वो अचानक अपने बिस्तर में होते और ये सब एक सपना होता | आज की शाम से हो रहा घटनाक्रम एक बुरे सपने जैसा ही तो था |
इतने बड़े विद्वान की हत्या फिर उसका इस तरह पहेली लिखना और उसमें भी उसका नाम होना | रोबर्ट के कदम ठिठके ! क्यूरेटर जानते थे कि मैं कोड तोड़ने में माहिर नहीं हूँ फिर उन्होंने मुझे ढूँढने के लिए क्यूँ लिखा | उस पहेली का उत्तर तो कुछ देर में सोफी खुद ही ढूंढ सकती थी जैसा कि उसने अंक पहेली का उत्तर ढूंढ निकाला था तो फिर खास क्या था ! क्यूरेटर ने मरते समय अपने खून से उसका नाम क्यूँ लिखा | जिस इंसान से वो कभी मिले ही नहीं उसका नाम अपनी अंतिम इच्छा में लिखने का कुछ तो कारण होगा |
किन्तु उत्तर कैसे मिलेगा ?!
" मुझे वापस जाना चाहिए " रोबर्ट अपना निश्चय कर चुके थे और अगले ही पल वो सोफी की तरफ दौड लिए |
एक लड़का और एक लड़की सिर्फ दोस्त भी हो सकते हैं मगर कमबख्त होते नहीं हैं |

सिस्टर के जाते ही सिलास ने चर्च में प्रार्थना के लिए झुकने का नाटक किया और धीरे से चर्च की फर्श पर बनी सुनहरे रंग की लाइन को देखा | " ये रही मंजिल " सिलास ने मन में कहा |
सिलास ने आज टीचर को फोन पर यही कहा था कि कीस्टोन इस चर्च में ही छिपा हुआ है |
सिलास ने चर्च में ही पड़ी एक लोहे कि रोड से फर्श तोडना शुरू कर दिया |
Chapter-24

उधर म्यूजियम में सोफी मोनालिसा पेंटिंग के सामने खड़ी ध्यान से देख रही थी किन्तु कोई भी संकेत कोई सन्देश वहाँ नहीं था |
अचानक ही उसे अदृश्य स्याही का ख्याल आया | तुरंत ही सोफी ने उसे देखने के लिए अपने कोट के जेब में क्रिमसन टोर्च को ढूँढा किन्तु तभी रोबर्ट के भागते हुए आने की आवाज़ सुनाई दी |
" मैंने तुम्हे जाने को कहा था रोबर्ट " सोफी ने धीरे से चिल्लाते हुए कहा |
" मेरा यहाँ रहना अधिक ज़रुरी है ! मुझे बताओ कि क्यूरेटर ने जो अपने सन्देश में ps दो अक्षर लिखे हैं उनका क्यूरेटर ने कहीं और किसी दूसरे अर्थ में प्रयोग किया है " रोबर्ट ने पूंछा |
" रोबर्ट को कैसे पता चला ये सब ! " सोफी ने सोचा |

सोफी को एक पल को लगा कि रोबर्ट भी उसी समूह का हिस्सा है किन्तु रोबर्ट की अगली लाइन सोफी के लिए राहत भरी थी " मैंने उस सब पर काफी कुछ लिखा है "
" मुझे पूरा विश्वास है कि आपके दादाजी प्रकृति पूजा करने वाले समूह का हिस्सा थे जो हजारों सालों से छिप छिप के अपना अस्तित्व छुपाये हुए हैं और उस राज़ को भी | "

कुछ दूरी पर कैप्टन और लेफ्टिनेंट ट्रक में साबुन को देख कर हैरान हो रहे थे | कैप्टन ने तुरंत ही अमेरिकन एम्बेसी में रोबर्ट के लिए आये सन्देश के बारे में पता लगाया तो पता लगा कि वहाँ से पिन कोड सिस्टम तीन साल पहले ही हटा दिया गया | कैप्टन खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे, एक लड़की उनके मोबाइल से उनके सामने रोबर्ट को सन्देश दे गयी और उन्हें पता भी नहीं चला |

चर्च में सिलास जब फर्श तोड़ने में लगा हुआ था तब उसे देख कर सिस्टर को पूरा यकीन हो गया कि ये आगंतुक वही आफत है जिसको टालने के लिए उसे चर्च में रखा गया है | सिस्टर चर्च की देखरेख करने के अतिरिक्त और भी कुछ थीं |

सोफी और रोबर्ट म्यूजियम के मोनालिसा पेंटिंग वाले हिस्से में जा रहे थे |
मोनालिसा, 31x21 की पेंटिंग जो किसी हिसाब से असाधारण नहीं है | असल में इसकी प्रसिद्धि का कारण है लियोनार्डो दाविंची का इसे सदैव अपने साथ रखना | मोनालिसा पेंटिंग असल में विन्ची की शरारत थी, उसमें इतने दिअर्थी संकेत और भ्रम उत्पन्न करने वाली चीज़ें हैं जो रोबर्ट को हंसा देते हैं |
लियोनार्डो की इस पेटिंग को देखते ही रोबर्ट को दो साल पहले का जेल के अंदर दिया लेक्चर याद आ जाता है |
Chapter-25

जेल के प्रोजेक्टर पर मोनालिसा की पेंटिंग की तरफ इशारा करते हुए रोबेर्ट कैदियों से कहते हैं " आप सब देख सकते हैं कि इस पेंटिंग में पार्श्व ( बैकग्राउंड ) में बायीं ओर खड़ी रेखाएं दाहिनी ओर की अपेक्षा नीचे हैं |"
" इसका मतलब इसे बनाने वाले को पेंटिंग नहीं आती थी " एक कैदी ने उत्सुकता से कहा |
रोबेर्ट कैदी की अज्ञानता पर हँसते हुए कहते हैं " नहीं ! ऐसा नहीं है | दाविन्ची ने ऐसा जानबूझ कर किया | कला के सिद्धांतों के अनुसार बायाँ हिस्सा स्त्री और दायाँ हिस्सा पुरुष का प्रतीक होता है, इस प्रकार दाहिनी तरफ के पार्श्व को नीचा रख कर दाविन्ची ने मोनालिसा के दाहिने हिस्से को भारी दिखने का प्रयत्न किया जो की उनके प्रकृतिपूजक होने का प्रमाण है |"
" मैंने सुना कि दाविन्ची नवाबी शौक रखते थे " एक कैदी ने कहा |
" इतिहासकार होने के नाते मैं इस बात से इनकार करूँगा लेकिन ये सही है कि दाविन्ची समलैंगिक थे " रोबेर्ट ने बेबाकी से कहा |
" इसी लिए वो प्रकृतिपूजा में ज्यादा तल्लीन थे क्या ?" उसी कैदी ने पुनः पूंछा |
" असल में दविन्ची उस विचारधरा के समर्थक थे जो संसार में स्त्री-पुरुष तत्वों का संतुलन चाहती है | इस प्रकार के अवयव सारे विश्व में, हर प्राचीन सभ्यता में हिन्, यूरोप में इन्हें पैगं कहते हैं, चीनी सभ्यता में यिंग-यांग समीकरण की पूजा होती है और भारतीय सभ्यता में अर्धनारीश्वर भगवान् की पूजा होती है तो इस प्रकार प्रकृतिपूजक होना अपने में कोई बुराई नहीं थी | दाविन्ची के अनुसार मनुष्य को मोक्ष तभी मिल सकता है जब उसमें पुरुष व् स्त्री दोनों प्रकार की शक्तियां हों "
" रोबेर्ट ! मैंने सुना है कि मोनालिसा और कुछ नहीं दाविन्ची का खुद का चित्र था जो उन्होंने नशे में बनाया और गलत सलत बन गया था ?" एक कैदी ने रोबेर्ट को पुकारते हुए कहा |
रोबेर्ट एक पल को उस कैदी की जानकारी से विस्मित हुए फिर उत्तर देते हुए बोले " हो सकता है, कुछ कलाविदों ने मोनालिसा और दाविन्ची के चित्रों का कंप्यूटर की मदद से विश्लेषण किया और पाया कि दोनों में काफी समानताएं हैं | वास्तविकता जो भी किन्तु इतना तो तय है कि मोनालिसा ना तो स्त्री थी और ना ही पुरुष, उसमें दोनों के शारीरिक लक्षण थे "
" आप कहीं छुपे शब्दों में ये तो नहीं कहना चाहते कि मोनालिसा असल में बदसूरत महिला का चित्र है "
इस वाक्य पर रोबेर्ट सहित सभी कैदी हंस पड़े, कुछ देर में अपनी हंसी सँभालते हुए रोबेर्ट ने कहा " इसका प्रमाण भी है कि मोनालिसा असल में दाविन्ची का एक मज़ाक मात्र है | आप में से कोई जानता है अमोन (amon) क्या होता है ?"
" ये एक इजिप्शियन देवता का नाम है " एक भारीभरकम कैदी ने दांत निपोरते हुए कहा |
" एकदम सही, अमोन इजिप्शियन परंपरा में पुरुष शक्ति के देवता हैं, और क्या आप जानते हैं कि इसी देवता की तुलना में स्त्री शक्ति की देवी को क्या कहते थे ?" रोबेर्ट ने चहकते हुए कहा |
किसी कैदी का उत्तर ना मिलने पर रोबेर्ट ही उत्तर देते हैं " देवी का नाम था लिसा (lisa)" " अब दोनों नामों को पास रख कर देखिये "

amon lisa

" ये तो मोनालिसा ही हुआ लगभग " एक कैदी ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा |
" दादाजी मरने से पहले यहाँ आये थे " सोफी की लाइन ने अचानक रोबेर्ट को याद से खींचा |
रोबेर्ट को कुछ समझ आता इससे पहले ज़मीन पर पड़ी खून की बूँद की तरफ इशारा करते हुए सोफी कहती है " ज़रूर कोई ना कोई वजह होगी उनके यहाँ आने की, हम सही दिशा में बाद रहे हैं "
" लेकिन क्या? चलो पेंटिंग के पास चेक करते हैं " रोबेर्ट ने कहा |
दोनों पेंटिंग के पास काफी देर तक छान लेते हैं किन्तु कुछ नहीं मिलता पर तभी क्रिमसन टोर्च को पेंटिंग पर लगते ही मोनालिसा पेंटिंग पर एक वाक्य देख कर दोनों दंग रह जाते हैं

ट्रक में पड़े साबुन को देखकर कैप्टन का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया | और उसने तुरंत ही म्यूजियम में बैठे अधिकारियों को म्यूजियम में सशस्त्र सुरक्षाकर्मी भेजकर रोबर्ट को ढूँढने के लिए कहा |
उधर मोनालिसा की पेंटिंग पर अदृश्य स्याही से उभरे उन अक्षरों को रोबर्ट और सोफी एकटक देख रहे थे |
" ये सिद्ध करता है कि आपके दादाजी उस समूह में थे | " रोबर्ट ने धीरे से सोफी से कहा |

So dark the man of con

पेंटिंग के ठीक नीचे ये लाइन लिखी हुई थी, लाइन देखते ही सोफी ने अपने दादा की हैंडराइटिंग पहचान ली | " दादाजी मुझे कुछ और बताना चाहते हैं, उन्होंने सिर्फ इतना बताने के लिए मुझे यहाँ तक बुलाया " सोफी ने संदेह व्यक्त किया |
रोबर्ट सोफी का संदेह समझ गए | सोफी का अनुमान था कि ये लाइन उनके लिए नया कोड थी किन्तु रोबर्ट को ऐसा नहीं लग रहा था |
" रोबर्ट कोई आ रहा है " सोफी ने अचानक कहा |

दोनों जैसे ही किसी सुरक्षित स्थान पर छुपने का उपक्रम करते एक आवाज़ पुरे हाल में गूँज उठी | " रुक जाओ " एक गार्ड फ्रेंच में चिल्ला के आदेश दे रहा था | उसकी पिस्टल का निशाना सीधे रोबर्ट के सीने पर था

और रोबर्ट के हाथ बिना किसी प्रयत्न के उठ गए |
" ज़मीन पर लेटो ! चुपचाप लेट जाओ | " गार्ड पुनः चिल्लाया |
रोबर्ट कुछ ही सेकंड्स में चुपचाप ज़मीन पर पेट के बल लेट गए |
गार्ड ने अपनी पिस्टल रोबर्ट की पीठ में गड़ाते हुए उसकी दोनों टांगों को दूर फैलाया |
गार्ड वास्तव में तो अपनी पिस्टल का ट्रिगर खींच कर रोबर्ट को वहीँ ढेर करना चाहता था किन्तु कैप्टन के सख्त आदेश थे कि दोनों को जिंदा गिरफ्तार करके रखना |
" इस साले ने क्यूरेटर की जान ले ली " ये शब्द बार बार रील की तरह गार्ड के मन में घूम रहे थे |
गार्ड अपने वाकी टाकी पर सभी को सूचना देना चाहता था किन्तु हर बड़ी ईमारत की तरह म्यूजियम के इस हिस्से में वाकी टाकी काम नहीं कर पाते थे, वाकी टाकी को नेटवर्क में लाने के लिए गार्ड को हाल के आखिरी हिस्से के दरवाज़े तक पहुँचाना ज़रुरी था |
रोबर्ट की पीठ पर निशाना साधे हुए गार्ड धीरे धीरे गेट तक पीछे जा रहा था तभी उसे अँधेरे में एक महिला की आकृति अपनी तरफ आती हुई दिखाई | 
                        

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